कई लोगों का मानना है कि राहुल द्रविड़ की इज़्ज़त संन्यास लेने के बाद और भी बढ़ गई, बल्कि इतनी ज़्यादा जो खेलते वक़्त उन्हें नहीं मिली थी। द्रविड़ ने जब क्रिकेट खेलना छोड़ दिया, तब उनकी कमी लोगों को समझ मे आई। द्रविड़ का खेल बिल्कुल कोचिंग किताब की तरह था, और उनके खेलने का अंदाज़ ऐसा था जिसके बाद उन्हें टीम इंडिया की दीवार कहा जाने लगा था। टेस्ट क्रिकेट इतिहास में राहुल द्रविड़ सबसे ज़्यादा रन बनाने के मामले में चौथे पायदान पर रहे। ऐसा कहा जाता है कि अगर राहुल द्रविड़ ने अपनी क्रिकेट सचिन तेंदुलकर के साथ न खेली होती, तो वह किसी और मुक़ाम पर होते।
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