भारत से बाहर छठे विकेट के लिए 5 सबसे बड़ी साझेदारियां

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वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ सेंट लूसिया में खेले गए तीसरे टेस्ट मैच के दूसरे दिन आर अश्विन और ऋद्धिमान साहा ने शतक लगाते हुए भारत को संकट से उबारा और छठे विकेट के लिए 213 रनों की साझेदारी करते हुए कई दिग्गजों के साथ अपना नाम शुमार कर लिया। भारत से बाहर छठे विकेट के लिए इन दोनों के बीच ये दूसरी सबसे बड़ी साझेदारी थी। अश्विन ने अपने करियर और वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ चौथा शतक लगाया, तो साहा ने भी अपने करियर का पहला शतक पूरा किया। आइए एक नज़र डालते हैं छठे विकेट के लिए भारत से बाहर अब तक की 5 सबसे बड़ी साझेदारियों पर: #1 मोहम्मद अज़हरउद्दीन और सचिन तेंदुलकर, 222 रन, केप टाउन मोहम्मद अज़हरउद्दीन और सचिन तेंदुलकर के नाम अभी भी छठे विकेट के लिए सबसे बड़ी साझेदारी का रिकॉर्ड है। अज़हर और सचिन ने 1997 में दक्षिण अफ़्रीका के ख़िलाफ 222 रनों की पार्टनरशिप की थी। 1997 में केपटाउन में खेले गए इस टेस्ट में दक्षिण अफ़्रीका ने पहली पारी में 529 रन बनाए थे, जिसके जवाब में टीम इंडिया के 5 विकेट 58 रन पर गिर गए थे। भारत के सामने फॉलोऑन का ख़तरा मंडरा रहा था। सचिन तेंदुलकर (169) और मोहम्मद अज़हरउद्दीन (115) ने शतक जड़ते हुए प्रोटियाज़ गेंदबाज़ का डटकर सामना किया। दोनों के बीच 222 रनों की साझेदारी हुई, भारत मैच तो नहीं जीत पाया लेकिन इन दोनों की इस साझेदारी ने फ़ॉलोऑन बचा लिया। #2 आर अश्विन और ऋद्धिमान साहा, 213 रन, सेंट लूसिया CRICKET-INDIA-WINDIES वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ 4 टेस्ट मैचों की सीरीज़ में भारत 1-0 से आगे था और सेंट लूसिया में टॉस हारने के बाद हरी पिच पर पहले बल्लेबाज़ी करते हुए टीम इंडिया के 5 विकेट 126 रन पर गिर चुके थे। ऐसा लग रहा था कि भारत यहां से 200 का आंकड़ा भी छू पाएगा या नहीं। अपने आपको एक बेहतरीन ऑलराउंडर स्थापित करने वाले आर अश्विन ने एक और शानदार पारी खेलते हुए भारत को संकट से उबारा। अश्विन का साथ दे रहे थे ऋद्धिमान साहा जिनकी विकेटकीपिंग पर तो किसी को संदेह नहीं, लेकिन इस टेस्ट मे विपरित परिस्थिति में शानदार बल्लेबाज़ी करते हुए उन्होंने साबित कर दिया कि विकेट के पीछे और सामने दोनों जगह बंगाल का ये कीपर लाजवाब है। अश्विन (124) और साहा (104) दोनों ने शतक लगाया और 200 रनों की साझेदारी करते हुए भारत को 353 रनों के स्कोर तक पहुंचा दिया। इन दोनों के बीच 213 रनों की साझेदारी हुई, जो इस फ़हरिस्त में दूसरे नंबर पर है। #3 महेंद्र सिंह धोनी और इरफ़ान पठान, 210 रन, फ़ैसलाबाद Pakistani cricketer Shoaib Akhtar (R) wa इस फ़ेहरिस्त में तीसरे नंबर पर एक और विकेटकीपर बल्लेबाज़ शामिल हैं, और वह हैं टीम इंडिया के पूर्व टेस्ट कप्तान महेंद्र सिंह धोनी। 