हाल के सालों में वनडे और टेस्ट की नाबाद नाइनटीज़ की 6 प्रभावी पारियां

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साल 2007 में सचिन तेंदुलकर वनडे में 7 बार 90 रन बनाने के बाद आउट हुए थे और सिर्फ एक शतक बना पाए थे, तीन बार तो वह 99 रन आउट हुए थे। इसके अलावा टेस्ट में उन्होंने 90 रन के करीब 2 बार बनाये थे। साल 2009 में साइमन काटिच 92, 99 और 98 रन पर आउट हो गये थे। इसी तरह मुरली विजय साल 2013 में डरबन में 97, लॉर्ड्स में 95 और 2014 में एडिलेड में टेस्ट में 99 रन पर आउट हो गये थे। लेकिन कई ऐसे भी खिलाड़ी रहे हैं, जिन्होंने ने तकरीबन 90 से ज्यादा रन बनाकर अपनी टीम को विजय दिलाने में कामयाब रहे हैं। 21वीं सदी में ऐसी कई पारियां देखने को मिल चुकी हैं। जिसमें बल्लेबाजों ने 99 रन भी नाबाद बनाये हैं। आइये डालते हैं एक नजर: #6 एमएस धोनी: 92 नाबाद- इंदौर, 2015 धोनी ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने अपनी ज्यादातर बल्लेबाज़ी दबाव वाले पलों में की है। साथ ही कई बार उन्होंने अपने दम पर मैच का रुख बदला है। इस मैच में धोनी तब बल्लेबाज़ी करने आये थे जन टीम इंडिया का स्कोर 102/3 था। उसके बाद टीम का स्कोर 165/7 हो गया था। धोनी ने अपनी इस 86 गेंद की पारी में चार छक्के और 7 चौके लगाये थे। इस मैच में धोनी ने युवा गेंदबाज़ कगिसो रबादा की गेंद पर चार चौके और एक छक्के जड़कर अपने निशाने पर रखा था। दक्षिण अफ़्रीकी गेंदबाजों ने इस विकेट पर बेहतरीन गेंदबाज़ी की लेकिन धोनी ने उन्हें अपनी मौजूदगी का एहसास करवाया था। धोनी की स्ट्राइक रेट इस मैच में कभी कम नहीं हुई। साथ ही धोनी एक-दो रन भी नहीं छोड़ते थे। इस मैच के अगले तीन छक्के स्पिनरों पर लगे जब भारत अपने 247/9 का बचाव कर रहा था और प्रोटेस लक्ष्य का पीछा कर रहे थे। इस मैच में टीम इंडिया ने 22 रन की जीत दर्ज की और सीरीज को 1-1 से बराबर कर लिया। धोनी को इस मैच में मैन ऑफ़ द मैच का अवार्ड मिला था। #5 मिस्बाह-उल-हक: 93 नाबाद- नेपियर, 2011 misbaaah-1472647796-800 पाकिस्तान के टेस्ट कप्तान मिस्बाह-उल-हक़ ने वनडे में बड़ी ही शानदार पारी खेली थी। उन्होंने पहले मजबूती से कदम जमाये और उसके बाद उन्होंने धमाकेदार बल्लेबाज़ी की। न्यूज़ीलैंड ने 262/7 का लक्ष्य रखा था। जवाब में पाकिस्तान के 84 रन पर 3 विकेट जल्दी गिर गये। जिसके बाद मिस्बाह ने युनिस खान 53 के साथ मिलकर 89 रन की साझेदारी की। मिस्बाह ने पहली 20 गेंदों में मात्र 8 सिंगल्स लिए थे। उसके बाद 44वीं गेंद पर उन्होंने पहला चौका जड़ा। अंतिम तीन ओवर में 24 रन बनाने थे। तब मिस्बाह ने मध्यम गति के गेंदबाज़ स्टायरिस की पहली गेंद पर छक्का और अगली दो गेंदों पर चौका जड़ा। जिससे उनका स्कोर 92 हो गया। उसके गेंद पर एक रन और एक डॉट बॉल का ही मिस्बाह ने सामना किया। उसके बाद सोहेल तनवीर ने बाकी रन बनाकर टीम को जीत दिला दी। पाकिस्तान ये मैच 2 ओवर पहले 2 विकेट से जीत गया। 102 की स्ट्राइक रेट से मिस्बाह मैन ऑफ़ द मैच बने थे। #4 मिचेल जॉनसन: 96 नाबाद- जोहानसबर्ग, 2009 mitchell-1472647644-800 जॉनसन को लोग खतरनाक गेंदबाज़ के तौर जानते हैं। लेकिन बतौर निचले क्रम के बल्लेबाज़ उन्होंने प्रोटेस के खिलाफ शानदार बल्लेबाज़ी की थी। शतकवीर मार्कस नॉर्थ को नौवें क्रम के इस बल्लेबाज़ से अच्छा सहयोग मिला था। जॉनसन के सहयोग से नॉर्थ को अपना शतक बनाने में मदद मिली। साथ ही दोनों ने मिलकर 117 रन की साझेदारी की। नॉर्थ के आउट होने के बाद जॉनसन काफी तेज बल्लेबाज़ी करने लगे। ऑफ़स्पिनर पॉल हैरिस के एक ओवर में मिशेल ने 26 रन ठोंक दिए। डेल स्टेन की तीन गेंदों