बिना शून्य पर आउट हुए सबसे ज़्यादा एकदिवसीय पारियां खेलने वाले 5 बल्लेबाज़

क्रिकेट के प्रारूपों में एकदिवसीय प्रारूप पर खिलाड़ी काफी ध्यान केंद्रित करते हैं। एकदिवसीय क्रिकेट का अपना एक अलग ही महत्व है। लेकिन क्या आपको इसके बारे में पता है कि एकदिवसीय क्रिकेट में कौनसे खिलाड़ी जीरो के स्कोर पर आउट हुए बिना ज्यादा पारियां खेल चुके हैं? हो सकता है कि आपका ध्यान एबी डीविलियर्स, डीन जोन्स, एमएस धोनी, कुमार संगकारा और सौरव गांगुली जैसे नामों की तरफ जाए लेकिन ये नाम इस सूची में जगह तक नहीं बना पाए। बल्कि इस सूची में ऐसे खिलाड़ियों ने अपनी जगह बनाई है जो अपने देश की टीम के कप्तान भी रह चुके हैं। आइए जानते हैं उन खिलाड़ियों के बारे में जो शून्य के स्कोर पर आउट होने से पहले सबसे ज्यादा एकदिवसीय पारियां खेल चुके हैं।

#5 रिची रिचर्डसन / मोहम्मद यूसुफ - 92

सूची में पांचवां स्थान संयुक्त रूप से रिची रिचर्डसन और मोहम्मद यूसुफ के नाम है। दोनों खिलाड़ियों के नाम बिना शून्य पर आउट हुए 92 एकदिवसीय पारियां खेलने का रिकॉर्ड दर्ज है। मोहम्मद यूसुफ का वनडे करियर 1998 में शुरू हुआ और तब वे 8 पारियों में दो बार शून्य पर आउट हुए थे। वहीं साल 2000 में वो पांच बार शून्य पर आउट हुए। वहीं साल 2005 में शून्य पर आउट होने के बाद उन्होंने काफी साल तक अपनी फॉर्म को बनाए रखा और फिर वो साल 2010 में शून्य पर आउट हुए। इस दौरान 92 पारियों का फासला रहा। वहीं रिची रिचर्डसन 1990 से लेकर 1996 तक बिना जीरो पर आउट हुए 92 पारियों तक रहे। हालांकि इस दौरान वो चार बार एक रन बनाकर जरूर आउट हुए।

#4 जावेद मियांदाद - 96

पाकिस्तान के जावेद मियांदाद ने अपने क्रिकेट करियर में काफी कुछ हासिल किया है। मियांदाद का करियर 1975 में शुरू हुआ था, जब उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ इंग्लैंड में पहले विश्व कप में खेला था। वह मैच क्रिकेट में खेला जाने वाला 23वां वनडे था। वहीं मार्च 1996 में मियांदाद ने बैंगलोर में अपना आखिरी एकदिवसीय मुकाबला खेला था। यह मुकाबला एकदिवसीय क्रिकेट इतिहास का 1078 वां वनडे मैच था। पाकिस्तान के जावेद मियांदाद अपने एकदिवसीय क्रिकेट करियर में बिना शून्य पर आउट हुए 96 पारियों को अंजाम दे चुके थे। इस दौरान वो दो बार विश्व कप की टीम का हिस्सा भी रहे और वहीं साल 1992 में उनकी टीम पाकिस्तान ने विश्व कप में जीत भी हासिल की। 20 साल तक चले अपने करियर में मियांदाद ने 41.70 की औसत से बल्लेबाजी करते हुए 7,381 रन बनाए जिसमें 8 शतक और 50 अर्धशतक भी अपने नाम किए।

#3 केप्लर वेसल्स - 105

दक्षिण अफ्रीका के केप्लर वेस्सेल अपनी शानदार बल्लेबाजी के लिए जाने जाते थे। मैदान पर आने के बाद उनका विकेट ले पाना गेंदबाजों के लिए आसान काम नहीं था। इस सूची में केप्लर एकमात्र ऐसे खिलाड़ी हैं जो अपने एकदिवसीय करियर में एक बार भी शून्य पर आउट नहीं हुए हैं। अपने करियर में खेली गई 105 पारियों में उन्होंने हर कम से कम एक रन तो हर मैच में ही स्कोर किया है। उन्होंने अपने एकदिवसीय करियर में सिर्फ 1 शतक लगाया औ 34.35 की औसत से बल्लेबाजी करते हुए 3367 रन स्कोर किए।

# 2 मार्टिन क्रो - 119

न्यूजीलैंड के मार्टिन क्रो भी मैदान पर अपनी पारी को सहज तरीके से आगे बढ़ाने के लिए जाने जाते हैं। क्रो भी एकदिवसीय क्रिकेट के शानदार खिलाड़ी माने जाते थे। वहीं क्रो ने बिना शून्य पर आउट हुए 119 पारियां खेली हैं। इस दौरान उन्होंने दो विश्व कप भी खेले हैं। इसके अलावा मार्टिन क्रो इस वक्त में केवल तीन शतक ही लगा सके थे, इनमें से 1992 के विश्व कप में लगाया गया उनका नाबाद शतक सबसे शानदार था। साल 1992 में ही मार्टिन क्रो के बल्ले से कुछ शानदार पारियां देखने को मिली। इनमें जिम्बाब्वे के खिलाफ 44 गेंदों में 74 रनों और सेमीफाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ 91 रनों का शानदार प्रदर्शन शामिल था। 91 रनों की उस पारी के कारण न्यूजीलैंड ने लगभग फाइनल में जगह पक्की कर ली थी लेकिन हैमस्ट्रिंग चोट के कारण वो फिर मैदान पर नहीं उतर सके और इसके बाद जो हुआ वो इतिहास के पन्नों में दर्ज है। क्रो ने अपने एकदिवसीय करियर में 143 मैच खेले और इनमें 38.55 की औसत से 4704 रन स्कोर किए।

# 1 राहुल द्रविड़ - 120

क्रिकेट की दुनिया में राहुल द्रविड़ को दीवार यानि द वॉल के नाम से जाना ताजा है। ऐसा इसलिए क्योंकि राहुल द्रविड़ एक बार क्रीज पर कदम रखने के बाद आसानी से अपना विकेट नहीं गंवाते थे। राहुल मैदान पर डटकर सामना करते और रन स्कोर करते। अपनी इसी खूबी के चलते भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ ने 120 पारियां बिना शून्य पर आउट होते हुए अंजाम दी। यह मौका साल 1999 से 2004 तक चला तब राहुल एकदिवसीय क्रिकेट में एक बार भी शून्य पर आउट नहीं हुए। इस दौरान उन्होंने अपना सर्वोच्च एकदिवसीय स्कोर भी बना डाला। उन्होंने हैदराबाद में न्यूजीलैंड के खिलाफ 153 रन की पारी खेली। सचिन तेंदुलकर के साथ उनकी साझेदारी ने दूसरे विकेट के लिए 331 रन जोड़े थे। हालांकि इस अवधि में राहुल द्रविड़ 22 बार इकाई के आंकड़े पर जरूर आउट हुए हैं, लेकिन लगातार मौकों पर नहीं। द्रविड़ ने एकदिवसीय मैचों में भारत के लिए 344 मुकाबले खेले हैं और 10,889 रन बनाए। वहीं उन्होंने 79 मैचों में भारत का नेतृत्व किया और उनकी कप्तानी के दौरान टीम इंडिया की जीत हासिल करने की दर 53 फीसदी रही। लेखक: जोनाथन नॉर्थॉल अनुवादक: हिमांशु कोठारी

Edited by Staff Editor
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