2000 से 2009 के बीच ऑस्ट्रेलिया की टीम ने वनडे क्रिकेट पर राज किया था। इस टीम के पास ऐसे खिलाड़ी थे जो किसी भी परिस्थिति से टीम को जीत दिला सकते थे। पहले स्टीव वॉ और फिर रिकी पोंटिंग की कप्तान की कप्तानी में टीम ने ऐसा खेल दिखाया जो शायद क्रिकेट में फिर देखने को कभी न मिले। इस टीम के पास सलमी बल्लेबाज के रूप में मैथ्यू हेडेन और एडम गिलक्रिस्ट जैसे बल्लेबाज थे जो पहली गेंद से गेंदबाजों पर टूट पड़ते थे। इसके बाद रिकी पोंटिंग बल्लेबाजी करने आते थे। मध्यक्रम में टीम के पास डेमियन मार्टिन, डैरेन लेमन और स्टीव वॉ जैसे बल्लेबाज मौजूद थे। फिनिशर की बात करें तो पहले ये जिम्मेदारी माइकल बेवन उठाया करते थे और उनके जाने के बाद माइकल हसी ने बखूबी मैच फिनिश किये। इसके साथ ही उनके पास एंड्रू साईमंड्स, टॉम मुडी, जेम्स होप्स जैसे खिलाड़ी थे जो गेंद और बल्ले दोनों से टीम के लिए योगदान देते थे। तेज गेंदबाजी में उनके पास ऐसे गेंदबाज थे जिसके खिलाफ विपक्षी टीम अभी खुलकर नहीं खेल पाती थी। ग्लेन मैकग्र जैसा लाइन लेंथ वाला गेंदबाजी होने के साथ ही ब्रेट ली, मिचेल जॉनसन और शॉन टेट जैसे तेज गति के गेंदबाज थे। इन सालों के बीच इस टीम ने 4 आईसीसी ट्रॉफी जीती। वनडे मैचों में इस टीम को हराना लगभग नामुमकिन ही था। जनवरी 2000 से दिसम्बर 2009 तक वनडे में प्रदर्शन मैच- 282, जीत- 202, हार- 66, टाई- 3, जीत प्रतिशत- 71.63 आईसीसी विश्वकप 2003: चैंपियन आईसीसी विश्वकप 2007: चैंपियन आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2006: चैंपियन आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2009: चैंपियन आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2004: सेमीफाइनलिस्ट लेखक: गौतम ललोत्रा अनुवादक: ऋषि