सबसे ज्यादा टेस्ट और वनडे में अंपायरिंग करने वाले टॉप 5 अंपायर

क्रिकेट के खेल में फैसला देने के लिए अंपायर की भूमिका काफी अहम मानी जाती है। क्रिकेट के नियमों के मुताबिक अंपायरों के पास मैदान पर निर्णय लेने का अधिकतम अधिकार है। क्रिकेट के खेल में शुरुआत में दो अंपायर हुआ करते थे और फिर तीसरे अंपायर को 90 के दशक में पेश किया गया। बिना अंपायर के क्रिकेट के खेल की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने साल 2002 में टेस्ट और वनडे इंटरनेशनल के लिए आईसीसी अंपायरों के एलिट पैनल की स्थापना की थी। शुरुआत में यह पैनल आठ अंपायरों के साथ शुरू हुआ और फिर विस्तार होते-होते अब इसका आंकड़ा 12 पहुंच चुका है। साइमन टौफेल, अशोका डी सिल्वा, श्रीनिवास वेंकटराघवन, डेव ऑर्चर्ड, डेविड शेफर्ड, इयान गुल्ड, कुमार धर्मसेना, नाइजल लोंग और रसेल टिफिन कुछ सबसे मशहूर अंपायरों में से हैं जो ओडीआई और टेस्ट में अब तक कार्यरत हैं। आइए यहां जानते हैं शीर्ष पांच अंपायरों के बारे में जिन्होंने अधिकांश टेस्ट और ओडीआई में अंपायरिंग की है। #5 डेरिल हार्पर- 269 (174 वनडे, 95 टेस्ट) डेरिल हार्पर 2002 में स्थापित आईसीसी पैनल के आठ सदस्यों में से एक थे। 1951 में पैदा हुए इस ऑस्ट्रेलियाई ने 1994 में अंतर्राष्ट्रीय खेल में अपनी पहली उपस्थिति दर्ज की। इसके बाद उन्होंने 1998 में एक टेस्ट मैच के साथ ही अपनी अंपायरिंग की शुरुआत की। हार्पर 1994 से 2011 तक अंतर्राष्ट्रीय अंपायर थे और अपने करियर में उन्होंने 174 वनडे इंटरनेशनल और 95 टेस्ट मिलाकर कुल 269 मैचों में अंपायरिंग की। साल 2003 के विश्वकप में सेमीफाइनल में भी उन्होंने अंपायरिंग की। हालांकि वेस्टइंडीज दौरे के दौरान भारतीय टीम के जरिए आलोचना किए जाने के बाद साल 2011 में डेरिल हार्पर ने अपने अंतरराष्ट्रीय अंपायरिंग करियर से संन्यास ले लिया। हालांकि उनका करियर सही तरीक से खत्म नहीं हुआ लेकिन फिर भी हार्पर एक शानदार अंपायर के तौर पर जाने जाते हैं। #4 बिली बाउडन- 284 (200 वनडे, 84 टेस्ट) क्रिकेट में अंपायरिंग के लिए बिली बाउडन अपने खास अंदाज के लिए फेमस हैं। चौका हो, छक्का हो या किसी बल्लेबाज को आउट देना हो, उनकी ऊंगलियों के जरिए फैसला देने का तरीका हर किसी को पसंद आता है। बिली बाउडन ने 32 साल की उम्र में एक खिलाड़ी के तौर पर संन्यास लिया। बिली बाउडन 10 सालों तक आईसीसी एलिट पैनल ऑफ अम्पायर्स का हिस्सा थे। वहीं साल 2007 के विश्व कप फाइनल में वह तीसरे अंपायर भी थे। साल 2007 में बिली 100 वनडे इंटरनेशनल में अंपायरिंग करने वाले सबसे युवा अंपायर बने लेकिन बाद में साइमन टौफेल ने यह रिकॉर्ड तोड़ दिया। बिली बाउडन अपने अंपायरिंग करियर में 200 एकदिवसीय और 84 टेस्ट मैचों के साथ ही कुल 284 मैचों में अंपायरिंग कर चुके हैं। हालांकि साल 2016 में न्यूजीलैंड अंतरराष्ट्रीय अंपायरिंग पैनल से उन्हें हटा दिया गया था। #3 स्टीव बकनर- 309 (181 वनडे, 128 टेस्ट) स्टीव बकनर फेमस अंपायरों में से एक के तौर पर पहचाने जाते हैं। