कुछ दिन पहले विराट कोहली ने क्रिकेट की पुरानी कहावत " Catches win Matches" का एक उदाहरण पेश किया । इस कैच रॉस टेलर ने तब ड्रॉप की जब कोहली सिर्फ 6 रन पर थे, जिसके चलते न्यूज़ीलैंड को मैच गंवाना पड़ा । दिल्ली के इस दिलेर बल्लेबाज़ ने नाबाद रहते हुए 154 रन की पारी खेली और कप्तान धोनी के साथ तीसरे विकेट के लिए 151 रन जोड़े फिर मनीष पांडे के साथ 97 रन की साझेदारी की जिमसे पांडे ने नाबाद रहते हुए 28 रन बनाए । कोहली ने अभी तक 174 वनडे खेले हैं, जो काफी होते हैं हालांकि उन्हें अभी महान खिलाड़ियों से कंपेयर नहीं किया जा सकता । बावजूद इसके कि वो इस लीग में शुमार हो चुके हैं।कोहली ने 166 पारियों में 52.90 की आश्चर्यचकित कर देने वाली औसत और 90.49 के स्ट्राइक रेट से 7460 रन बनाए हैं। और अगर औसत और स्ट्राइक रेट से आप प्रभावित न हों तो कोहली के खाते में 26 शतक भी हैं जिसका मतलब की कोहली हर छठी पारी में शतक बनाते हैं। और तो और महान सचिन तेंदुलकर भी ये कारनामा नहीं कर सके जिनके नाम पर 542 पारियों में 49 शतक दर्ज हैं। ये सिर्फ इतना ही नहीं है जो कोहली को इस दौर की रन मशीन बनाता है बल्कि ये इनके दूसरी पारी के आंकड़े भी हैं। इनके बारे में काफी कुछ कहा और लिखा जा चुका है और हर भारतीय जानता है कि निसंदेह ही कोहली भारत के सर्वश्रेष्ठ मैच फिनिशर हैं और धोनी ही उनको इस मामले में टक्कर दे सकते हैं। कोहली ने दूसरी पारी में 63.78 की लाजवाब औसत और 16 शतकों की मदद से 4656 रन बनाए हैं। आईए हम कोहली की 5 बेस्ट शतकीय पारियों पर नजर डालते हैं जिसमें से कई तो बेहद विस्फोटक और हिला देने वाली पारी हैं। #1 183(148) Vs पाकिस्तान ,ढाका , 2012
अभी तक की सबसे शानदार पारी , जो भारत के बाहर पूरे दबाव में और वो भी चिर प्रतिद्वंदी पाकिस्तान के खिलाफ एशिया कप में आई। पाकिस्तान ने ओपनर्स के बीच हुई 224 रनों की साझेदारी की बदौलत भारत को जीत के लिए 330 रन का लक्ष्य दिया। भारत के लिए लक्ष्य का पीछा करते हुए शुरुआत अच्छी नहीं रही और गंभीर दूसरी ही गेंद पर आउट हो गए। सचिन की 48 गेंद पर 53 रन की तेज़ तरार पारी ने मदद जरूर की और कोहली के साथ मिलकर 133 रन की साझेदारी की। कोहली ने फिर साझेदारी के सिलसिले को रोहित शर्मा के साथ आगे बढ़ाया और दोनों ने तीसरे विकेट के लिए 172 रन जोड़े । जिसमें रोहित ने सिर्फ 82 के स्ट्राइक रेट से 68 रन बनाए। बावजूद इसके टीम इंडिया इस लक्ष्य को सिर्फ 57.5 ओवर्स में ही हासिल करने में सफल रही लेकिन ये कोहली की पारी की वजय से हुआ जिन्होंने 22 चौके और 1 छक्का जड़ा वो भी 123.64 की स्ट्राइक रेट के साथ । कोहली ने भारत को कभी दबाव में नहीं आने दिया हालांकि भारत को 25 ओवर में 169 रन , 20 ओवर में 143 रन और आखिरी 10 ओवर में 83 रन चाहिए थे। # 2 154*(134) Vs न्यूज़ीलैंड, मोहाली ,2016 6 रन पर कैच छूटने के बाद कोहली ने ये सुनिश्चित किया की न्यूज़ीलैंड को इस कैच की कीमत अदा करनी होगी। 42 रन पर 2 विकेट खोने के बाद भारतीय टीम दबाव की स्थिति में थी क्योंकि दोनों ओपनर्स सस्ते में निपट गए थे। धोनी ने खुद को नंबर 4 पर उतारा और कोहली के साथ मिलकर 151 रन की साझेदारी कर डाली । लेकिन धोनी के आउट होने के बाद कोहली ने रनगति बढ़ानी शुरु की। कोहली की 154 रन की नाबाद पारी की खासियत उनका नियंत्रण और खुद पर विश्वास था जिसके दम पर उन्होंने भारत को मैच जिताया । वो कभी भी किसी तरह के दबाव और परेशानी में नहीं थे। आखिरी 7 ओवर्स में भारत को 6 रन प्रतिओवर से रन बनाने थे और वही न्यूज़ीलैंड के पास आखिरी मौका था । लेकिन कोहली ने मैच समय से पहले ही खत्म कर दिया और न्यूज़ीलैंड के बेस्ट बॉलर ट्रेंट बोल्ट की गेंदों को मैदान के हर कोने में पंहुचा कर खूब धुनाई की। कोहली ने अपनी पारी में कोई