2006 में पाकिस्तान के फ़ैसलाबाद में खेले गए इस टेस्ट में रनों की ख़ूब बारिश हुई थी। पाकिस्तान ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए 588 रन बनाए थे, जिसके जवाब में भारत की ओर से राहुल द्रविड़ के 103 और वीवीएस लक्ष्मण के 90 रनों की बदौलत टीम इंडिया ने आग़ाज़ तो शानदार किया था। लेकिन मध्यक्रम में भारतीय पारी लड़खड़ा गई थी और 281 रनों पर 5 विकेट गिर गए थे। क्रीज़ पर अब थे महेंद्र सिंह धोनी और ऑलराउंडर इरफ़ान पठान, इन दोनों ने मिलकर पाकिस्तानी गेंदबाज़ों को ख़ूब परेशान किया। धोनी ने शतक लगा डाला था, और पठान भी शानदार बल्लेबाज़ी कर रहे थे। धोनी ने 148 और पठान ने 90 रन बनाए, दोनों के बीच 210 रनों की साझेदारी हुई और ये हाई स्कोरिंग मैच ड्रॉ रहा। #4 विजय हज़ारे और दत्तू फाडकर, 188 रन, एडिलेड DATTU भारत के लिए ऑस्ट्रेलिया का दौरा हमेशा से कठिनाइयों से भरा रहा है, लेकिन इस फ़ेहरिस्त में जो अगला ज़िक्र है, वह आज़ादी के ठीक बाद 1948 के टेस्ट मैच का है। जब भारतीय क्रिकेट टीम नौसिखिया समझी जाती थी। ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ एडिलेट टेस्ट में मेज़बान टीम ने डॉन ब्रैडमैन के दोहरे शतक और ए एल हैसेट के 198 नाबाद रनों की बदौलत 674 रन बना डाले थे। जवाब में टीम इंडिया की पहली पारी के पांच विकेट 133 रनों पर गिर चुके थे। विजय हज़ारे और दत्तु फाडकर ने यहां से हिम्मत नहीं हारी और दोनों ने ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज़ों के सामने डटकर बल्लेबाज़ी की और अपने अपने शतक लगा डाले थे। दोनों के बीच छठे विकेट के लिए 188 रनों की साझेदारी हुई, हालांकि इसके बाद भी भारत फॉलोऑन नहीं बचा पाया और पारी की हार का सामना करना पड़ा। #5 संदीप पाटिल और यशपाल शर्मा, 147 रन, एडिलेड patil_2907504b अश्विन और साहा जब वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ छठे विकेट के लिए बड़ी साझेदारी कर रहे थे, तो सेंट लूसिया में बैठे मौजूदा भारतीय मुख्य चयनकर्ता को 1981 में एडिलेड में खेली उनकी पारी याद आ रही होगी। जी हां, इस फ़ेहरिस्त में अगला नाम संदीप पाटिल का है, जिन्होंने यशपाल शर्मा के साथ मिलकर ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ एडिलेड में छठे विकेट के लिए 147 रनों की साझेदारी की थी। ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए 528 रन बनाए थे, जिसके जवाब में चेतन चौहान के 97 रनों रनों की बदौलत भारत की शुरुआत तो अच्छी रही थी। लेकिन इसके बाद डेनिस लिली की घातक गेंदबाज़ी से भारतीय मिडिल ऑर्डर चरमरा गया था। भारत के 5 विकेट 238 रनों पर गिर गए थे, भारत पर फ़ॉलोऑन का ख़तरा था। यहां से संदीप पाटिल ने धुआंधार पारी खेलते हुए अपना शतक पूरा किया और उनका साथ दे रहे थे यशपाल शर्मा जो सिर्फ़ एक दर्शक की तरह दूसरे छोर से संदीप की सनसनी का लुत्फ़ उठा रहे थे। दोनों के बीच हुई 147 रनों की साझेदारी में यशपाल शर्मा ने सिर्फ़ 47 रन बनाए थे। संदीप पाटिल ने 240 गेंदो पर 174 रन बनाकर भारत का स्कोर 419 रनों तक पहुंचा दिया था, जिसकी बदौलत भारत मैच ड्रॉ कर पाने में क़ामयाब रहा था।