#3 विराट कोहली 183 बनाम पाकिस्तान, एशिया कप 2012
जब आप लक्ष्य का पीछा करने पर बात करते हैं तो विराट कोहली का उल्लेख ना करना असंभव है। रन मशीन ने लक्ष्य का पीछा करने कला में महारत हासिल की है। परिस्थितियों को अनुसार ढ़लने की क्षमता और दबाव को अवशोषित करने की उनकी क्षमता ने कई बार यह सुनिश्चित किया है कि भारत अनगिनत अवसरों पर विजेता पक्ष के साथ मैच समाप्त करेगा। बांग्लादेश के खिलाफ निराशजनक हार का सामना करने के बाद भारत पर अपने कट्टर विरोधी पाकिस्तान के खिलाफ एक भयंकर दबाव वाले मुठभेड़ के लिए तैयार था। पाकिस्तानी सलामी बल्लेबाज नासीर जमशेद और मोहम्मद हफीज दोनों ने शतक लगाए और भारतीय टीम के लिए 330 का लक्ष्य निर्धारित किया। वीरेंद्र सहवाग की अनुपस्थिति में गौतम गंभीर ने सचिन तेंदुलकर के साथ पारी का आगाज किया। भारत ने अपना खाता खोले के बिना पहला विकेट खो दिया व एक और हार सामने दिखाई देने लगी। हालांकि, विराट कोहली ने कुछ दिनों पहले एक समान लक्ष्य को पार कर दिया गया था। कोहली ने टूर्नामेंट में श्रीलंका के खिलाफ एक शतक भी था। उन्होंने पाकिस्तानी गेंदबाजी के खिलाफ मोर्चा संभाला और शॉट्स की विस्तृत श्रृंखला प्रदर्शित की। उन्होंने सिर्फ ढाई 22 ओवर में भारत का स्कोर 150 रन कर दिया। उन्होंने तेंदुलकर के साथ शतकीय साझेदारी बनायी और रोहित शर्मा के साथ 172 रन की शानदार साझेदारी की, इस प्रकार 13 गेंदें शेष रहते हुए भारतीय की जीत सुनिश्चित कर दी। कोहली ने 22 चौके और एक छक्के की मदद से 183 रन बनाये। यह वनडे में पाकिस्तान के खिलाफ सबसे ज्यादा व्यक्तिगत स्कोर है। इस पारी ने कोहली की प्रतिष्ठा को एक शानदार चेज़र के रूप में स्थापित किया, जिसे उन्होंने अन्य बेहतरीन पारियों के साथ और मजबूत किया।