गलत शॉट नहीं खेला , कोई ज्यादा चांस नहीं लिए और बिना किसी रिस्क के दौड़े और कई शानदार फ्लिक्स किए और गजब की ड्राइव लगाई। ये लक्ष्य का पीछा करते हुए कोहली की दूसरी 150 रनों की पारी थी जिसका न्यूज़ीलैंड के पास कोई जवाब नहीं था और वो भी कोहली की इस लाजवाब पारी की सराहना के अलावा कुछ नहीं कर सकते थे। #3 139* (126) बनाम श्रीलंका, (रांची, 2014) श्रीलंका के खिलाफ लक्ष्य का पीछा करना हमेशा कठिन होता है खासतौर जिस तरह से लंकन टीम विराधी को जाल में फसाने के लिए दबाव बनाती है। द्विपक्षीय सीरीज़ (जो भारत पहले ही जीत चुका था )के इस मुकाबले में भारत 289 रनों का के लक्ष्य का पीछा करते हुए दबाव में था। भारत के 14 रन पर 2 विकेट गिर चुके थे फिर कोहली ने रायडू के साथ 136 रन की साझेदारी की , जिन्होंने 59 गेंद पर तेज़ तरार 69 रन बनाए। बीच में भारत की पारी फिर लड़खड़ाई और भारत 231 रन पर अपने 7 विकेट खो चुका था और जीत के लिए 40 गेंद पर 56 फिर 36 गेंद पर 54 की दरकार थी। कोहली ने अक्षर पटेल के साथ मिलकर जीत सुनिश्चित कर दी । अक्षर पटेल ने 14 गेंद पर 17 रन बनाए। भारत ने टारगेट 8 गेंद रहते ही हासिल कर लिया और कोहली नाबाद रहे । कोहली ने सारा दबाव झेलते 3 छक्के और 12 चौको की मदद से अपनी पारी में 100 से ज्यादा के स्ट्राइक बनाए रखा। और तो और कोहली ने मैच का अंत भी धोनी के अंदाज़ में मेंडिस को दो छक्के लगाते हुए किया ,जिसने मैच में 4 विकेट झटक कर भारत को परेशानी में डाला था। इस जीत की बदौलत भारत ने श्रीलंका का 5-0 से क्लीन स्वीप कर दिया। #4 133* (86) बनाम श्रीलंका , होबार्ट , 2012
भारत के लिए सीबी सीरीज़ में बने रहने के लिए ये मुकाबलो करो या मरो का था, श्रीलंका ने 320 रन बनाए और भारत को पूरी तरह से दबाव में डाल दिया क्योंकि भारत को ये टारगेट बोनस प्वाइंट के साथ हासिल करना जरूरी था और वो भी 40 ओवर में। सचिन और सहवाग ने भारत को तेज़ शुरुआत दी और 6.2 ओवर में 54 रन बना दिए। जब सचिन आउट हुए भारत का स्कोर 10वें ओवर में 86 रन पर 2 विकेट था। कोहली और गंभीर ने इसके बाद 18.1 ओवर में 115 रन जोड़कर भारत को मैच में बनाए रखा। लेकिन गंभीर के जाने के बाद कोहली ने आग उगलनी शुरु की दी और विश्व के बेस्ट डेथ गेंदबाज़ लसिथ मलिंगा की खूब धुनाई की। मलिंगा ने इस मैच में 7.4 ओवर में 96 रन देकर सिर्फ 1 विकेट लिया। ये सब कोहली के सौजन्य से हुआ जिन्होंने मलिंगा के 7वेंओवर में लगातार 4 चौके और एक छक्का जड़कर ओवर में 24 रन बनाए। और इसके बाद कोहली ने मलिंका को दो चौके जड़ते हुए 320 रन का टारगेट 37वें ओवर में ही हासिल कर लिया। #5 107 (114) बनाम श्रीलंका , कोलकाता , 2009
ईडन गार्डन्स पर लाइट के नीचे रनों का पीछा करना आसान नहीं होता। कोहली अपने करियर के शुरुआती दौर में थे , टीम में दिनेशा कार्तिक और रोहित शर्मा के ऊपर जगह बनाने के लिए संघर्ष कर रहे थे। ये शायद कोहली के लिए वो मैच है जिसने उनकी क्लास को दर्शाया और करियर को नई उड़ान दी। ये भारत के लिए भी जरूरी था क्योंकि टीम में लंबे समय तक बड़े लक्ष्य हासिल करने की क्षमता नहीं थी। श्रीलंका के द्वारा 316 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत की शुरुआत खराब रही और सचिन और सहवाग के रूप में दोनों ओपनर्स 23 रन के स्कोर तक पवेलियन लौट गए। कोहली और गंभीर ने तीसरे विकेट के लिए सिर्फ 35.4 ओवर में 224 रन बनाए , गंभीर ने नाबाद 150रन का पारी खेली। गंभीर ने मैच का अंत स्टाइलिश अंदाज़ में किया और कोहली के आउट होने के बाद कार्तिक के साथ 70 रन जोड़े जिसमें कार्तिक ने सिर्फ 19 रन बनाए । हालांकि कोहली के फैन्स के लिए ये पारी बेहद खास थी क्योंकि ये कोहली का लक्ष्य का पीछा करते हुए पहला शतक था । हां, इस दिग्गज का असल जन्म उसी दिन हुआ था।