टी-20 अंतरराष्ट्रीय में भारतीय बल्लेबाज़ों की टॉप 5 पारियों पर एक नज़र
टी-20 क्रिकेट को आईसीसी की मान्यता मिले 14 साल हो चुके हैं। तब से लेकर अब तक क्रिकेट के इस सबसे छोटे फ़ॉर्मेट की लोकप्रियता, दिन दूनी रात चौगुनी बढ़ी है। इस फ़ॉर्मेट को प्रयोग के तौर पर शुरू किया गया था, लेकिन आज इसने क्रिकेट में ज़बरदस्त रोमांच पैदा कर दिया है। जब साल 2007 में पहली बार आईसीसी वर्ल्ड टी-20 टूर्नामेंट का ऐलान हुआ था तब किसी ने इसे गंभीरता से नहीं लिया था। भारत ने भी अपने दूसरे दर्जे की टीम को इस टूर्नामेंट में भेजा था। उस वक़्त कप्तान धोनी के पास अनुभव की काफ़ी कमी थी, लेकिन टीम इंडिया ने पहली आईसीसी वर्ल्ड टी-20 चैंपियन बनी। इस टूर्नामेंट के बाद धोनी भारत और दुनिया के सबसे पसंदीदा खिलाड़ियों में से एक बन गए।टी-20 के आगमन की शुरुआत में ऐसा कहा जाता था कि भारतीय बल्लेबाज़ इस फ़ॉर्मेट के लिए नहीं बने हैं, क्योंकि इसमें दमखम की काफ़ी ज़रूरत होती है। लेकिन साल 2007 की आईसीसी वर्ल्ड टी-20 में युवराज सिंह ने जिस तरह से 12 गेंदों में अर्धशतक लगाया था उससे सभी का नज़रिया बदल गया। उसके बाद से टीम इंडिया के खिलाड़ियों ने कई शानदार खेल दिखाया है। हम यहां ऐसे ही 5 यादगार पारियों को लेकर चर्चा करेंगे जो भारतीय खिलाड़ियों ने टी-20 अंतरराष्ट्रीय में खेली है।
हांलाकि इस लिस्ट में केएल राहुल का वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ शतक, सुरेश रैना का दक्षिण अफ़्रीका के ख़िलाफ़ शतक, गौतम गंभीर का पाकिस्तान के ख़िलाफ़ 2007 में 75 रन को शामिल नहीं किया गया है। इसकी वजह ये है कि इन पारियों का प्रभाव इतना बड़ा नहीं था और ये बेहद दबाव में नहीं बनाए गए थे।
#1 युवराज सिंह 58 रन 16 गेंद बनाम इंग्लैंड, आईसीसी वर्ल्ड टी-20, डरबन, 19 सितंबर, 2007

ये मैच टीम इंडिया के लिए जीतना बेहद ज़रूरी था, धोनी ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी का फ़ैसला किया। सहवाग और गंभीर ने मिलकर 136 रन की सलामी साझेदारी की थी, लेकिन भारतीय पारी के स्कोर में उछाल युवराज सिंह ने लाया था। जिस तरह से उन्होंने भारतीय पारी का अंत किया वो क़ाबिल-ए-तारीफ़ था। उन्होंने अपने खेल की शुरुआत में बाउंसर को डक करना शुरू किया। इसके बाद फ़्लिंटॉफ़ की लगातार 2 गेंद में 2 चौके लगाए और उनका स्कोर 6 गेंद में 14 रन हो गया। अगला ओवर स्टुअर्ट ब्रॉड फेंकने के लिए आए, ब्रॉड के इस ओवर में कुछ ऐसा होने वाला था जिसे वो कभी भूल नहीं पाएंगे। उनकी 6 गेंद पर युवराज सिंह ने 6 छक्के लगा दिए और इसके साथ ही युवी दुनिया में टी-20 के सबसे ख़तरनाक बल्लेबाज़ बन गए। उन्होंने महज़ 12 गेंदों में अर्धशतक लगाया था जो टी-20 अंतरराष्ट्रीय में आज भी एक विश्व रिकॉर्ड है।
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