2011 में वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट डेब्यू करने के बाद से आर अश्विन टीम इंडिया के सबसे कामयाब गेंदबाज बने। टेस्ट क्रिकेट में इस समय टीम इंडिया आईसीसी रैंकिंग में नंबर 1 टीम है तो इसमें सबसे अहम योगदान आर अश्विन का रहा है। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेली जा रही मौजूदा टेस्ट सीरीज में अश्विन ने अपने शानदार प्रदर्शन के दमपर बेंगलुरु टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया के जबड़े से जीत छीनी। बेंगलुरु टेस्ट में जब ऑस्ट्रेलियाई टीम को जीत के लिए 188 रन का लक्ष्य मिला था, तब अश्विन ने 6 विकेट लेकर पूरी टीम को 112 रन पर समेट दिया था। हालांकि पर कई क्रिकेट पंडित ये सवाल भी उठाते रहे हैं कि अगर सब कॉन्टिनेंट की पिचें स्पिन फ्रेंडली ना होती तो अश्विन इतने कामयाब स्पिनर ना बन पाते। इन सब आलोचनाओं का जवाब देते हुए अश्विन आगे बढ़ते रहे। उन्होंने बार-बार साबित किया है कि वो भारतीय टीम के मुख्य स्पिनर हैं और टीम इंडिया की कामयाबी में उनका अहम रोल रहता है। 30 साल के अश्विन ने सिर्फ 47 टेस्ट मैचों में 24.79 की औसत से 269 विकेट हासिल किए हैं। जाहिर तौर आंकड़ों खुद इस बात पर मुहर लगाते हैं कि अश्विन मुथैया मुरलीधरन के रिकॉर्ड के करीब पहुंचने का दम रखते हैं।