रविंद्र को पहली बार टीम में जगह 2012 में जगह मिली थी। जब उन्होंने 2012 में रणजी ट्रॉफी में 2 तिहरे शतक जड़कर सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा था। जडेजा ने 2012 में इंग्लैंड के खिलाफ चौथे टेस्ट मैच में डेब्यू किया था। रविंद्र को शुरुआत में टीम में एक बैटिंग ऑलराउंडर के तौर पर शामिल किया गया था। लेकिन धीरे-धीरे वो टीम के टॉप क्लास स्पिनर बन गए। जडेजा टेस्ट क्रिकेट में आर अश्विन का बखूबी साथ निभाते और दोनों दिग्गज स्पिनर्स ने मिलकर टीम इंडिया को भी टेस्ट क्रिकेट में नंबर 1 टीम बनाया। इस लेफ्ट आर्म ऑर्थोडोक्स स्पिनर ने 28 टेस्ट मैचों में 23.44 की औसत 129 विकेट हासिल किए हैं। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली जा रही मौजूदा टेस्ट सीरीज में तो जडेजा अपने प्रदर्शन के दमपर आईसीसी की गेंदबाजों की रैंकिंग में अश्विन के साथ टॉप पर काबिज हैं। इस 28 साल के स्पिनर को मुथैया मुरलीधरन की बराबरी करने के लिए अभी काफी क्रिकेट खेलनी होगी। हालांकि इसमें कोई दो राय नहीं कि जडेजा क्रिकेट इतिहास के कामयाब लेफ्ट आर्म स्पिनरों में अपना नाम जरूर दर्ज करवाएंगे।