5 चीज़ें जिसकी एक टेस्ट मैच के दौरान समर्थकों को रहती है उम्मीद

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क्रिकेट में जिस तरह से लोग बड़ी मात्रा जमा होकर उसका लुत्फ़ उठाते हैं वो वाकई में देखने वाली बात होती है जो शायद ही किसी और खेल में होता होगा। पिछले कुछ सालों से ये देखने को मिला रहा है कि इस खेल ने एक बड़ी भीड़ को अपनी ओर आकर्षित किया है। ये कहना बिल्कुल भी ग़लत नहीं होगा कि इसका मुख्य कारण क्रिकेट में खेले जाने वाला सबसे छोटे फ़ॉर्मेट के खेल टी20 का कमाल है। जिस तरह से टी20 ने कम समय में दुनिया भर में अपनी बड़ी पहचान बना ली है शायद ही किसी और खेल ने ये कारनामा कर दिखाया होगा। क्रिकेट में टी20 के अलावा दो और फ़ॉर्मेट हैं जो शायद समर्थकों को अपनी ओर आकर्षित करने में उतने कामयाब नहीं हो पाएं जितना कि टी20 ने किया है। क्रिकेट के दो और फ़ॉर्मेट वनडे और टेस्ट की अगर बात की जाये तो भले ही ये टी20 से पहले से खेला जा रहा हो लेकिन शायद समर्थकों को अपनी ओर आकर्षित करने में उतनी सफलता हासिल नहीं कर पाया जितनी कि सबसे फ़ॉर्मेट टी20 ने कम समय में करली। समर्थकों के नज़रिए से देखा जाये तो टेस्ट क्रिकेट ही एक मात्र ऐसा प्रारूप है जो ज्यादा दर्शकों को अपनी ओर आकर्षित करने में नाकाम रहा है उसका मुख्य कारण ये है कि ये खेल पांच दिनों का होता है जिसे दर्शक ज्यादा अहमियत नहीं देते। क्रिकेट के हर एक प्रारूप को देखने और उसका आनंद लेने के लिए समर्थकों के भी अपनी अपनी कुछ चाह होती है, ऐसे ही टेस्ट क्रिकेट के समर्थकों की भी कुछ आशाएं होती हैं जो हम आपको बताना चाहते हैं। ये हैं वो पांच बातें जिसकी आशा टेस्ट मैच के दौरान हर समर्थक को होती है: #1 लंच के बाद कुछ देर की नींद निकलना टेस्ट मैच अधिक से अधिक पांच दिनों का होता है ये तो सभी जानते हैं पर कई टेस्ट मैच उससे कम समय में यानी 2, 3, या 4 दिन में भी ख़त्म हो जाते हैं। पर कई ऐसे भी टेस्ट मैच होते हैं जो पूरे के पूरे पांच दिन चलते हैं जिसे देखने के लिए ज़रूरी नहीं कि समर्थक हर रोज़ के खेल का आनंद ले। टेस्ट क्रिकेट के एक दिन के खेल में अधिकतम 90 ओवर का खेल होता है जिसमें लंच, टी और और ड्रिंक्स जैसे तीन ब्रेक लिए जाते हैं। गौरतलब ये है कि कोई भी समर्थक पूरे दिन भर का मैच लगातार नहीं देख सकता चाहे वो कितना भी किसी टीम का बड़ा समर्थक क्यों न हो। इसलिए समर्थकों के लिए टेस्ट मैच के दौरान लंच समय के बाद नींद की झपकी लेना भी अनिवार्य हो जाता है ताकि वो मैच को देखने के लिए खुद को जागरुक रख सके। कई ऐसे भी सेशंस होते हैं जो किसी टीम के लिए ठीक नहीं गुज़रते उन्हें विकेट नहीं मिलती या रन ज्यादा बन जाते हैं ऐसे में उनके समर्थक भी कुछ देर के लिए मैच के दौरान नींद लेना पसंद करते हैं जो कि टेस्ट क्रिकेट के दौरान आम तौर पर देखने को मिलता है। #2 निचले क्रम के बल्लेबाज़ की शानदार पारी jason-gillespie-bangladesh-1471757632-800 क्या आपको जेसन गिलेस्पी की वो शानदार नाईट वाचमैन वाली पारी याद है जो उन्होंने साल 2005 में बांग्लादेश खेली थी जिसमें उन्होंने दोहरा शतक लगाया था। गिलेस्पी की इस शानदार पारी