साल 2011 का विश्वकप उपमहादीप में खेला गया था। जिसमें इंग्लैंड की टीम आत्मविश्वास से लबरेज कोलम्बो में क्वार्टरफाइनल खेलने आई थी। जेम्स ट्रेडवेल और ग्रेम स्वान इंग्लिश टीम के मुख्य हथियार थे। मेहमान टीम की बल्लेबाज़ी इस मैच में पूरी तरह बिखर गयी थी। जवाब में दिलशान और थरंगा ने बेहतरीन 231 रन की साझेदारी करके टीम को 10 विकेट से जीत दिलाई। दिलशान ने बड़े ही शांत मन से इस पारी को शुरू किया था। उन्होंने नई गेंद पर कुछ आक्रामकता दिखाते हुए अंग्रेज गेंदबाजों की गेंदों पर कई चौके जड़े। दोनों सलामी बल्लेबाज़ शतक के करीब थे और श्रीलंका जीत से मात्र 3 रन दूर था। ऐसे में दिलशान ने स्वान की गेंद पर चौका जड़कर अपना शतक पूरा किया। लेकिन थरंगा 98 रन बनाकर शतक से वंचित रह गये। दिलशान ने इसके लिए तुरंत थरंगा से माफ़ी मांगी। क्योंकि उन्होंने स्वान की लगातार गेंदों पर चौके पर चुका जड़ दिया था। हालाँकि दिलशान की ये माफ़ी एक बार लोगों को सोचने पर मजबूर कर सकती है। इससे पहले दिलशान ने इस मैच में स्ट्रास को आउट भी किया था।