एशेज़ सीरीज़ में इंग्लैंड को 4-0 से शिकस्त देने के बाद और फिर वनडे सीरीज़ में इंग्लैंड के शानदार 4-1 के पलटवार ने ऑस्ट्रेलिया समर को बेहद रोमांचक बना दिया है। लेकिन बात यहीं ख़त्म नहीं होती, शनिवार से ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और न्यूज़ीलैंड के बीच क्रिकेट के सबसे छोटे फ़ॉर्मेट टी20 की जंग शुरू होने जा रही है। टी20 फ़ॉर्मेट की ये ट्राई सीरीज़ बिल्कुल अलग होगी, क्योंकि इसकी मेज़बानी सिर्फ़ ऑस्ट्रेलिया अकेले नहीं कर रहा बल्कि संयुक्त तौर पर न्यूज़ीलैंड भी हैं मेज़बान। इस सीरीज़ का पहला मैच 3 फ़रवरी को सिडनी में दोनों मेज़बान यानी ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड के बीच खेला जाएगा। सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर सिक्के के उछलने के साथ ही क्रिकेट इतिहास में लिखा जाएगा एक नया अध्याय।
1987 विश्वकप, मेज़बान: भारत और पाकिस्तान
आईसीसी के 50-50 ओवर के वर्ल्डकप को छोड़ दिया जाए तो कभी भी क्रिकेट इतिहास में आज तक तीन या उससे ज़्यादा मैचों की मेज़बानी दो देशों को नहीं मिली है। बात अगर वर्ल्डकप की करें तो ऐसा पहली बार 1987 वर्ल्डकप में हआ था जब भारत और पाकिस्तान ने मिलकर विश्वकप की मेज़बानी की थी, जहां विजेता ऑस्ट्रेलिया रहा था।
1992 और 1996 विश्वकप, मेज़बान: ऑस्ट्रेलिया और नयूज़ीलैंड, भारत, पाकिस्तान और श्रीलंका
इसके बाद 1992 में ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड संयुक्त तौर पर वर्ल्डकप के मेज़बान देश रहे जहां फ़ाइनल में पाकिस्तान ने इंग्लैंड को हराकर पहले और इकलौते विश्वकप पर कब्ज़ा जमाया था। 1996 में एक बार फिर भारतीय उपमहाद्वीप को मेज़बानी का मौक़ा मिला और इस बार तो पहली बार 3 देशों ने मेज़बानी की थी। भारत और पाकिस्तान के अलावा श्रीलंका में भी विश्वकप के कुछ मुक़ाबले खेले गए थे, हालांकि ऑस्ट्रेलिया और वेस्टइंडीज़ ने श्रीलंका में खेलने से इंकार कर दिया था। 1996 में श्रीलंका विश्वकप जीतने वाला पहला मेज़बान देश बना था, फ़ाइनल में श्रीलंका ने ऑस्ट्रेलिया को शिकस्त दी थी।
2003 और 2011 विश्वकप, मेज़बान: दक्षिण अफ़्रीका, ज़िम्बाब्वे और केन्या, भारत, बांग्लादेश और श्रीलंका
2003 विश्वकप की मेज़बानी भी 3 देशों को मिली थी, जो दक्षिण अफ़्रीका, ज़िम्बाब्वे और केन्या में आयोजित हुआ था। इस विश्वकप का फ़ाइनल भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेला गया था, जहां ऑस्ट्रेलिया ने भारत को हराकर लगातार दूसरी बार वर्ल्डकप पर कब्ज़ा जमाया था। 2011 में एक बार फिर आईसीसी ने विश्वकप की मेज़बानी भारतीय उपमहाद्वीप को दी और इस बार भी 3 देश मज़बान बने। हालांकि पाकिस्तान में सुरक्षा के हालातों की वजह से उनके हाथों से मेज़बानी छूट गई लेकिन उनकी जगह भारत और श्रीलंका के साथ पहली बार वर्ल्डकप की मेज़बानी का मौक़ा बांग्लादेश को भी मिला। बांग्लादेश में ही उद्घाटन समारोह हुआ और पहला मैच भी खेला गया। 2011 विश्वकप के फ़ाइनल में पहली बार दो मेज़बान देश आमने सामने थे। जहां भारत ने श्रीलंका को मात देकर दूसरी बार विश्वकप पर कब्ज़ा जमया, मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेले गए इस फ़ाइनल मैच को आज भी महेंद्र सिंह धोनी के छक्के के लिए याद किया जाता है जिससे टीम इंडिया 28 सालों बाद बनी थी वर्ल्ड चैंपियन।
2015 विश्वकप, मेज़बान: ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड
पिछला वर्ल्डकप यानी 2015 आईसीसी विश्वकप की मेज़बानी भी संयुक्त तौर पर दो देशों को हासिल हुई थी। जिसका आयोजन ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड में हुआ था, लगातार दूसरी बार मेज़बान देशों के ही बीच फ़ाइनल खेला गया था। जहां ऑस्ट्रेलिया ने न्यूज़ीलैंड को हराकर पांचवीं बार वर्ल्डकप पर कब्ज़ा जमाया। अब ये ट्रांस तस्मन ट्राई सीरीज़ टी20 के इतिहास में पहली बार दो देशों में खेली जाएगी और वर्ल्डकप के अलावा दूसरी किसी भी तरह की ये पहली सीरीज़ होगी जिसकी मेज़बानी का मौक़ा दो देशों को मिलेगा। इस ट्राई सीरीज़ के पहले तीन मैच सिडनी, होबार्ट औऱ मेलबर्न में खेले जाएंगे। जिसके बाद कारवां न्यूज़ीलैंड पहुंचेगा, न्यूज़ीलैंड में वेलिंग्टन, ऑकलैंड और हैमिल्टन में मुक़ाबले खेले जाएंगे। हर टीम एक दूसरे से दो बार भिड़ेगी और फिर टॉप-2 टीमों के बीच 21 फ़रवरी को ऑकलैंड में ख़िताबी भिड़ंत के साथ इस ऐतिहासिक सीरीज़ का समापन होगा।