इंग्लैंड और वेल्स 2019 की गर्मियों में क्रिकेट विश्वकप के बारहवें संस्करण की मेजबानी करेगा। इस मेगा इवेंट के ग्यारह संस्करणों में अब तक कई अविस्मरणीय क्षण दिये हैं जो प्रशंसक जीवनभर याद रखेंगे। सफेद कपड़ों में खेले गये 60 ओवरों के विश्वकप से लेकर रोशनी के लिए 50 ओवरों के विश्वकप तक खेल का सबसे बड़ा मंच एक लंबा सफर तय कर चुका है। हमने आठ टीमों से लेकर 16 टीमों को विश्वकप में भाग लेते हुए देखा है। लेकिन 2019 में आईसीसी द्वारा लिये गये 10 टीमों के निर्णय के कारण पिछले संस्करणों में शामिल हो चुकी कुछ शीर्ष टीमों को अगले विश्वकप में नहीं देखा जा सकेगा। इंग्लैंड और वेल्स में आयोजित होने वाले 2019 आईसीसी क्रिकेट विश्व कप में आइए नजर डालते हैं उन टीमों पर जिनकी याद हर क्रिकेट प्रशंसक को आयेगी: 1) जिम्बाब्वे
इंग्लैंड में हुए 1983 के संस्करण में अफ्रीकी राष्ट्र ने क्रिकेट विश्व कप में अपनी पहली उपस्थिति दर्ज करायी। यह खेल के सबसे बड़े टूर्नामेंट का तीसरा संस्करण था और इंग्लैंड 1975 में उद्घाटन संस्करण के चार साल बाद मेगा इवेंट की लगातार तीसरी बार मेजबानी कर रहा था। इंग्लैंड और भारत के पूर्व कोच, डंकन फ्लेचर के कंधों पर जिम्बॉब्वे की कप्तानी का जिम्मा था जिसमें एंडी पायक्रॉफ्ट और डेविड हॉटन जैसे खिलाड़ी शामिल थे। हालांकि उन्होंने नॉटिंघम में शक्तिशाली ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों के खिलाफ 13 रनों से अपना पहला विश्व कप मैच जीत लिया, लेकिन वे चार टीम वाले ग्रुप बी में आखिरी स्थान पर रहे। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जीत उनके पहले विश्व कप की उपस्थिति में एकमात्र जीत थी, क्योंकि उन्हें शेष पांच मैचों में हार का सामना करना पड़ा था। तत्कालिन विजेता भारत के खिलाफ ग्रुप मुकाबलों में से एक में जिम्बाब्वे भारत का स्कोर एक समय में 17-5 रन करके जीत को सुनिश्चित कर दिया था। लेकिन कप्तान कपिल देव के स्टार परफॉर्मेंस (138 गेदों पर 175*) ने ट्यूनब्रिज वेल्स में 31 रन से जीत दर्ज की। 1999 में सुपर सिक्स चरण में पहुंचने से पहले जिम्बाब्वे 1983 के बाद तीन संस्करण (1987, 1992 और 1996) में ग्रुप चरणों के दौरान ही विश्व कप से बाहर निकल चुका था। 2003 के संस्करण में वह छठे स्थान पर रहे, जब उन्होंने दक्षिण अफ्रीका और केन्या के साथ आईसीसी क्रिकेट विश्व कप की सह-मेजबानी की। साल 2007 (वेस्टइंडीज), 2011 (भारत, श्रीलंका और बांग्लादेश) और 2015 (ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड) के संस्करणों में खराब प्रदर्शनों के कारण ग्रुप चरणों में विश्व कप से बाहर निकलना पड़ा। 2018 में हुए आईसीसी क्रिकेट विश्वकप क्वालीफायर में जिम्बॉब्वे की टीम तीसरे स्थान पर रही 2019 विश्व कप के लिए क्वालीफाई करने में नाकाम रही और वेस्टइंडीज व अफगानिस्तान ने जगह बनाया। अगले गर्मियों में इंग्लैंड और वेल्स में होने वाले टूर्नामेंट का आयोजन में 1983 से लगातार नौ विश्व कप के लिए क्वालीफाई करने के बाद जिम्बाब्वे को याद किया जाएगा। आईसीसी विश्व कप में आंकड़े: मैच-58, जीत-6, हार-48, टाई-1, कोई नतीजा नहीं-32) आयरलैंड
