टेस्ट क्रिकेट इतिहास के अब तक के 5 सबसे क़ामयाब कप्तान

ALLAN BORDER

क्रिकेट एक टीम गेम है और किसी भी टीम की कामयाबी इस बात पर निर्भर करती है कि उसके 11 खिलाड़ियों ने अपने दल के लिए कितना योगदान दिया है। सफलता के लिए टीम के कप्तान की भूमिका अहम होती है। कप्तान अपने टीम की दिशा और दशा तय करता है। एक कप्तान अपनी टीम के लिए प्रेरणास्रोत होता है। टीम के अहम फ़ैसले लेने के लिए कप्तान ही ज़िम्मेदार होता है। जैंटलमेन गेम में टेस्ट क्रिकेट ही सबसे मुश्किल फ़ॉर्मेट माना जाता है। ये फ़ॉमेट किसी भी खिलाड़ी की क्षमता बताने के लिए काफ़ी होता है। इस फ़ेहरीस्त में हम उन कप्तानों को शामिल कर रहे हैं जिन्होंने बतौर कप्तान सबसे ज़्यादा टेस्ट मैच जीते हैं। इसमें कई महानतम खिलाड़ी भी शामिल हैं।

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#5 एलन बॉर्डर, ऑस्ट्रेलिया 1984-1994

अगर ऑस्ट्रेलिया की बादशाहत क्रिकेट की दुनिया में क़ायम हुई है तो इसका श्रेय कहीं न कहीं कंगारू टीम के पूर्व कप्तान एलन बॉर्डर को जाता है। बॉर्डर अपने दौर के एक बेहतरीन बल्लेबाज़ थे। उन्होंने अपनी टीम के लिए 93 टेस्ट मैचों में कप्तानी की थी जिसमें उन्हें 32 मैच में जीत हासिल हुई। वो क्रिकेट इतिहास के इकलौते ऐसे बल्लेबाज़ हैं जिन्होंने एक टेस्ट की दोनों पारियों में 150 रन से ज़्यादा बनाया है। ये कारनामा उन्होंने साल 1979-80 में पाकिस्तान के ख़िलाफ़ किया था। बॉर्डर अपनी गेंदबाज़ी का भी कमाल दिखाने में माहिर थे। वो ऑस्ट्रेलिया के इकलौते ऐसे कप्तान हैं जिन्होंने एक टेस्ट मैच में 10 विकेट भी लिया था। ये कारनाम उन्होंने तब के दौर की मज़बूत टीम वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ साल 1988-89 में किया था।

#4 क्लाइव लॉयड, वेस्टइंडीज़ 1974-1985

CLIVE LLOYD

क्लाइव लॉयड वेस्टइंडीज़ टीम के महानतम खिलाड़ी थे। उनकी कप्तानी में कैरिबियाई टीम का दबदबा पूरी दुनिया में क़ायम था। उन्होंने अपने टेस्ट करियर में 70 छक्के लगाए थे, ये किसी भी खिलाड़ी द्वारा टेस्ट में लगाया गया 14वां सबसे ज़्यादा छक्कों का आंकड़ा है। ये बात साबित करती है कि लॉयड जब बल्लेबाज़ी के लिए पिच पर आते थे तो विपक्षी टीम पर कोई रहम नहीं करते थे। क्लाइव लॉयड ने वेस्टइंडीज़ टीम के लिए 74 मैचों में कप्तानी की थी जिसमें से 36 मैचों में उन्हें जीत हासिल हुई थी। उन्हें साल 1974-75 के भारत दौरे के लिए वेस्टइंडीज़ का कप्तान बनाया गया था। जब उन्हें पहली बार कप्तानी मिली थी तो उनका ये कहना था। “जब मुझे ये ख़बर मिली तो मुझे यकीन हो गया कि अगर मुझे कप्तान बनाया गया है तो इसका मतलब ये है कि वेस्टइंडीज़ क्रिकेट बोर्ड मुझसे लंबे वक़्त तक कप्तानी चाहता है। इसलिए मैंने ये फ़ैसला किया कि मुझे ये ज़िम्मेदारी बहुत ही गंभीरता से निभानी है, इसके लिए मैंने कई लक्ष्य भी तय किए। मेरी पहली कोशिश ये थी कि टीम में एकता बनी रहे, मैनें खिलाड़ियों को ये यक़ीन दिलाया कि उनके खेल में ज़रूर सुधार आएगा। मेरी ये हमेशा कोशिश रही है कि वेस्टइंडीज़ क्रिकेट और उसके ख़िलाड़ियों को सम्मान की निगाह से देखा जाए।” .इस बयान से ये साबित होता है कि क्लाइव लॉयड अपनी टीम के लिए कितनी गंभीरता से ज़िम्मेदारी निभाते थे। ये उनकी कप्तानी का ही कमाल था कि वेस्टइंडीज़ का दबदबा विश्व क्रिकेट पर कायम हो गया।

