5 ऐसे क्रिकेटर जो टीम में किसी बड़े सितारे की वजह से दब गए

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क्रिकेट में कुछ ऐसे खिलाड़ी होते हैं, जो मैदान पर हों या फिर मैदान से बाहर हर तरफ़ वह सुर्ख़ियां बटोरने में लगे रहते हैं। उसी तरह कुछ ऐसे भी क्रिकेटर होते हैं, जो क़ाबिलियत के तो धनी होते हैं लेकिन उसके बावजूद सुर्ख़ियों में नहीं रह पाते। इसकी वजह या तो वह किसी चीज़ शिकार हो जाते हैं या फिर टीम का कोई दूसरा खिलाड़ी उन्हें दबा देता है, जानकर नहीं बल्कि दूसरे चमकीले और सुर्खियां बटोरने वाले खिलाड़ी की वजह से वह दब जाते हैं। आपके सामने हम ऐसे ही 5 खिलाड़ियों की फ़ेहरिस्त लेकर आए हैं, जो ख़ुद मैच विनर होते हुए भी कभी लाइमलाइट में नहीं आ पाए: #1 चमिंडा वास श्रीलंका की ओर से खेलने वाले बाएं हाथ के तेज़ गेंदबाज़ों में चमिंडा वास का नाम सबसे बेहतरीन गेंदबाज़ों में शुमार है। वास को गेंद अंदर और बाहर दोनों तरफ़ स्विंग कराने में महारत हासिल थी। वास ने टेस्ट क्रिकेट में 355 विकेट हासिल किए हैं और वनडे में उनके नाम 400 शिकार हैं। मुथैया मुरलीधरण के बाद वास श्रीलंका के सबसे सफल गेंदबाज़ थे। वास का ये शानदार करियर भी उन्हें सुर्खियों से दूर ही रखता रहा, शायद इसकी वजह ये थी कि वह हमेशा मुरलीधरण के साथ खेला करते थे और सारी सुर्ख़ियां मुरली बटोर ले जाते थे। मुरली हमेशा शानदार गेंदबाज़ी करते हुए तो लाइमलाइट में तो रहते ही थे, साथ ही विवादों के साथ भी उनका गहरा नाता था। दूसरी तरफ़, चमिंडा वास काफ़ी शांत स्वाभाव के और मीड़िया से दूर रहना पसंद करते थे, शायद यही वजह रही कि उनको वह पहचान नहीं मिली, जिसके वह हक़दार थे। #2 राहुल द्रविड़ dravid-srt-1470572445-800 कई लोगों का मानना है कि राहुल द्रविड़ की इज़्ज़त संन्यास लेने के बाद और भी बढ़ गई, बल्कि इतनी ज़्यादा जो खेलते वक़्त उन्हें नहीं मिली थी। द्रविड़ ने जब क्रिकेट खेलना छोड़ दिया, तब उनकी कमी लोगों को समझ मे आई। द्रविड़ का खेल बिल्कुल कोचिंग किताब की तरह था, और उनके खेलने का अंदाज़ ऐसा था जिसके बाद उन्हें टीम इंडिया की दीवार कहा जाने लगा था। टेस्ट क्रिकेट इतिहास में राहुल द्रविड़ सबसे ज़्यादा रन बनाने के मामले में चौथे पायदान पर रहे। ऐसा कहा जाता है कि अगर राहुल द्रविड़ ने अपनी क्रिकेट सचिन तेंदुलकर के साथ न खेली होती, तो वह किसी और मुक़ाम पर होते। #3 शिवनारायण चंद्रपॉल lara-1470572584-800 अगर आपको एक छोर से वेस्टइंडीज़ के दिग्गज ब्रायन लारा की बेहतरीन बल्लेबाज़ी देखना पसंद था, तो ज़रूर शिवनारायण चंद्रपॉल के विकेट पर टिके रहने और उनके अलग तरीक़े का स्टांज़ भी याद होगा। ब्रायन लारा जब अपन रंग में होते थे, तो उनकी बल्लेबाज़ी देखते ही बनती थी और वह सभी को अपना दीवाना बना लेता थे। तो वहीं चंद्रपॉल मेहनत करते हुए रन बनाने वाले खिलाड़ियों मे हुआ करते थे, जो विकेट पर समय बिताते हुए रन विपक्षी गेंदबाज़ों को परेशान कर देते थे। शिवनारायण चंद्रपॉल ने जब संन्यास लिया तो उनके नाम टेस्ट में 11867 टेस्ट रन और वनडे में 8778 रन थे। इतना शानदार करियर होने के बाद भी बाएं हाथ के इस बल्लेबाज़ को वह इज़्ज़त नहीं मिल पाई, जिसके वह योग्य थे। #4 मोर्ने मोर्केल steyn-1470572698-800 लंबे कद से बिल्कुल सटिक लाइन लेंथ पर तेज़ गेंद डालना, ये है मोर्ने मोर्केल की पहचान, दक्षिण अफ़्रीका का ये तेज़ गेंदबाज़ किसी भी टीम में जगह बना सकता है। लेकिन मोर्ने मोर्केल अपनी टीम यानी दक्षिण अफ़्रीकी टीम में कभी वह मुक़ाम हासिल नहीं कर पाए, जिसके वह हक़दार थे। कई मैचों में अपनी शानदार गेंदबाज़ी से प्रोटियाज़ को जीत दिलाने वाले मोर्ने मोर्केल हमेशा डेल स्टेन के पीछे ही रहे। शायद अब मोर्केल के पास एक मौक़ा है, कि वह एक बार फिर अपनी काब़िलियत को साबित करें और इस टीम के नंबर-1 गेंदबाज़ का तमग़ा हासिल करें। #5 जेसन गिलेस्पी Essex v Australia ऑस्ट्रेलिया के तेज़ गेंदबाज़ जेसन गिलेस्पी, जिनकी गेंदो का सामना करना किसी भी बल्लेबाज़ों के लिए आसान नहीं था। गिलेस्पी ने 71 टेस्ट क्रिकेट में 259 विकेट और वनडे में 142 विकेट लेने वाला ये दाएं हाथ का तेज़ गेंदबाज़ ग्लेन मैक्ग्रॉ का सबसे शानदार जोड़ीदार था। लेकिन यही चीज़ गिलेस्पी को हमेशा पर्दे के पीछे रख देती है, और उन्हें ग्लेन मैकग्रॉ का जोड़ीदार तो माना जाता है, पर लोग उनकी उन उपलब्धियों को भूल जाते हैं जब अकेले दम पर इस गेंदबाज़ ने कई मैचों में कंगारुओं को जीत दिलाई थी। जेसन गिलेस्पी के नाम टेस्ट क्रिकेट में एक दोहरा शतक भी है, जो उन्होंने बांग्लादेश के ख़िलाफ़ 2006 में बनाया था और इत्तेफ़ाक से वह टेस्ट गिलेस्पी के लिए आख़िरी टेस्ट हो गया। गिलेस्पी भी उन क्रिकेटरों में शुमार हो गए, जिन्हें वह मुक़ाम हासिल न हो सका, जो होना चाहिए था।