वेस्टइंडीज द्वारा आयोजित 2007 आईसीसी क्रिकेट विश्व कप समारोह में आयरलैंड की टीम पहली बार नजर आयी थी। यह आयरिश खिलाड़ियों के लिए 'ड्रीम वर्ल्ड कप' की शुरुआत थी, क्योंकि वह 16 टीमों के टूर्नामेंट में आठवें स्थान पर पहुंचे और सुपर 8 में अपनी जगह बनायी। आयरलैंड का पहला विश्वकप मैच जमैका में जिम्बाब्वे के खिलाफ नाटकीय टाई के साथ समाप्त हुआ, जब टीमें 50 ओवरों में 221 रन ही बना सकीं। उनका ग्रुप डी में दूसरा मैच 1992 के विश्व चैंपियंस पाकिस्तान के खिलाफ सबाना पार्क में आयरलैंड ने 47 ओवर में 128 (संशोधित लक्ष्य) का पीछा करते हुए तीन विकेट से अप्रत्याशित जीत (डी/एल विधि) दर्ज की। इस जीत से आयरिश खिलाड़ियों ने क्रिकेट बिरादरी के लाखों प्रशंसकों का दिल जीत लिया। उनकी खेल की गुणवत्ता, क्रिकेट की भावना और उनकी टीम की क्षमताओं पर विश्वास करने के लिए उनकी सराहना की गई। कप्तान ट्रेंट जॉन्स्टॉन की अगुआई वाली टीम ने विलियम पोर्टफील्ड, केविन ओ'ब्रायन, नील ओ'ब्रायन और इयॉन मॉर्गन जैसे कुछ सितारों को दुनिया में पेश किया। विश्वकप के 2011 के संस्करण में, उन्होंने अपने ग्रुप बी के छह मैचों में से केवल दो जीतने के बाद वह 14 टीमों में से ग्यारहवें स्थान पर रहे। उन्होंने इंग्लैंड (तीन विकेट से) और नीदरलैंड (छह विकेट से) के खिलाफ जीत दर्ज की, वह ग्रुप बी में सात टीमों में छठे स्थान पर रहे। बेंगलुरु में इंग्लैंड के खिलाफ खेल में, आयरलैंड ने 49.1 ओवरों में 328 रन का लक्ष्य बना दिया- जिसके लिए केविन ओ'ब्रायन के शानदार 113 (63) के लिए धन्यवाद देना चाहिए। अपनी पारी की पहली गेंद पर अपने कप्तान विलियम पोर्टफील्ड को खोने के बाद आयरलैंड ने निचले क्रम पर एलेक्स कुसाक और जॉन मूनी के बल्लेबाजी योगदान की बदौलत नाटकीय जीत दर्ज करी। 2015 विश्वकप (ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड) में, आयरलैंड की टीम अपने ग्रुप स्टेज में छह मैचों में तीन में जीत दर्ज करके 14 टीमों में नौवें स्थान पर रही। इंग्लैंड के 2019 विश्वकप की मेजबानी के साथ, आयरलैंड को टूर्नामेंट में भारी समर्थन मिलता अगर वह क्वालिफाई करते। दुर्भाग्यवश ऐसा नहीं हुआ क्योंकि इस मार्च में 2018 आईसीसी विश्वकप क्वालिफायर में पांचवें स्थान पर रहे और प्रशंसक निश्चित रूप से 2019 के विश्वकप में आयरिश टीम को याद करेंगे। आईसीसी विश्व कप में आंकड़े: मैच-22, जीत-7, हार-14, टाई-1, कोई नतीजा नहीं-03) केन्या
हालांकि 1975 में उद्घाटन विश्व कप में पूर्वी अफ्रीकी टीम ने केन्या, युगांडा और तंजानिया के खिलाड़ियों को शामिल किया गया था, लेकिन केन्या एक राष्ट्र के रूप में 1996 के संस्करण में पहली बार एकदिवसीय स्थिति प्राप्त करने के बाद विश्वकप में दिखाई दिया। हालांकि ग्रुप चरणों में ही मौरिस ओडम्बे के नेतृत्व वाली यह टीम टूर्नामेंट से बाहर हो गयी, लेकिन उन्होंने 73 रनों से पुणे में शक्तिशाली कैरिबियाई टीम को हराया। वह ग्रुप ए में छह मैचों में से पांच हारने के बाद छठे स्थान पर रहे। उन्हें 1999 के विश्वकप में ग्रुप चरणों में एक बार फिर से बाहर होना पड़ा, जहां उन्होंने दक्षिण अफ्रीका, भारत, जिम्बाब्वे, इंग्लैंड और श्रीलंका के खिलाफ सभी पांच मैच हार गये। लेकिन यह अफ्रीकी राष्ट्र और मजबूत होकर लौटा जब उन्होंने दक्षिण अफ्रीका और जिम्बाब्वे के साथ 2003 के आईसीसी क्रिकेट विश्व कप टूर्नामेंट की सहमेजबानी की और उस संस्करण में वह सेमीफाइनल में पहुंचकर सह-मेजबानी की। उन्होंने अपने पूल बी के छह मैचों में से चार में जीत दर्ज की और सुपर सिक्स में जगह बनायी जहां उन्होंने तीन मैचों में से एक में जीत हासिल की। अंततः वे सेमीफाइनल में सौरव गांगुली की अगुवाई वाली भारतीय टीम से किंग्समेड, डरबन में 91 रन से हार गए। अगले दो संस्करणों (2007 और 2011) में समूह चरणों से आगे बढ़ने में विफल होने के बाद, वे 2015 और 2019 के संस्करणों के लिए क्वालिफाई करने में नाकाम रहे। यूनाइटेड किंगडम में विश्व कप 2019 में उन्हें याद किया जायेगा जिन्होंने पंद्रह साल पहले सेमीफाइनल में पहुंचकर दुनिया को आश्चर्यचकित किया था। आईसीसी विश्व कप में आंकड़े: मैच-29, जीत-7, हार-22, टाई-0, कोई नतीजा नहीं-04) नीदरलैंड्स