पर तीन चौके जड़कर 84 से 96 पहुँच गये। लेकिन मोर्कल ने लगातार दो गेंदों पर दो विकेट लेकर उनके शतक का सपना तोड़ दिया। जबकि जॉनसन एक तरफ नाबाद रहे। गेंदबाज़ी में जॉनसन ने इस मैच की दोनों पारियों में 4 विकेट झटके थे। ऑस्ट्रेलिया ने इस मैच को 162 रन से जीता। प्लेयर ऑफ़ द मैच का अवार्ड जॉनसन को मिला। #3 राहुल द्रविड़: 92 नाबाद- ब्रिस्टल, 2007 Second NatWest Series ODI: England v India दुनिया के सबसे रक्षात्मक बल्लेबाज़ ने इंग्लैंड के गेंदबाजों की धज्जियां उड़ाकर सारे मिथक तोड़ दिए थे। सीरीज में भारत 0-1 से पिछड़ा हुआ था। राहुल द्रविड़ ने इस मैच में अपवाद के तौर पर बड़ी सफाई से आक्रमक बल्लेबाज़ी की। द्रविड़ ने इस मैच में 63 गेंदों में 92 रन बनाये थे। इस दौरान उन्होंने 11 चौके और एक छक्का जड़ा था। जिससे भारत ने 329/7 का स्कोर खड़ा किया था। द्रविड़ ने 43 गेंदों में अर्धशतक पूरा किया था। भारत के कप्तान उस वक्त दो गेंदों की कमी के चलते एक यादगार शतक बनाने से चूक गये थे। इसके बावजूद उन्हें 146 के स्ट्राइक रेट से बल्लेबाज़ी करने के लिए मैन ऑफ़ द मैच दिया गया था। ब्रिस्टल के बेहतरीन क्रिकेट मैदान पर इंग्लैंड इस मैच को 9 रन से हार गया था। इससे पहले सचिन तेंदुलकर 99 रन पर आउट हो गये थे। #2 केविन पीटरसन: 91 नाबाद- ब्रिस्टल, 2005 piet-1472647661-800 ब्रिस्टल के मैदान पर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ इंग्लैंड के उभरते हुए सितारे ने गेंदबाजों की बखिया उधेड़ दी थी। जिसकी मदद से इंग्लैंड ने सफलतापूर्वक स्कोर का पीछा किया। केविन तब बल्लेबाज़ी करने आये थे, जब टीम का स्कोर 253 के जवाब में 119/4 था। कप्तान माइकल वॉन मैदान पर थे। वॉन ने 57 रन की पारी खेली थी, जिसके बाद पीटरसन ने करिश्माई बल्लेबाज़ी की। 34 गेंदों में 25 रन बनाकर पीटरसन ने धीमी शुरुआत की। लेकिन उन्होंने 91 रन बनाने के लिए मात्र 65 गेंदें खेली थीं। इस दौरान पीटरसन ने 8 चौके और 4 छक्के जड़े थे। उससे पहले पीटरसन की तरह इंग्लैंड में इस तरह का कोई पॉवरहिटर नहीं था। उन्होंने स्टीव हार्मिसन के वनडे में पहली बार 5 विकेट को बेकार नहीं जाने दिया। पीटरसन के इस बेहतरीन धमाके के लिए उन्हें मैन ऑफ़ द मैच का ख़िताब दिया गया। इंग्लैंड ने इस मैच को 3 विकेट से जीतकर 5 बोनस अंक हासिल किए और बांग्लादेश को इस त्रिकोणीय सीरीज से बाहर करके फाइनल में जगह बनाई। #1 एंड्रू हॉल: 99 नाबाद- लीड्स, 2003 m-1472647674-800 मैच के पहली पारी में हाल बिना खाता खोले आउट हो गये थे। लेकिन दूसरी पारी में उन्होंने जादुई बल्लेबाज़ी की। पहली पारी में दक्षिण अफ्रीका को 35 रन की बढ़त मिली थी। जिसके बाद उनकी इस पारी ने मैच का रुख ही बदल दिया। हॉल की इस पारी के बाद इंग्लैंड के गेंदबाजों ने प्रोटेस से इस मैच को छीन लिया। जिसकी बदौलत 3 मैचों की सीरीज 1-1 की बराबरी पर अ गयी थी। दक्षिण अफ्रीका ने किसी तरह से 365 रन बनाये थे। हॉल ने डेब्यू कर रहे मोंडे जोंडेकी के साथ मिलकर 49 रन की साझेदारी की। इसके अलावा 7वें विकेट के लिए डेवाल्ड के साथ मिलकर 54 रन की भागीदारी निभाई। जिससे मैच पूरी तरह बदल गया। हॉल ने 82 गेंदों में 15 चौकों और 2 छक्कों की मदद से 72 रन बनाये थे। हॉल ने सौंवे ओवर की चौथी गेंद पर चौका जड़ा, साथ ही वह प्रिटोरिउस को वह फ़्लिंटॉफ़ के सामने नहीं आने देना चाहते थे। लेकिन इसके बावजूद प्रिटोरिउस को अगली गेंद का सामना करना पड़ा और वह बोल्ड हो गये। जिसकी वजह से हॉल को 99 रन पर वापस आना पड़ा। हालाँकि प्रोटेस ने इस मैच को 121 रन से जीत लिया था।

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