#3 स्टीव वॉ, ऑस्ट्रेलिया 1999-2004

STEVE WAUGH

स्टीव वॉ सिर्फ़ 5 साल के लिए कंगारू टीम के टेस्ट कप्तान रहे थे, लेकिन उनकी जीत का प्रतिशत अब तक सबसे ज़्यादा है, स्टीव ने ऑस्ट्रेलिया के लिए 57 टेस्ट मैच में कप्तानी की थी जिसमें से 41 मैच में उन्हें जीत हासिल हुई। टेस्ट मैच में उनकी जीत का प्रतिशत 71.92 था। इससे साबित होता कि स्टीव के दौर में कंगारू टीम की बादशात विश्व क्रिकेट में क़ायम थी। बतौर कप्तान लगातार 16 टेस्ट मैच जीतने का विश्व रिकॉर्ड स्टीव वॉ के ही नाम है।

#2 रिकी पॉन्टिंग, ऑस्ट्रेलिया 2004-2010

RICKY PONTING

रिकी पॉन्टिंग करीब 7 सालों तक कंगारू टीम के कप्तान रहे थे। स्टीव वॉ की कप्तानी छूटने के बाद रिकी पॉन्टिंग को ऑस्ट्रेलिया टीम को लीड करने की ज़िम्मेदारी मिली थी। प्रतिशत के हिसाब से भले ही वो स्टीव वॉ की बारबारी न कर पाएं हों, लेकिन उन्होंने बतौर कंगारू कप्तान स्टीव से ज़्यादा मैच जीता है। पॉन्टिंग ने 77 टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलियाई टीम की कप्तानी की है और 48 मैच में उन्हें जीत हासिल हुई है। उनकी कप्तानी में जीत का प्रतिशत 62.33 रहा। हांलाकि एशेज़ सीरीज़ में उनका रिकॉर्ड कुछ अच्छा नहीं रहा। पॉन्टिंग ऑस्ट्रेलिया के एकमात्र ऐसे कप्तान हैं जिनकी कप्तानी में कंगारू टीम ने 3 बार एशेज़ सीरीज़ हारी है।

#1 ग्रीम स्मिथ, दक्षिण अफ़्रीका 2003-2014

GRAEME SMITH

साल 2003 के क्रिकेट वर्ल्ड कप में प्रोटियाज़ टीम लीग मुक़ाबले में बाहर हो गई थी। ऐसे में ग्रीम स्मिथ को कप्तानी की बड़ी ज़िम्मेदारी दी गई थी। हांलाकि उनके कप्तान बनाए जाने पर काफ़ी सवाल उठाए गए थे। ग्रीम स्मिथ के नाम बतौर कप्तान सबसे ज़्यादा टेस्ट मैच खेलने का विश्व रिकॉर्ड है उन्होंने 109 टेस्ट मैच में दक्षिण अफ़्रीका के लिए कप्तानी की है, जिसमें 53 मैच में उन्हें जीत हासिल हुई है। जब उन्होंने कप्तानी संभाली थी तो उनकी उम्र महज़ 22 साल थी, स्मिथ ने अपने दौर में दक्षिण अफ़्रीका को नंबर 1 टेस्ट टीम बनाया था। स्मिथ साउथ अफ़्रीका के सबसे युवा टेस्ट कप्तान थे, और वो विश्व के चौथे सबसे कम उम्र के कप्तान बने थे। कप्तानी करते हुए प्रोटियाज़ टीम की जीत के दौरान उन्होंने 15 शतक लगाए थे। एक रिकॉर्ड ये भी है कि जब भी स्मिथ ने शतक लगाया साउथ अफ़्रीकी टीम ने टेस्ट मैच जीता। लेखक – अरिजित चटर्जी अनुवादक – शारिक़ुल होदा

Edited by Staff Editor
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