नीदरलैंड्स की विश्व कप में पहली उपस्थिति 1996 के संस्करण में थी जिसकी भारत, पाकिस्तान और श्रीलंका द्वारा संयुक्त रूप से मेजबानी की गई थी। स्टीवन लुबर्स की अगुआई वाली टीम दक्षिण अफ्रीका, पाकिस्तान, न्यूजीलैंड, इंग्लैंड और संयुक्त अरब अमीरात के खिलाफ सभी पांच ग्रुप स्टेज मैचों को हारने के बाद भाग लेने वाले 12 राष्ट्रों में बारहवें स्थान पर रही। 1999 के आईसीसी क्रिकेट विश्व कप के लिए क्वालिफाई करने में नाकाम रहने के बाद, उन्होंने दक्षिण अफ्रीका, जिम्बाब्वे और केन्या द्वारा सहमेजबानी किए गए 2003 संस्करण में जगह बनायी, जहां वे ग्रुप चरणों में एक बार फिर से छह मैचों में से केवल एक जीत के साथ बाहर निकल गये। 2007 विश्वकप में वे तीन समूह मैचों में से एक इकलौते मैच जीतने के बाद ग्रुप चरणों से आगे बढ़ने में नाकाम रहे। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मैच में हर्शेल गिब्स ने डैन वान बंज के ओवर में छह छक्के जड़े। इस प्रकार डच कैरिबियन में 2007 के संस्करण में 16 देशों में बारहवें स्थान पर रहे। 2011 का विश्व कप एक बेहद खराब अभियान साबित हुआ जिसमे नीदरलैंड को अपने छह ग्रुप मैचों में से एक भी मैच जीतने में नाकाम रहने के बाद 14 टीमों में से तेरहवें स्थान पर रही। 2009 आईसीसी विश्व टी-20 के शुरुआती मैच में लॉर्ड्स के मैदान पर मेजबान इंग्लैंड को चार विकेट हराने वाली टीम अपनी पुरानी यादों को एक बार फिर से ताजा करना चाहची थी और परिचित परिस्थितियों में खेलना पसंद करते थे। उन्होंने इस साल मार्च में आयोजित 2018 आईसीसी विश्व कप क्वालिफायर में दस टीमों में सातवें स्थान पर रहे। आईसीसी विश्व कप में आंकड़े: मैच-20, जीत-2, हार-18, टाई-0, कोई नतीजा नहीं-05) स्कॉटलैंड
स्कॉट्सलैंड की पहली विश्व कप उपस्थिति 1999 आईसीसी क्रिकेट विश्व कप में थी, जिसे ऑस्ट्रेलिया ने जीता था। जॉर्ज सैलमंड की अगुआई वाली टीम ने अपने सभी पांच ग्रुप मैचों में हारने के बाद बारह राष्ट्रों में आखिरी स्थान पर रही। 2003 के संस्करण के लिए क्वालीफाई करने में विफल होने के बाद, उन्होंने वेस्टइंडीज में खेले गये 2007 विश्वकप में जगह बनायी जहां उन्होंने पंद्रहवें स्थान पर रहकर सफर समाप्त किया क्योंकि वे अपने सभी तीन ग्रुप मैचों में हार गए। हालांकि वे 2011 विश्वकप में जगह बनाने में नाकाम रहे, उन्होंने ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड द्वारा आयोजित 2015 संस्करण के लिए अपनी जगह पक्की की। प्रेस्टन मॉमसेन के तहत टीम न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, श्रीलंका, बांग्लादेश, इंग्लैंड और अफगानिस्तान के खिलाफ अपने सभी छह ग्रुप मैचों को हारने के बाद चौदह टीमों में आखिरी स्थान पर रही। इंग्लैंड होने वाले विश्व कप के साथ स्कॉट्स उस देश में खेलना पसंद करेंगे जहां लगभग दो दशकों उनके विश्व कप के सपने की शुरुआत हुई थी। वह इस वर्ष की शुरुआत में 2018 आईसीसी विश्वकप क्वालिफायर में चौथे स्थान पर रहे और इस तरह इस मेगा इवेंट में जगह बनाने में नाकाम रहे। आईसीसी विश्व कप में आंकड़े: मैच-14, जीत-0, हार-14, टाई-0, कोई नतीजा नहीं-0 लेखक- अश्वन राव अनुवादक- सौम्या तिवारी