तिलकरत्ने दिलशान की 6 शानदार पारियां

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अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास लेने वाले श्रीलंका के दिग्गज बल्लेबाज़ तिलकरत्ने दिलशान दुनिया भर में विस्फोटक सलामी बल्लेबाज़ के रूप में लोकप्रिय थे।उनके साथी खिलाड़ियों ने उन्हें आखिरी मैच में गार्ड ऑफ़ ऑनर दिया। दिलशान ने इस मैच में गेंदबाज़ी भी की। साथ ही इस 39 वर्षीय बल्लेबाज़ की आंखों में आंसू भी दिखे खासकर तब जब वह सीमा रेखा पर फील्डिंग कर रहे थे। दिलशान इस मैच में पहली स्लिप में डेविड वार्नर को कैच दे बैठे। पूरा स्टेडियम आंसू में डूब गया। उनकी पुरानी यादों में लोग खो गये। दिलशान का ये आखिरी मैच था, ऐसे में आइये डालते हैं दिलशान की कुछ यादगार पारियों पर एक नजर:

#1 लॉर्ड्स 2011 में इंग्लैंड के खिलाफ 193 रन की पारी

साल 2011 में दिलशान ने लॉर्ड्स में यादगार पारी खेली। मेहमान टीम के सामने इंग्लैंड का पहाड़ जैसा स्कोर 486 था। दिलशान ने इस मैच में घायल शेर की तरह बल्लेबाज़ी की थी। क्योंकि कार्डिफ टेस्ट में स्टुअर्ट ब्रॉड, ग्रेम स्वान और क्रिस ट्रेमलेट ने श्रीलंका को हार की तरफ धकेल दिया था। इस पारी में दिलशान ने ब्राड की गेंदों पर अपने मनचाहे शॉट खेले थे। और जब स्वान ने गेंद को उछाल देने की कोशिश की तो वह बड़े शॉट लगाने से नहीं चूके थे। अपना शतक पूरा करने के बाद दिलशान ने अपनी भावना जाहिर करने के लिए श्रीलंका के बैज को चूमा। साथ ही उन्होंने ये भी दिखाया की लॉर्ड्स पर शतक लगाना कितना उनके लिए महत्व रखता है। हालांकि जब वह 80 रन पर थे तब मैट प्रायर ने उनका ग्रेम स्वान की गेंद पर एक कठिन कैच छोड़ दिया था। स्टीवन फिन ने अंततः दिलशान को दोहरे शतक से पहले आउट कर दिया। गेंद उनके लेग स्टम्प को बिखेर गयी। ऐसे वह लॉर्ड्स पर दोहरा शतक बनाने से चूक गये। हालाँकि टेस्ट मैच के दूसरे दिन के चाय के बाद दिलशान के दायें हाथ के अंगूठे में लम्बे कद के गेदबाज़ ट्रेमलेट की बाउंसर लगी थी। इस वजह से उन्हें दर्द भी काफी हो रहा था। बाद में एक्स-रे ये बात सामने आई की दिलशान के अंगूठे फैक्चर हो गया था। #2 साल 2012 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 147 रन की पारी tillakaratne-dilshan-147-1473486542-800 दिलशान 2012 आते-आते काफी सशक्त खिलाड़ी के तौर पर उभरे थे। उन्होंने जनवरी 2012 में टीम की कप्तानी छोड़ दी थी। इसी साल के अंत में वह ऑस्ट्रेलिया के होबार्ट में एक और टेस्ट मैच में विनर की तरह उभरे। मेजबान टीम ने इस मैच में 450/5 पर पारी घोषित कर दी थी। ऐसे में श्रीलंकाई बल्लेबाजों को इस अंजान पिच पर खुद को साबित करना था। दिलशान ने ऐसे में मोर्चा संभाला था। उन्होंने इस शानदार पारी में मिचेल स्टार्क नाथन लियोन जैसे गेंदबाजों की जमकर खबर ली। तीसरे दिन लंच के बाद ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज़ लगातार हावी हो रहे थे। लेकिन दिलशान ने टीम की जरूरत के हिसाब से बल्लेबाज़ी करते हुए मध्यक्रम को बिखरने से बचाया। हालाँकि दिलशान स्टार्क की एक यॉर्कर को नहीं समझ पाए और वह 147 रन बनाकर आउट हो गये। फिर भी उन्होंने श्रीलंकाई खेमे में आशा का संचार कर दिया था। #3 साल 2012 में एडिलेड में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 106 रन और 40-1 विकेट tillakaratne-dilshan-australia-1473486619-800 एडिलेड ओवल में हल्की-हल्की हवा के साथ शानदार दृश्य था। ये मौसम दिलशान के अनुकूल था। जहाँ उन्होंने इस तीन मैच की सीरीज में अपने ऑलराउंड प्रदर्शन से 1-1 की बराबरी ला खड़ा किया। दिलशान ने इस मैच शानदार प्रदर्शन