दिलीप ट्रॉफ़ी के सकारात्मक पहलुओं में से एक रहा 21 वर्षीय चाइनामैन गेंदबाज़ कुलदीप यादव का प्रदर्शन। बाएं हाथ के इस लेग स्पिन गेंदबाज़ ने तीनों ही मैचो में अपनी घूमती गेंदो से सभी बल्लेबाज़ों को ख़ूब छकाया। कुलदीप की ख़ासियत ये रही कि जब पिच उनकी मददगार नहीं थी, तब भी वह हिम्मत नहीं हारे और लगातार कोशिश करते रहे, जिसका नतीजा उन्हें झोली भरके विकेटों से मिला। अपनी गेंदो से उन्होंने अच्छे से अच्छे बल्लेबाज़ों को नचाया। न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ भले ही कुलदीप यादव 15 सदस्यीय दल में शामिल न हो पाएं हों, लेकिन उनके इस प्रदर्शन को चयनकर्ता नज़रअंदाज़ नहीं कर सकते। आज नहीं तो कल कुलदीप यादव को इसका फ़ायदा ज़रूर मिलेगा। कुलदीप की ही तरह एक और गेंदबाज़ नाथू सिंह ने भी सभी का दिल जीत लिया। राजस्थान के दाएं हाथ के तेज़ गेंदबाज़ ने अपनी रफ़्तार और स्विंग से बल्लेबाज़ों को ख़ूप परेशान किया। ख़ास तौर से लाइट्स में नाथू सिंह को खेल पाना बल्लेबाज़ों के लिए क़रीब क़रीब नमुमकिन साबित हो रहा था।