बर्थडे स्पेशल: 5 मौक़े जब सौरव गांगुली ने साबित किया वही हैं क्रिकेट के असली दादा

#3 2003 विश्वकप में टीम को फाइनल तक पहुंचाया

2003 में दक्षिण अफ्रीका, ज़िम्बाब्वे और केन्या में हुए विश्वकप में गांगुली के पास अपनी कप्तानी की क्षमता दिखाने का शानदार मौका था और उन्होंने किसी को निराश नहीं किया। उनकी कप्तानी में भारतीय टीम ने लीग मैचों में नीदरलैंड, ज़िम्बाब्वे, नामीबिया, इंग्लैंड और हराया जबकि उसे ऑस्ट्रेलिया से एकमात्र हार मिली। इसके बाद हुए सुपर सिक्स के मुकाबले में भारत ने केन्या, श्रीलंका और न्यूजीलैंड को आसानी से हरा दिया। सेमीफाइनल में केन्या को हराकर टीम 1983 के बाद पहली बार फाइनल में पहुँच गयी। फाइनल में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को आसानी से हरा दिया लेकिन दादा की कप्तानी की काफी तारीफ हुई। उस विश्वकप में गांगुली ने 11 मैचों में 58.12 की औसत में 465 रन बनाये थे और सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाजों में दूसरे स्थान पर थे।