ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे में भारतीय गेंदबाजों के 5 बेहतरीन गेंदबाजी स्पेल

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भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच आज से शुरु हो रही 5 मैचों की एकदिवसीय श्रृंखला में कांटे की टक्कर होने की उम्मीद है। दोनों ही टीमें एकदिवसीय क्रिकेट की मजबूत टीमें हैं और दोनों ही टीमों में कई मैच विजेता खिलाड़ी हैं। इतिहास में ऑस्ट्रेलिया सभी प्रारूपों में भारत पर हावी रहा है, लेकिन कुछ अवसरों पर भारत ने विश्व चैंपियन को व्यक्तिगत प्रदर्शनों के बूते आश्चर्यचकित कर दिया। भारतीयों की जीत में अक्सर बल्लेबाजों ने अहम किरदार निभाया है लेकिन भारतीय गेंदबाजों ने भी कुछ मौकों पर अपनी छाप छोड़ी है। भारत की स्पिन गेंदबाजी हमेशा ऑस्ट्रेलिया के लिए एक चुनौती रही है और कई मौकों पर भारतीय गेंदबाज़ो ने अपने प्रेरणादायक प्रदर्शन से ऑस्ट्रेलिया को हराया है। आइए आपको बताते हैं भारतीय गेंदबाजों द्वारा ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ डाले गए वो 5 बेहतरीन स्पेल जिससे भारतीय टीम को जीत मिली। #सचिन तेंदुलकर 32 -5, कोच्चि, 1998 सचिन तेंदुलकर ने अपने बल्ले से भारत के लिए कई मैच जीते, लेकिन 1998 में कोच्चि में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच में अपनी गेंदबाजी का जलवा दिखाया। अपनी बल्लेबाजी की तरह तेंदुलकर की गेंदबाजी में भी बहुत विविधिताएं हैं। कोच्चि में त्रिकोणीय श्रृंखला के पहले एकदिवसीय मैच में उन्होंने इसका परिचय दिया। अजय जडेजा के आक्रामक शतक की बदौलत भारत ने 309 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया। जवाब में एडम गिलक्रिस्ट के धुआंधार अर्धशतक की बदौलत ऑस्ट्रेलियाई टीम ने अच्छी शुरुआत की। स्टीव वॉ और माइकल बेवन की जोड़ी ने ताबड़तोड़ बल्लेबाजी कर ऑस्ट्रेलिया को मैच में बनाए रखा । अंतिम 20 ओवरों में छह रन से नीचे के जरुरी रन-रेट के साथ ऑस्ट्रेलिया एक आसान जीत की ओर बढ़ता नज़र आ रहा था। इसके बाद भारतीय कप्तान ने सचिन तेंदुलकर के गेंद थमाई। 32वें ओवर में सचिन ने वॉ को अपनी ही गेंद पर कैच पकड़कर पवेलियन का रास्ता दिखाया। यहीं से ऑस्ट्रेलियाई टीम धराशायी हो गई । इसके बाद डैरेन लेहमैन विकेट के सामने फंस गये और टॉम मूडी भी कुछ जल्दी रन बनाने के बाद आउट हो गए । सचिन ने बेवन को भी आउट किया, जो कि एक बहुत बड़ी सफलता थी। इसके बाद डेमियन मार्टिन का विकेट लेकर सचिन ने वनडे क्रिकेट में अपना पहला पांच विकेट लिया। इस भारतीय गेंदबाज ने ऑस्ट्रेलिया के मध्य क्रम को तोड़ दिया, जिससे ऑस्ट्रेलियाई टीम संभल नहीं सकी। भारत ने अंत में 41 रनों से मैच जीत लिया। #कपिल देव 43-5, नॉटिंघम, 1983 e766e-1505380645-800 1983 के विश्व कप को कपिल देव द्वारा लिए विवियन रिचर्ड्स के कैच और जिम्बाब्वे के खिलाफ खेली गई उनकी 175 रनों की मैराथन पारी के लिए आज भी याद किया जाता है। लेकिन कम ही लोग जानते हैं कि उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक मैच में घातक गेंदबाजी की थी। उस मैच में कपिल देव ने 5 विकेट चटकाए थे। हालांकि ऑस्ट्रेलिया द्वारा भारतीय टीम के 162 रन से हारने की वजह से किसी का ध्यान कपिल की शानदार गेंदबाजी पर नहीं गया। 320 रनों के बड़े लक्ष्य का पीछा करते हुए भारतीय टीम 158 रनों पर सिमट गई। ऑस्ट्रेलिया की पारी में कपिल ने अपने पहले स्पेल में केप्लर वेसल्स को आउट किया। सिर्फ 5 विकेट पर 277 रन बनाकर ऑस्ट्रेलियाई टीम एक बड़े स्कोर की तरफ बढ़ती दिख रही थी लेकिन कपिल ने निचले क्रम के बल्लेबाजों को जमने का मौका ही नहीं दिया। उन्होंने रॉडने मार्श, केन मैकलेय, होगान लॉसन का विकेट निकालकर ऑस्ट्रेलियाई टीम को ज्यादा बड़ा स्कोर बनाने से रोका। कपिल ने 43 रन देकर पांच विकेट लिए, लेकिन फिर भी भारत को एक बड़े अंतर से वनडे मुकाबले में मिली हार ने खुशी कम कर दी थी। #रवि शास्त्री - 5 विकेट , पर्थ, 1991