करते हुए शतकीय पारी खेली। जिसमें खूबसूरत स्ट्रोक के साथ दिलस्कूप भी देखने को भी मिले थे। हालाँकि एक दिल्स्कूप वह चूक भी गये थे। लेकिन रन उनके बल्ले से लगातार निकले थे। साथ ही महेला जयवर्धने ने भी इस मैच में अंतिम तीन ओवर में 30 रन ठोंक दिए थे। जिसकी मदद से मेहमान टीम ने इस मैच को 8 विकेट से जीत लिया था। इससे पहले दिलशान ने अपने स्पिन का भी जलवा दिखाया। उन्होंने 40 रन देकर 1 विकेट भी लिया। ऑस्ट्रेलिया इस मैच में 271/6 रन ही बना पाया था। #4 साल 2011 में कोलम्बो में इंग्लैंड के खिलाफ 108 रन नाबाद और 25-1 विकेट tillakaratne-dilshan-england-world-cup-1473486647-800 साल 2011 का विश्वकप उपमहादीप में खेला गया था। जिसमें इंग्लैंड की टीम आत्मविश्वास से लबरेज कोलम्बो में क्वार्टरफाइनल खेलने आई थी। जेम्स ट्रेडवेल और ग्रेम स्वान इंग्लिश टीम के मुख्य हथियार थे। मेहमान टीम की बल्लेबाज़ी इस मैच में पूरी तरह बिखर गयी थी। जवाब में दिलशान और थरंगा ने बेहतरीन 231 रन की साझेदारी करके टीम को 10 विकेट से जीत दिलाई। दिलशान ने बड़े ही शांत मन से इस पारी को शुरू किया था। उन्होंने नई गेंद पर कुछ आक्रामकता दिखाते हुए अंग्रेज गेंदबाजों की गेंदों पर कई चौके जड़े। दोनों सलामी बल्लेबाज़ शतक के करीब थे और श्रीलंका जीत से मात्र 3 रन दूर था। ऐसे में दिलशान ने स्वान की गेंद पर चौका जड़कर अपना शतक पूरा किया। लेकिन थरंगा 98 रन बनाकर शतक से वंचित रह गये। दिलशान ने इसके लिए तुरंत थरंगा से माफ़ी मांगी। क्योंकि उन्होंने स्वान की लगातार गेंदों पर चौके पर चुका जड़ दिया था। हालाँकि दिलशान की ये माफ़ी एक बार लोगों को सोचने पर मजबूर कर सकती है। इससे पहले दिलशान ने इस मैच में स्ट्रास को आउट भी किया था। #5 साल 2009, राजकोट में भारत के खिलाफ 160 रन की पारी tillakaratne-dilshan-rajkot-1473486685-800 साल 2009 दिलशान के करियर का सबसे अहम वर्ष था। इस साल उन्होंने वनडे में 55 के औसत से 1000 से ज्यादा रन बनाये थे। इस साल उन्होंने 4 शतक ठोंके थे। लेकिन उन्होंने भारत के खिलाफ राजकोट में कमाल का प्रदर्शन किया था। भारत ने इस मैच में जीत के लिए श्रीलंका के खिलाफ 414 रन का लक्ष्य रखा था। जिसके जवाब में दिलशान ने श्रीलंका को जबरदस्त शुरुआत दिलाई। उन्होंने इस पारी के दौरान अपने सभी पसंदीदा शॉट खेले थे। जिसमें कट, पुल और गैप में खेले कई शॉट थे। दिलशान ने ज़हीर खान की गेंदों की भी जमकर धुनाई की। दिलशान ने रविन्द्र जडेजा के एक ओवर में 17 रन ठोंके। इस दौरान उन्होंने स्कूप से भी दबाव बनाया था। दिलशान अंततः हरभजन की गेंद पर आउट हो गये थे। लेकिन दिलशान ने श्रीलंका के बाकी बल्लेबाजों के लिए मात्र 7 रन प्रतिओवर से रन बनाने की रफ्तार दे दिया था। हालाँकि श्रीलंका ये मैच हार गया था। #6 साल 2011, पल्लेकेले में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 104 रन नाबाद tillakaratne-dilshan-t20i-1473486744-800 दिलशान का बल्ला सबसे छोटे प्रारूप में भी खूब चला। उन्होंने 2011 में पल्लेकेले में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मात्र 57 गेंदों में 104 रन ठोंके थे। इस पारी के दौरान उन्होंने ब्रेट ली, जॉन हेस्टिंग्स और जॉनसन की खूब धुनाई की थी। श्रीलंका ने इस मैच में 198 रन बनाये थे। संगकारा ने इस मैच में दिलशान के बाद सबसे ज्यादा 30 रन बनाये थे। डेविड वॉर्नर ने इस मैच में 53 गेंदों पर 62 रन की पारी खेली थी। लेकिन बाकी टीम के बल्लेबाज़ नहीं चले जिसकी वजह से ऑस्ट्रेलिया सिर्फ 163 रन ही बना सकी और श्रीलंका ने इस मैच को 35 रन से जीत लिया। लेखक-भरत राज, अनुवादक-जितेन्द्र तिवारी