भारत के पड़ोसी मुल्क श्रीलंका में हमेशा एक से बढ़कर एक स्पिनर आते रहे हैं, जिनकी गेंदबाज़ी ऐक्शन और फिरकी को देखकर उन्हें मिस्ट्री स्पिनर का नाम भी दिया गया। लेकिन फिर वक़्त के साथ साथ या तो उनकी मिस्ट्री ख़त्म हो गई या फिर बल्लेबाज़ों ने उनका तोड़ निकाल लिया और वह फिर ओझिल हो गए।
इस कड़ी में एक और नए फिरकी गेंदबाज़ लक्षण संदाकन का भी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आगमन हो चुका है। बाएं हाथ के लेग स्पिनर यानी चाइनामैन गेंदबाज़ संदाकन ने ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ अपना टेस्ट डेब्यू किया, जहां उन्होंने अपनी फिरकी के जाल में कंगारुओं को फंसाया और ख़ुद नाम कमाया।
आपके सामने 5 उन श्रीलंकाई स्पिनर की फ़हरिस्त है, जिन्होंने आग़ाज़ तो शानदार किया लेकिन फिर उनका जादू बेअसर हो गया:
#5 सोमचंद्र डीसिल्वा
श्रीलंकाई क्रिकेट के मौजूदा अंतरिम अध्यक्ष, सोमचंद्र डीसिल्वा 80 के दशक में एक असरदार लेग स्पिनर थे। डीसिल्वा 1979 वर्ल्डकप की उस टीम का हिस्सा भी रहे हैं जिसने पहली अंतर्राष्ट्रीय जीत दर्ज की थी। भारत को उस मैच में 47 रनों से हार का सामना करना पड़ा था और उस जीत में सोमचंद्र का बड़ा योगदान रहा था।
दिलिप वेंगसरकर और मोहिंदर अमरनाथ का अहम विकेट लेते हुए सोमचंद्र ने 3 विकेट हासिल किए थे। इसके बाद हालांकि सोमचंद्र ज़्यादा दिनों तक श्रीलंका के लिए नहीं खेल पाए, उसकी एक वजह ये भी थी कि जब श्रीलंका को टेस्ट स्टेटस का दर्जा मिला तब वह 40 साल के हो चुके थे।
42 साल की उम्र में संन्यास लेने से पहले उन्होंने श्रीलंका के लिए शुरुआती सभी 12 टेस्ट में खेला। डीसिल्वा ने कई सालों तक काउंटी क्रिकेट भी खेला और फिर टीम के राष्ट्रीय कोच भी रहे।