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में स्टीव बकनर दो दशकों तक दिखाई दिए और उन्होंने पांच विश्व कप फाइनल मुकाबलों में अंपायरिंग की। इनमें 1992, 1996, 1999, 20003 और 2007 का विश्व कप शामिल रहा। स्टीव बकनर साल 1989 में अंतर्राष्ट्रीय अंपायर बने और उन्होंने भारत-वेस्टइंडीज के खिलाफ एंटीगा में अपने अंपायरिंग करियर की शुरुआत की। वहीं स्टीव बकनर आईसीसी एलिट पैनल के सदस्य भी रहे। अपने करियर में स्टीव बकनर ने कुल 309 मैचों में अंपायरिंग की। इनमें 181 वनडे और 128 टेस्ट मुकाबले रहे। #2 अलीम दार- 309 (190 वनडे, 119 टेस्ट) अलीम दार ने साल 2000 में अपने अंपायरिंग करियर की शुरुआत की। वर्तमान में अलीम दार अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे सम्मानित अंपायरों में से एक है। वह 2002 में आईसीसी एलिट पैनल ऑफ एम्पायर्स के सदस्य बने और अब तक 119 टेस्ट मैच और 190 वनडे इंटरनेशनल में अंपायरिंग कर चुके हैं। क्रिकेट इतिहास में अलीम दार कुछ महत्वपूर्ण क्रिकेट मैचों में अंपायरिंग करते हुए दिखाई दिए। साल 2007 के विश्व कप फाइनल औ साल 2010 विश्व टी20 फाइनल में अलीम दार अंपायर थे। वहीं उन्होंने साल 2015 के विश्व कप में भी कुछ मैचों में अंपायरिंग की थी। अलीम दार एक ऐसे अंपायर के तौर पर जाने जाते हैं जिन्होंने लगातार तीन बार साल 2009, 2010 और 2011 में आईसीसी अंपायर ऑफ द ईयर का खिताब जीता था। 50 वर्षीय अलीम दार अभी भी अंपायर के रूप में क्रिकेट के खेल में सक्रिय है और जल्द ही क्रिकेट में सबसे ज्यादा अंतरराष्ट्रीय मैचों में अंपायरिंग करने वाले अंपायर भी बन सकते हैं। #1 रूडी कोर्ट्जन - 317 (209 वनडे, 108 टेस्ट) जिस तरह से रूडी कोर्ट्जन बल्लेबाज को आउट देने के लिए अपना बायां हाथ उठाते थे, उसके कारण उन्हें "धीमी मौत" के नाम से भी जाना जाता है। रूडी कोर्ट्जन ने साल 1992 में अपने अंतर्राष्ट्रीय अंपायरिंग करियर की शुरुआत की। वह साल 2002 से 2010 तक आईसीसी एलिट पैनल ऑफ एम्पायर्स का भी हिस्सा थे। रूडी कोर्ट्जन ने अपने करियर में 209 वनडे इंटरनेशनल और 108 टेस्ट को मिलाकर कुल 317 मैचों में अंपायरिंग की है। वह दो विश्व कप सेमीफाइनल में और आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2004 और 2006 के फाइनल में भी अंपायर के तौर पर खड़े हो चुके हैं। अंपायर के रूप में उनका आखिरी मैच साल 2010 में श्रीलंका और जिम्बाब्वे के बीच हरारे में था। रूडी कोर्ट्जन को 100 टेस्ट मैचों में अंपायरिंग करने के लिए आईसीसी गोल्डन बेल्स और 200 वनडे में अंपायरिंग करने के लिए सिल्वर बेल्स अवॉर्ड्स से भी नवाजा जा चुका है। वहीं वैन अभी तक 100 टेस्ट और 200 वनडे मैचों में अंपायरिंग करने वाले अब तक एक मात्र अंपायर हैं। लेखक: सुजीत मोहन अनुवादक: हिमांशु कोठारी