2 अप्रैल, 2011 को भारत ने 28 सालों के सूखे को खत्म करते हुए, दूसरी बार विश्व कप खिताब अपने नाम किया। एक रोचक तथ्य यह है कि ऐसा पहली बार था, जब किसी टीम ने घरेलू जमीन पर विश्व कप जीता था। हालांकि, अगले विश्व कप में ही इस कारनामे को ऑस्ट्रेलियाई टीम ने दोहराया और घरेलू जमीन पर 2015 का विश्व कप जीता। यह ऑस्ट्रेलिया का 5वां विश्व कप खिताब था। 2011 और 2015 के विश्व कप के बीच, कुल 464 वनडे मैच खेले गए। आइए जानते हैं कि इस दौरान वे कौन से 5 गेंदबाज हैं, जिन्होंने सबसे अधिक विकेट लिए। इनमें इन दोनों विश्व कप में लिए विकेटों को शामिल नहीं किया गया हैः #5 थिसारा परेरा, 81 विकेट थिसारा परेरा सीमित ओवरों के प्रारूप में बेहद कारगर गेंदबाज़ माने जाते हैं। इस लिस्ट में शामिल होने के लिए परेरा ने सिर्फ एक विकेट से पाकिस्तान के शाहिद आफरीदी को पीछे छोड़ा। 2011-2015 के बीच इस श्रीलंकाई ऑलराउंडर ने कुल 81 विकेट लिए। उनका औसत 33.46 और इकॉनमी रेट 5.75 का रहा है। इसमें उनके करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन (6/44) भी शामिल है। इन 4 सालों में पाकिस्तान के खिलाफ खेले गए 17 मैचों में परेरा ने 27 विकेट लिए। इस दौरान पाकिस्तानी बल्लेबाजों के बीच परेरा का खौफ बना रहा। वह नई गेंद के साथ जितना बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं, उतना ही आखिरी ओवरों में अपनी गेंदबाज़ी विविधताओं से भी बल्लेबाज़ों को परेशान करने में माहिर हैं। #4 रविचंद्रन अश्विन, 102 विकेट अगर हालिया दौर की बात करें तो सीमित ओवरों के क्रिकेट में आर अश्विन का प्रदर्शन कुछ खास नहीं है, लेकिन बताए गए समय में वह भारत के लिए बेहद कारगर साबित हुए हैं। सिर्फ विराट कोहली (96) और सुरेश रैना (92) ही ने इस दौर में अश्विन से ज्यादा वनडे मैच खेले हैं। अश्विन ने इस दौरान 79 मैचों में 102 विकेट झटके हैं। उनका औसत 34.30 और इकॉनमी रेट 4.91 का रहा है। अश्विन का इकॉनमी रेट साफ करता है कि बीच के ओवरों में विरोधी टीम के रनों की गति पर रोक लगाने में अश्विन कामयाब रहे हैं। बड़े मैचों में औसत से बेहतर खेलने की अश्विन की क्षमता का सबसे बेहतरीन उदाहरण है चैंपियन्स ट्रॉफी, 2013। फाइनल मैच में उन्होंने 4 ओवरों में 15 रन देकर 2 विकेट लिए और भारत कम स्कोर के बावजूद भी मैच जीतने में सफल रहा। #3 रविंद्र जडेजा, 105 विकेट रविंद्र जडेजा 2013 चैंपियन्स ट्रॉफी में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज थे। अश्विन की तरह ही सीमित ओवरों में जडेजा का करियर भी हाल में कुछ बेहतर हालात में नहीं है। लेकिन 2011-2015 के बीच इस बाएं हाथ के स्पिन गेंदबाज ने अश्विन के साथ मिलकर भारतीय टीम के स्पिन डिपार्टमेंट को काफी मजबूती दी थी। इन 4 सालों में खेले गए 76 मैचों में, जडेजा ने 29.95 के औसत और 4.78 के इकॉनमी रेट के साथ 105 विकेट लिए। 2013 चैंपियन्स ट्रॉफी में जडेजा ने कुल 12 विकेट लिए और पहली बार अपने वनडे करियर में 5 विकेट का स्पेल करने की उपलब्धि भी जडेजा ने इस ही टूर्नामेंट में हासिल की। फाइनल मैच में अपने ऑलराउंड प्रदर्शन के बल पर उन्हें ´मैन ऑफ द मैच´का खिताब भी जीता। #2 सईद अजमल, 134 विकेट अपने करियर के चरम में अजमल एक ऐसे गेंदबाज थे, जिन्हें विश्व क्रिकेट का सबसे खतरनाक ऑफ-स्पिनर माना जाता रहा है। इन 4 सालों में, जिन गेंदबाजों ने कम से कम 50 विकेट लिए हैं, सईद अजमल का औसत (19.57) सबसे बेहतरीन रहा है। इस दौरान उन्होंने 73 मैचों में 134 विकेट लिए हैं। अजमल का इकॉनमी रेट 4.02 और स्ट्राइक रेट 29.1 का रहा है। ऐसी पिचों पर, जहां स्पिन गेंदबाजी को बिल्कुल भी सपोर्ट न मिल रहा हो, अजमल विपक्षी टीम की बैटिंग लाइनअप को ध्वस्त करने में सक्षम रहते हैं। 2012 एशिया कप टाइटल हो या फिर भारत और दक्षिण अफ्रीका में वनडे सीरीज में जीत, अजमल के बिना पाकिस्तान के लिए यह बेहद मुश्किल था। #1 लसिथ मलिंगा, 144 विकेट 2011 और 2015 के बीच, किसी भी स्पेशलिस्ट गेंदबाज ने न तो लसिथ मलिंगा से अधिक मैच खेला और न ही उनसे ज्यादा विकेट लिए। इस दौरान 93 वनडे मैचों में, इस तेज गेंदबाज ने 144 विकेट लिए। उनका औसत 27.95 और इकॉनमी रेट 5.45 का रहा है। इन 4 सालों में मलिंगा ने पांच बार पारी में 5 विकटों के स्पेल किए हैं। फिलहाल मलिंगा अपने फॉर्म और फिटनेस, दोनों ही से जूझ रहे हैं। हालांकि, इस दौरान वह अपने करियर के चरम पर थे। नई बॉल से स्विंग के साथ-साथ मलिंगा, बीच के ओवरों में महत्वपूर्ण विकेट लेने में भी कारगर रहे हैं। एक वक्त में आखिरी ओवरों में मलिंगा का खौफ हुआ करता था। लेखकः राम कुमार अनुवादकः देवान्श अवस्थी