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अगर आपको एक छोर से वेस्टइंडीज़ के दिग्गज ब्रायन लारा की बेहतरीन बल्लेबाज़ी देखना पसंद था, तो ज़रूर शिवनारायण चंद्रपॉल के विकेट पर टिके रहने और उनके अलग तरीक़े का स्टांज़ भी याद होगा। ब्रायन लारा जब अपन रंग में होते थे, तो उनकी बल्लेबाज़ी देखते ही बनती थी और वह सभी को अपना दीवाना बना लेता थे। तो वहीं चंद्रपॉल मेहनत करते हुए रन बनाने वाले खिलाड़ियों मे हुआ करते थे, जो विकेट पर समय बिताते हुए रन विपक्षी गेंदबाज़ों को परेशान कर देते थे। शिवनारायण चंद्रपॉल ने जब संन्यास लिया तो उनके नाम टेस्ट में 11867 टेस्ट रन और वनडे में 8778 रन थे। इतना शानदार करियर होने के बाद भी बाएं हाथ के इस बल्लेबाज़ को वह इज़्ज़त नहीं मिल पाई, जिसके वह योग्य थे।
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