बेन्सन एंड हेजर्स वर्ल्ड सीरीज़ में पर्थ के मुश्किल विकेट पर ऑस्ट्रेलिया टीम भारत के खिलाफ 209 रन का पीछा कर रही थी। कपिल देव, मनोज प्रभाकर और श्रीनाथ की तिकड़ी के आगे ऑस्ट्रेलियाई टीम बैकफुट पर नजर आ रही थी। हालत ये हो गई की कंगारु टीम के 5 विकेट महज 65 रनों पर गिर गए। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया के सामने आक्रमक तरीके से बल्लेबाजी करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचा था क्योंकि जरुरी रन रेट बढ़ता ही जा रहा था। हालांकि इसके लिये कंगारु टीम ने गलत गेंदबाज को चुना। भारत के आलराउंडर रवि शास्त्री ने असाधारण लेग स्पिन गेंदबाजी की और ऑस्ट्रेलिया के निचले क्रम को तहस नहस कर के रख दिया। स्टीव वॉ शास्त्री की गेंद पर आउट होने वाले पहले खिलाड़ी थे। कुछ ओवर बाद इयान हीली क्रीज़ पर आगे बढ़कर मारने के प्रयास में स्टंप आउट हो गए।निचले क्रम के बल्लेबाज़ टेलर और मैकडरमॉट भी ज्यादा समय न बिता सके और जल्द ही ऑस्ट्रेलिया को भारत ने 101 रनों समेट दिया। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 107 रनों से मिली ये जीत भारत की ऑस्ट्रेलिया में सबसे यादगार जीत में से एक रही है। इस जीत के असली हीरो शास्त्री रहे जिन्होंने 7 ओवरों में 15 रन दे पांच विकेट लिए।