अफगानिस्तान को दुनिया भर में हमेशा उनके राजनीतिक संघर्षों के कारण गलत वजहों से जाना जाता था। एक एसोसिएट राष्ट्र, जिन्होंने 2010 के टी 20 विश्वकप के लिए पहली बार क्वालीफाई किया था, अब बहुत आगे बढ़ चुके हैं और आज टेस्ट खेलने वाले 12 राष्ट्रों में से एक हैं। समय के साथ, अफगानिस्तान एक क्रिकेट प्रशंसक राष्ट्र बन गया है और खिलाड़ियों ने अपने प्रशंसकों को निराश भी नहीं किया है। क्रिकेट का खेल इस देश में 34 मिलियन दिलों में एक स्थान बना चुका है, और उनकी टीम दुनिया भर में शीर्ष टीमों के विरुद्ध प्रतिस्पर्धा कर रही है, और निश्चित रूप से लगातार उचाईयाँ छु रहे है। उन्हें नोएडा में अच्छी प्रशिक्षण सुविधाओं सहित बीसीसीआई से बहुत अधिक वित्तीय और तकनीकी सहायता मिल रही है, वे शारजाह में खेलने के अलावा होम गेम्स की मेजबानी करते हैं। उन्हें इंजमाम-उल-हक, राशिद लतीफ और लालचंद राजपूत द्वारा प्रशिक्षण दिया जाता है। राशिद खान और मोहम्मद नबी जैसे स्टार खिलाड़ी दुनिया भर की टी-20 लीगों में जाने पहचाने चेहरे हैं। दूसरी ओर, अंडर 19 के सितारे ज़हीर खान और मुजीब ज़ादरान (अब मुजीब उर रहमान) इस साल आईपीएल का हिस्सा बनने के लिए तैयार हैं। नए खिलाड़ियों की अच्छी फसल के साथ, इस टीम का भविष्य निश्चित रूप से काफी उज्जवल दिख रहा है। टीम की शीर्ष 6 उपलब्धियां इस प्रकार हैं:
# 6 2010 में विश्व टी 20 का हिस्सा बनना
उनकी पहली सफलता 2010 में कैरेबियाई वर्ल्ड टी20 चैम्पियनशिप के लिए क्वालीफ़ाई करना रही थी। उन्होंने ग्रोस आइलेट (सेंट लुसिया) में भारत के खिलाफ टूर्नामेंट का अपना पहला मैच खेला, हालांकि उन्होंने 7 विकेट से इस मैच को गंवा दिया, लेकिन उन्होंने एक प्रमुख आईसीसी टूर्नामेंट का हिस्सा बनकर घर वापसी बहुत से दिल जीत कर की। उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अपना दूसरा गेम भी गंवा दिया, लेकिन यह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पहला कदम था और यह देश कभी भी अपने पहले विश्व कप का अनुभव नहीं भूलेगा। वर्ल्ड टी20 के अलावा उन्होंने 2015 में ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में हुए 50-ओवर विश्व कप में जगह भी बनाई। उन्हें डुनेडिन में स्कॉटलैंड के खिलाफ अपनी पहली विश्व कप जीत मिली थी।
# 5 एशिया कप-2014, बांग्लादेश के ख़िलाफ़ विजय
2014 में एशिया कप के दौरान बांग्लादेश के फतुल्ला में मेजबान के घर पर एक प्रमुख क्रिकेट देश के खिलाफ अफगानिस्तान की पहली जीत आई। एक समय पर मेहमान 90/5 पर संघर्ष करते नजर आ रहे थे, और मोहम्मद शहजाद और नवरोज मंगल के विकेट सस्ते में खो दिये। लेकिन असगर स्टेनिकज़ाई और समिउल्लाह शेनवारी के बीच साझेदारी ने यह सुनिश्चित किया कि वे 254 का अच्छा स्कोर बना पायें। बांग्लादेश लक्ष्य से काफी दूर रह गया क्यूंकि शापूर ज़दरान और हामिद हसन ने अच्छी शुरूआत दिलायी और स्पिनरों ने बाकी का काम कर दिया। हालांकि नबी और उनके साथी फाइनल में नहीं पहुंच सके, और भारत, श्रीलंका और पाकिस्तान से हार गए। लेकिन मेजबानों के खिलाफ जीत ने उनका आत्मविश्वास बढ़ाया और उन्हें अहसास हुआ कि वे इस स्तर से जुड़े हैंं।