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बेन्सन एंड हेजर्स वर्ल्ड सीरीज़ में पर्थ के मुश्किल विकेट पर ऑस्ट्रेलिया टीम भारत के खिलाफ 209 रन का पीछा कर रही थी। कपिल देव, मनोज प्रभाकर और श्रीनाथ की तिकड़ी के आगे ऑस्ट्रेलियाई टीम बैकफुट पर नजर आ रही थी। हालत ये हो गई की कंगारु टीम के 5 विकेट महज 65 रनों पर गिर गए। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया के सामने आक्रमक तरीके से बल्लेबाजी करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचा था क्योंकि जरुरी रन रेट बढ़ता ही जा रहा था। हालांकि इसके लिये कंगारु टीम ने गलत गेंदबाज को चुना। भारत के आलराउंडर रवि शास्त्री ने असाधारण लेग स्पिन गेंदबाजी की और ऑस्ट्रेलिया के निचले क्रम को तहस नहस कर के रख दिया। स्टीव वॉ शास्त्री की गेंद पर आउट होने वाले पहले खिलाड़ी थे। कुछ ओवर बाद इयान हीली क्रीज़ पर आगे बढ़कर मारने के प्रयास में स्टंप आउट हो गए।निचले क्रम के बल्लेबाज़ टेलर और मैकडरमॉट भी ज्यादा समय न बिता सके और जल्द ही ऑस्ट्रेलिया को भारत ने 101 रनों समेट दिया। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 107 रनों से मिली ये जीत भारत की ऑस्ट्रेलिया में सबसे यादगार जीत में से एक रही है। इस जीत के असली हीरो शास्त्री रहे जिन्होंने 7 ओवरों में 15 रन दे पांच विकेट लिए। #अजित अगरकर- 42- 6, मेलबोर्न, 2004 9b8b9-1505381238-800 एडिलेड में छह विकेट लेकर भारत को एक यादगार टेस्ट जीत दर्ज कराने के बाद अजित अगरकर ने एक बार फिर 2004 में मेलबर्न में ऑस्ट्रेलिया के 6 बल्लेबाजों को पवेलियन भेजा। जिस पिच पर अगरकर ने 6 विकेट निकाले वो पिच बल्लेबाजों के अनुकूल थी और दोनों पारियों में कुल मिलाकर 550 से ज्यादा रन बने। हालांकि अगरकर उस दिन अलग ही फॉर्म में नजर आ रहे थे। उन्होने अपने पहले स्पेल में ऑस्ट्रेलियाई सलामी बल्लेबाजों को पवेलियन भेजा, जो कि काफी खतरनाक लग रहे थे। अगरकर ने मैथ्यू हेडन और डेमियन मार्टिन को लगातार आउट कर ऑस्ट्रेलिया खेमे में खलबली मचा दी। ऑस्ट्रेलिया का स्कोर जल्द ही 70 रन पर 3 विकेट हो गया। अंतिम ओवरों में उन्हें एंड्रयू सायमंड्स का बड़ा विकेट मिला और उसके बाद अपने आखिरी ओवर में इयान हार्वे और एंडी बिकेल के विकेट लिए। पारी में छह विकेट के साथ अगरकर ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एकदिवसीय क्रिकेट में किसी भी भारतीय गेंदबाज द्वारा सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी का रिकॉर्ड बनाया। #मुरली कार्तिक - 27-6, मुंबई 2007 dad71-1505381282-800 जब भारत और ऑस्ट्रेलिया की टीमें श्रृंखला के आखिरी और सातवें एकदिवसीय मैच के लिए मुंबई पहुंचीं, तब तक ऑस्ट्रेलियाई टीम श्रृंखला जीत चुकी थी। इसलिए दोनों ही टीमों ने अपनी-अपनी बेंच स्ट्रेंथ को आजमाया। पहले बल्लेबाजी करते हुए कंगारु टीम एक समय 2 विकेट के नुकसान पर 117 रन बनाकर बड़े स्कोर की ओर बढ़ती दिख रही थी। हालांकि यहीं से पिच स्पिनरों के लिए अनुकूल होती चली गई। जिसके बाद मुरली कार्तिक ने घातक गेंदबाजी की। कार्तिक ने सबसे पहले काफी समय से बल्लेबाजी कर रहे ब्रेड हॉज को विकेटकीपर दिनेश कार्तिक के हाथों कैच आउट कराया। अगले ही ओवर में एंड्यू साइमंड्स भी आउट हो गए। किसी तरह रिकी पोंटिंग और ब्रैड हैडिन ने ऑस्ट्रेलिया की पारी को संभाले रखा, लेकिन कार्तिक ने पोंटिंग को आउट कर इस साझेदारी को तोड़ा। इसके बाद पारी के 32वें ओवर से मैच का रुख ही पलट गया। कार्तिक ने उस ओवर में सबसे पहले ब्रेड हैडिन को चलता किया। इसके बाद चौथी गेंद पर ब्रेड हॉग को रॉबिन उथप्पा के हाथों कैच आउट कराया और अगली ही गेंद पर ब्रेट ली को भी आउट कर दिया। इस तरह से कार्तिक ने महज 5 गेंदों में 3 विकेट चटकाकर ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजी की कमर तोड़ दी। मेहमान टीम 193 रनों पर ऑल आउट हो गई और कार्तिक ने छह विकेट लेकर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ किसी भारतीय गेंदबाज के सर्वश्रेष्ठ आंकड़े भी दर्ज किए। लेखक: चैतन्य हल्गेकर अनुवादक: राहुल पाण्डे

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