यूएसए में क्रिकेट को प्रमोट करने के लिए बीसीसीआई और डब्ल्यूआईसीबी ने फ्लोरिडा में टी-20 मैच खेलने का फैसला किया। टी-20 सीरीज को देखने के लिए बड़ी संख्या में क्रिकेट फैंस स्टेडियम पहुंचे। सभी मैच को लेकर काफी उत्साहित दिखे। महेंद्र सिंह धोनी, विराट कोहली और ड्वेन ब्रावो जैसे दिग्गज खिलाड़ियों को देखकर उनकी खुशी की सीमा नहीं रही। सीरीज का पहला ही मैच बेहद रोमांचक रहा। सदियों तक ये मैच अपने रोमांच के लिए याद रखा जाएगा। वेस्टइंडीज की टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए आतिशी बल्लेबाजी की। कैरिबियाई खिलाड़ियों ने भारतीय गेंदबाजों की जमकर धुनाई करते हुए 20 ओवरों में 245 रन बना डाले। वेस्टइंडीज को सलामी बल्लेबाजों जॉनसन चार्ल्स और एविन ल्युईस ने वेस्टइंडीज को शानदार शुरुआत देते हुए पहले विकेट के लिए 126 रनों की साझेदारी की। जॉनसन चार्ल्स 79 रन बनाकर आउट हुए, वहीं लुईस ने शतकीय पारी खेली। इसके बाद आंद्रे रसेल, किरोन पोलार्ड और कार्लोस ब्रेथवेट ने भी छोटी-छोटी आक्रामक पारियां खेलकर वेस्टइंडीज का स्कोर 20 ओवरों में 245 रन कर दिया। भारत को 246 रनों का विशाल लक्ष्य मिला। भारतीय टीम को ये मैच जीतने के लिए इतिहास बनाना पड़ता। क्योंकि इससे पहले किसी भी टीम ने इतना बड़ा लक्ष्य हासिल नहीं किया था। महेंद्र सिंह धोनी और उनकी टीम के लिए ये काम बिल्कुल भी आसान नहीं था, क्योंकि वेस्टइंडीज की टीम में ड्वेन ब्रावो, सुनील नारायण, सैमुअल बद्री जैसे विश्वस्तरीय गेंदबाज थे। भारतीय सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा ने इंडियन टीम को तूफानी शुरुआत दिलाई लेकिन पहले 5 ओवरों में भारतीय टीम ने अजिंक्य रहाणे और विराट कोहली का अहम विकेट गंवा दिया। स्कोरबोर्ड पर तब महज 48 रन टंगे थे। इसी समय रोहित शर्मा का साथ देने आए युवा बल्लेबाज के एल राहुल। दोनों ही बल्लेबाजों ने वेस्टइंडीज के गेंदबाजों पर काउंटर अटैक कर दिया। इन दोनों ने महज 7.1 ओवर में 89 रनों की साझेदारी कर डाली। पोलार्ड ने 62 रनों के स्कोर पर रोहित शर्मा को आउट कर खतरनाक दिख रही इस साझेदारी को तोड़ा। लेकिन दूसरी तरफ के एल राहुल कैरिबियाई गेंदबाजों की जमकर खबर ले रहे थे। वो मैदान के हर कोने में शॉट लगा रहे थे। इसी बीच राहुल ने महज 46 गेंदों पर अपना पहला टी-20 शतक लगाया। दूसरी तरफ से कप्तान धोनी ने भी मोर्चा संभाल लिया और टीम को एतिहासिक जीत के मुहाने पर ला खड़ा किया। भारतीय टीम को आखिरी ओवर में जीत के लिए सिर्फ 7 रन चाहिए थे और क्रीज पर थे कप्तान महेंद्र सिंह धोनी जिनको दुनिया का बेस्ट फिनिशर कहा जाता है। इस वजह से सब लोग भारतीय टीम की जीत को लेकर आश्वस्त थे। लेकिन मैच में ट्विस्ट अभी बाकी था। वेस्टइंडीज की तरफ से गेंदबाजी करने आए उनके सबसे अनुभवी खिलाड़ी ड्वेन ब्रावो ने अपनी पहली ही गेंद पर भारतीय कप्तान का विकेट लगभग निकाल ही लिया था लेकिन सैमुअल्स ने धोनी का कैच टपकाकर उन्हें जीवनदान दे दिया। दबाव सबके चेहरे पर साफ दिख रहा था, इसी वजह से सैमुअल्स से धोनी का कैच छूट गया। लेकिन भारतीय टीम पहली 5 गेंदों पर 5 रन ही बना सकी। आखिरी गेंद पर इंडियन टीम को जीत के लिए 2 रन बनाने थे और क्रीज पर थे खुद कप्तान धोनी। मैच की आखिरी और निर्णायक गेंद धोनी के बल्ले का किनारा लेकर हवा में तैर गई और इस बार थर्डमैन में खड़े सैमुअल्स ने कोई गलती नहीं को। महेंद्र सिंह धोनी का कैच लेने के साथ ही वेस्टइंडीज ने रोंगटे खड़े कर देने वाले इस मुकाबले में मेन इन ब्लू को 1 रनों से हरा दिया। के एल राहुल दूसरे छोर पर नाबाद 110 रनों पर खड़े रहे।