भारत के लिए ऑस्ट्रेलिया का दौरा हमेशा से कठिनाइयों से भरा रहा है, लेकिन इस फ़ेहरिस्त में जो अगला ज़िक्र है, वह आज़ादी के ठीक बाद 1948 के टेस्ट मैच का है। जब भारतीय क्रिकेट टीम नौसिखिया समझी जाती थी। ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ एडिलेट टेस्ट में मेज़बान टीम ने डॉन ब्रैडमैन के दोहरे शतक और ए एल हैसेट के 198 नाबाद रनों की बदौलत 674 रन बना डाले थे। जवाब में टीम इंडिया की पहली पारी के पांच विकेट 133 रनों पर गिर चुके थे। विजय हज़ारे और दत्तु फाडकर ने यहां से हिम्मत नहीं हारी और दोनों ने ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज़ों के सामने डटकर बल्लेबाज़ी की और अपने अपने शतक लगा डाले थे। दोनों के बीच छठे विकेट के लिए 188 रनों की साझेदारी हुई, हालांकि इसके बाद भी भारत फॉलोऑन नहीं बचा पाया और पारी की हार का सामना करना पड़ा।