वनडे क्रिकेट के इतिहास में हमने कई महान टीमें देखी हैं जिन्होंने विश्व क्रिकेट में अपनी धाक जमाई है। 70 और 80 के दशक में वेस्टइंडीज की टीम विश्व क्रिकेट की सरताज थी। उसके बाद 90 के दशक में हेन्सी क्रोनिए के नेतृत्व में दक्षिण अफ्रीका ने वनडे क्रिकेट में अपनी बादशाहत कायम की। सदी के अंत में, ऑस्ट्रेलिया ने वनडे क्रिकेट में उत्कृष्टता का स्तर बढ़ाया और स्टीव वॉ और बाद में रिकी पोंटिंग के तहत कंगारू टीम विश्व विजेता भी बनी। इसके बाद सौरव गांगुली और एमएस धोनी के तहत भारत और अर्जुन रणतुंगा के नेतृत्व में श्रीलंका ने 90 और 00 के दशक में वनडे क्रिकेट में अपनी बादशाहत कायम की। इन टीमों का नेतृत्व प्रतिभाली कप्तानों और शानदार रणनीतिकों ने किया था। ऐसे में 2000-2009 के बीच वनडे क्रिकेट में अपनी धाक जमाने वाली शीर्ष पांच अंतरराष्ट्रीय टीमों की एक सूची तैयार करना दिलचस्प होगा। इस सूची में, टीमों की स्थिरता और प्रमुख आईसीसी टूर्नामेंटों में उनके प्रदर्शन को ध्यान में रखा गया है: #5 भारत भारत ने कप्तान सौरव गांगुली के नेतृत्व में सीमित ओवर प्रारूप में अपनी धाक जमाई। गांगुली ने भारतीय टीम को विदेश में भी जीतना सिखाया। भारतीय टीम में मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली की विश्व-स्तरीय जोड़ी ने भारत को दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीमों फेहरिस्त में लाकर खड़ा कर दिया। इसके अलावा भारतीय टीम की 'द वाल' कहे जाने वाले राहुल द्रविड़ वास्तव में ने टीम के मध्य क्रम को अभेद दीवार बना दिया था। इसके अलावा प्रतिभाशाली युवराज सिंह ने अपने स्ट्रोकप्ले के साथ सबको मंत्रमुग्ध किया, वहीं उन्होंने मोहम्मद कैफ के साथ मिलकर टीम को कई मैच जिताए। जहीर खान, अजित आगरकर, आशीष नेहरा और इरफान पठान के साथ भारत के तेज गेंदबाजी में गहराई नज़र आयी थी, यह सभी गेंदबाज़ विकेट लेने वाले थे। अनिल कुंबले और हरभजन सिंह जैसे स्पिनर उपमहाद्वीपीय पिचों पर विपक्षी बल्लेबाजों को अपनी स्पिन के जाल में फैलाकर आउट करते थे। वनडे रिकॉर्ड: जनवरी 2000 से दिसंबर 2009 मैच-307; जीत- 161; हार- 130; एनआर-16; जीत%: 52.44 आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2002: चैंपियंस आईसीसी विश्व कप 2003: फाइनलिस्ट आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2000: फाइनलिस्ट#4. श्रीलंका 90 के दशक के मध्य में श्रीलंका टीम ने खुद को सर्वश्रेष्ठ आल-राउंडर्स की फेहरिस्त में ला खड़ा किया। श्रीलंका के पास उस समय के कुछ बेहतरीन स्ट्रोक प्लेयर्स थे जिन्होंने श्रीलंकाई बल्लेबाज़ी को मजबूती प्रदान की। विस्फोटक बल्लेबाज़ सनथ जयसूर्या ने हमेशा टीम को धमाकेदार शुरुआत दिलाई और वह किसी भी विपक्षी गेंदबाजी आक्रमण के लिए दुःस्वप्न थे। वहीं मध्य क्रम में कुमार संगकारा और महेला जयवर्धने दुनिया जो दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में शुमार थे, ने हमेशा टीम को बड़े लक्ष्य तक पहुँचाने में मदद की और दोनों हर मैच में बड़ी पारी खेलने की प्रवृत्ति रखते थे। महान तेज़ गेंदबाज़ चमिंडा वास के अलावा लसिथ मलिंगा के उद्भव के साथ, श्रीलंका की गेंदबाज़ी में पैनापन आया। मलिंगा को नुवान कुलशेखरा का साथ मिला और दोनों ने मिलकर अपनी टीम को कई मैच जिताए। वनडे रिकॉर्ड: जनवरी 2000 से दिसंबर 2009 मैच- 276; जीत-155; हार- 111; एनआर -19; जीत%: 56.15 आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2002: चैंपियंस आईसीसी विश्व कप 2007: फाइनल आईसीसी विश्व कप 2003: सेमीफाइनलिस्ट#3. पाकिस्तान पाकिस्तानी टीम इक्कीसवी सदी के पहले दशक में सबसे मजबूत वनडे टीमों में से एक थी। उन्होंने दशक में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपनी धाक जमाई। पाकिस्तानी टीम में इंजमाम उल हक, मिस्बाह, यूनिस खान और मोहम्मद यूसुफ जैसे आक्रामक स्ट्रोक प्लेयर्स की मजबूत बल्लेबाजी लाइनअप से यह टीम दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीमों की फेहरिस्त में शामिल हुई। पाकिस्तान में महान बल्लेबाज़ सईद अनवर, कामरान अकमल, मोहम्मद हफीज और सलमान बट जैसे शानदार बल्लेबाज़ों ने टीम के मध्य क्रम को मज़बूती प्रदान की। वनडे रिकॉर्ड: 2000 से दिसंबर 2009 मैच- 267; जीत- 151; हार- 111; एनआर -19; जीत%: 56.55 आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2000: सेमीफाइनलिस्ट आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2004: सेमीफाइनलिस्ट आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 200 9: सेमीफाइनलिस्ट#2. दक्षिण अफ्रीका दक्षिण अफ्रीका सीमित ओवर क्रिकेट में सबसे शक्तिशाली टीमों में से एक है। जोंटी रोड्स के नेतृत्व में दक्षिण अफ्रीकी टीम का फील्डिंग विभाग दुनिया में सर्वश्रेष्ठ बन गया। मध्य क्रम में कलात्मक बल्लेबाज़ एबी डिविलियर्स और निचले मध्य क्रम में जेपी डुमिनी, मार्क बाउचर और जस्टिन केम्प जैसे अनुभवी बल्लेबाज़ों ने टीम को वनडे प्रारूप में विश्वस्तरीय टीम बनाया। इसके अलावा गेंदबाज़ी की बात करें तो शॉन पोलॉक, मखाया एनटिनी, डेल स्टेन और जैक्स कैलिस जैसे गेंदबाजों ने विपक्षी टीम की बल्लेबाजी लाइनअप की बखियाँ उदेढ़ के रख दीं। वनडे रिकॉर्ड: जनवरी 2000-दिसंबर 2009 मैच- 254; जीता- 157; खो- 86; बंधी- 4; एनआर-7; जीत%: 61.81 आईसीसी विश्व कप 2007: सेमीफाइनलिस्ट आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2000: सेमीफाइनलिस्ट आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2002: सेमीफाइनलिस्ट आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2006: सेमीफाइनलिस्ट#1. ऑस्ट्रेलिया 21वीं शताब्दी के शुरुआती दशक के दौरान ऑस्ट्रेलियाई टीम ने वनडे प्रारूप में अपनी बादशाहत कायम की। स्टीव वॉ और बाद में, रिकी पोंटिंग के नेतृत्व में कंगारू टीम ने कई कीर्तिमान स्थापित किये और इस दशक में लगातार दो विश्व कप जीते। हेडन और एडम गिलक्रिस्ट की घातक सलामी जोड़ी ने विरोधी गेंदबाजी को मैदान के चारों ओर मनचाहे शॉट्स लगाए। रिकी पोंटिंग एक शानदार खिलाड़ी थे जिन्होंने डेमियन मार्टिन, लेहमैन और स्टीव वॉ के साथ मध्य क्रम को मजबूती प्रदान की। इसके अलावा टीम में माइकल बेवन और माइकल हसी जैसे दो बेहतरीन फिनिशर भी थे। कंगारुओं के पास एंड्रयू साइमंड्स, टॉम मूडी, जेम्स होप्स और इयान हार्वे जैसे ऑलराउंडर थे, जिन्होंने बल्ले और गेंद दोनों के साथ मूल्यवान योगदान दिया। वनडे रिकॉर्ड: जनवरी 2000-दिसंबर 200 9 मैच- 282; जीत- 202; हार- 66; टाई-3; जीत%: 71.63 आईसीसी विश्व कप 2003: चैंपियंस आईसीसी विश्व कप 2007: चैंपियंस आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2006: चैंपियंस आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 200 9: चैंपियंस आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2004: सेमीफाइनलिस्ट लेखक: गौतम ललोत्रा अनुवादक: आशीष कुमार