# 4 ज़िम्बाब्वे को 3-2 से उन्ही के घर पर हराना
अफगानिस्तान की एक टेस्ट खेलने वाले राष्ट्र के खिलाफ पहली श्रृंखला जीत असगर स्टेनिकज़ाई की कप्तानी के तहत वर्ष 2015 में जिम्बाब्वे के खिलाफ आयी थी। जिम्बाब्वे ने पांच मैचों की एकदिवसीय श्रृंखला में 1-0 की बढ़त हासिल कर ली, और पहले मैच में पूरी तरह हावी थे, लेकिन उपमहाद्वीप की टीम के अन्य विचार थे। उन्होंने अगले चार मैचों में से तीन में जीत दर्ज की और श्रृंखला को 3-2 से जीत लिया। मोहम्मद नबी बल्ले के साथ एक नायक बन गए और दौलत ज़ादरान की शानदार गेंदबाज़ी की बदौलत एक अच्छी श्रृंखला रही थी। यह जीत एक ख़ास जीत थी क्योंकि वह न केवल एक टेस्ट खेलने वाले राष्ट्र के खिलाफ आई थी, बल्कि जिम्बाब्वे में पिचें तेज गेंदबाजों के लिए बहुत अच्छी और उछाल भरी होती हैं। उनके बल्लेबाजों ने स्थिति से बेहतर तालमेल बनाया और यह सुनिश्चित किया कि उन्हें टेस्ट खेलने वाले राष्ट्र के खिलाफ अपनी पहली सीरीज जीत मिले।
# 3 एशिया कप और विश्व कप दोनों में अफ़ग़ानिस्तान की अंडर -19 टीम की सफलता
न केवल वरिष्ठ पेशेवर खिलाड़ियों ने बल्कि युवाओं ने भी देश को गर्व के क्षण देने में योगदान दिया है। उन्होंने अंडर-19 एशिया कप जीता, जिसमें उन्होंने पाकिस्तान को 185 रनों से हराया। उन्होंने अंडर 19 एशिया कप में श्रीलंका, पाकिस्तान और न्यूजीलैंड जैसी बड़ी टीमों को भी हरा दिया। उन्होंने विश्व क्रिकेट को दंग कर दिया, जब हाल ही में संपन्न अंडर-19 विश्व कप के सेमीफाइनल तक पहुंचे, अंततः ऑस्ट्रेलिया से हार गये। ज़हीर खान और मुजीब ज़दरान जैसे खिलाड़ियों ने सभी को बहुत प्रभावित किया, और आईपीएल नीलामी में भी सबकी नज़रों में आये, जब उन्हें अच्छे अनुबंध मिले।
# 2 वेस्टइंडीज़ से आगे निकलना
अफगानिस्तान हमेशा टी -20 और एकदिवसीय दोनों ही प्रारूपों में वेस्टइंडीज पर हावी रहा है। उन्होंने 2016 टी-20 वर्ल्ड चैम्पियनशिप में ग्रुप स्टेज पर विंडीज़ को 6 रन से पराजित किया। यह एक कम स्कोरिंग वाला मैच था, और उन्होंने 123 का एक मामूली स्कोर बनाया, और किसी भी लिहाज से यह स्कोर एक मैच जिताऊ स्कोर नही था, लेकिन अफ़गानिस्तान के स्पिनरों ने कुछ और ही सोच रखा था। मोहम्मद नबी का अनुभव काम आया था, जबकि युवा सनसनी राशिद खान बेहतरीन साबित हुए, और इस तरह कैरिबियाई टीम स्पिन के खिलाफ पूरी तरह से विफल रही। वेस्टइंडीज ने वहां से आगे चल कर विश्वकप जीत लिया, लेकिन अफगानिस्तान के प्रशंसक नागपुर की उस शाम को कभी भी नहीं भूलेंगे। केवल विंडीज़ ही नहीं, उन्होंने श्रीलंका, इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका जैसी टीमों के खिलाफ मैदान पर कड़ी लड़ाई लड़कर सबको आश्चर्यचकित किया। न केवल टी -20 प्रारूप में , बल्कि उन्होंने विंडीज को उनके ही घर पर 50 ओवर के प्रारूप में भी हराया है। 212 रन के लक्ष्य का बचाव करते हुए मेजबान टीम को केवल 149 रनों पर आउट किया, जिसमे राशिद खान ने कैरेबियाई खिलाड़ियों के चारों ओर स्पिन का एक जाल बुना और 7 विकेट लिए।
# 1 टेस्ट क्रिकेट में प्रवेश करना
अफ़गानिस्तान अब एक टेस्ट खेलने वाला देश है और इसे उनकी खेल के क्षेत्र में आज तक की सबसे बड़ी उपलब्धि के रूप में गिना जाएगा। वे इस साल जून में वर्तमान विश्व नंबर एक टीम भारत के खिलाफ बेंगलुरु में अपना पहला टेस्ट मैच खेलने के लिए तैयार हैं। यह अफगानिस्तान के लिए एक ऐतिहासिक दिन होने जा रहा है क्योंकि वे अपने खिलाड़ियों को पहली बार पूरी तरह से सफ़ेद कपड़ों में क्रिकेट मैदान पर देखने वाले हैं। लेखक: प्रतय खान अनुवादक: राहुल पांडे