ने ये साबित कर दिया कि गेंदबाज़ भी टेस्ट मैचों में बड़े स्कोर कर सकते हैं और बल्लेबाजों को समर्थन देने में सक्षम हैं। पर अगर सही मायने में देखा जाये तो समर्थक ऐसी ही पारियों को देखने के लिए मैदान में आते हैं और निचले क्रम के इन बल्लेबाजों के बल्ले जब घूमते हैं तो इन्हें बड़ा आनंद आता है। आपको याद होगा ऐसा ही एक रोमांचक कारनामा किया था भारत के तेज़ गेंदबाज़ श्रीसंथ ने जब उन्होंने अफ़्रीकी टीम के तेज़ गेंदबाज़ आंद्रे नेल को छक्का मार कर पिच पर जश्न मनाया था जिसे देखकर दर्शक बेहद खुश हुए थे। #3 एक बेहतरीन गेंदबाज़ी स्पेल ishant-sharma-2008-perth-1471757734-800 टेस्ट क्रिकेट का एक और रोमांचक हिस्सा जो हर समर्थक देखने के लिए बेचैन रहता हिया वो है किसी भी टीम के गेंदबाजों द्वारा किया गया एक स्पेल में शानदार गेंदबाजी प्रदर्शन। गेंदबाज़ के इस प्रदर्शन से समर्थक बेहद रोमांचित होते हैं और उन्हें वो मज़ा मिलता है जिसे देखने के लिए वो दूर दूर से मैदान में जमा होते हैं। गेंदबाज़ और बल्लेबाज़ के बीच में होनेवाले इस संग्राम को दर्शक बड़े ही चाव से देखते हैं और उसका आनंद लेते हैं। ऐसा ही एक कारनामा किया था भारत के तेज़ गेंदबाज़ इशांत शर्मा ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ साल 2008 में पर्थ के मैदान पर जब उन्होंने अपने लाजवाब गेंदबाजी प्रदर्शन से ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज बल्लेबाज़ रिकी पॉन्टिंग को लगातार परेशां करते हुए अपना शिकार बनाया था जो दर्शकों को बेहद पसंद आया था। #4 एक क्लासिकल बल्लेबाज़ी पारी laxman-kolkata-1471757808-800 टेस्ट क्रिकेट में हमेशा से ही उस बल्लेबाज़ का बोलबाला रहा है जिसके पास सब्र होता है और सही गेंद पर रन बनाने की कला। ऐसे ही क्रिकेट इतिहास का एक बड़ा टेस्ट प्लेयर है भारत के वीवीएस लक्ष्मण जिनके नाम ना जाने कितनी लाजवाब पारियां दर्ज हैं। दर्शकों को ऐसी ही पारियों का इंतज़ार रहता है, साल 2001 में ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध कोलकाता के मैदान में द्रविड़ और लक्ष्मण की पारी कोई भी भारतीय समर्थक नहीं भूलना चाहेगा जो उन्होंने खेली थी। इसी के साथ साथ सहवाग जैसे विस्फोटक बल्लेबाज़ की बल्लेबाज़ी को देखने के लिए भी समर्थक बेकरार रहते हैं। #5 एक रोमांचक अंत 2005-ashes-1471757929-800 पिछले कुछ दशक से टेस्ट क्रिकेट का रूप बिल्कुल बदल सा गया है। एक तरफ जहां पहले के दशक में टेस्ट मैच अधिकतर ड्रा पर ख़त्म हुआ करते थे वहीं अब दूसरी तरफ आज के दौर में अधिकतर टेस्ट मैच के नतीजे आ जाते हैं। इन नतीजों में कई नतीजे ऐसे होते हैं जिनमें दोनों टीमों के बीच आखिरी वक़्त तक कांटे की टक्कर चलती रहती है जिसे देखने के लिए समर्थक बेकरार रहते हैं। इसका एक छोटा सा उदाहरण एशेज सीरीज के दौरान देखने को मिलती है जब वर्ल्ड की दो बेहतरीन टीम ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैण्ड आमने सामने होते हैं और दाव पर लगी होती है उनकी इज्ज़त, जिसे देखने के लिए दर्शक काफी मात्रा में मैदान पर तो आते ही हैं और साथ ही ऐसे मौकों का बेसब्री से इंतज़ार भी करते हैं।