सोमवार को त्रिकोणीय श्रृंखला का पहले मैच श्रीलंका और ज़िम्बाब्वे के बीच हरारे में खेला गया। श्रीलंका ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया। पहले बल्लेबाज़ी करते हुए ज़िम्बाब्वे ने 42 ओवर बल्लेबाज़ी की और मात्र 154 रन पर पूरी टीम पवेलियन लौट गई। ज़िम्बाब्वे की तरफ से पीटर मूर ने सबसे ज्यादा 47 रन बनाये। टीम के कप्तान क्रेमर ने नाबाद 31 रन की पारी खेली। पहले बल्लेबाज़ी करते हुए ज़िम्बाब्वे टीम की शुरुआत बेहद खराब रही। टीम ने पहले दस ओवरों में ही अपने तीन बढ़िया बल्लेबाज़ गवां दिए। पहले पॉवरप्ले यानी दस ओवर के बाद ज़िम्बाब्वे का स्कोर 25 रन था और उसके दोनों सलामी बल्लेबाज़ वापस लौट चुके थे। टीम को चौथा झटका 29 रन पर विलियम्स के रूप में लगा। विलियम्स 9 रन बनाकर पथिराना का शिकार हो गए। 15 ओवर और ड्रिंक्स तक ज़िम्बाब्वे का स्कोर 46 रन पर चार विकेट था और क्रीज़ पर चिभाभा और मूर बल्लेबाज़ी कर रहे थे। दोनों बल्लेबाजों ने मिलकर 17वें ओवर में टीम का अर्धशतक पूरा किया। मूर ने संभलकर बल्लेबाज़ी करते हुए स्कोर को 28वें ओवर में 100 रन के पार पहुंचाया। मूर और क्रेमर ने सातवें विकेट के लिए 62 गेंदों पर 50 रनों की साझेदारी की। इसी बीच मूर 47 रन के स्कोर पर चलते बने। बल्लेबाज़ संभलकर खेल नहीं सके और एक के बाद एक अपनी विकेट गवां बैठे और आखिरी विकेट 41वें ओवर में 154 रन पर गिरी, कप्तान क्रेमर 31 रन पर नाबाद रहे। 155 रन का पीछा करने उतरी श्रीलंका की टीम की शुरुआत काफी बेहतरीन रही। दोनों ही सलामी बल्लेबाजों ने पहले दस ओवर में बिना विकेट खोये 56 रन बना लिए थे। टीम को पहला के परेरा के रूप में 56 रन पर लगा, जब परेरा 21 रन पर चिभाभा की गेंद पर लेग साइड की तरफ पुल करते हुए कैच आउट हो गए। परेरा के बाद डीक्वेला और डी सिल्वा ने मिलकर पारी को संभाला और लक्ष्य के काफी करीब ले गए। इसी दौरान डी सिल्वा ने 46 गेंदों पर अपना अर्धशतक भी पूरा कर लिया और दोनों ने मिलकर दूसरे विकेट के लिए मात्र 36 गेंदों में 50 रन जोड़ डाले। टीम को दूसरा झटका डीक्वेला के रूप में लगा जब वो मैच को जल ख़त्म करने के प्रयास में पन्यांगारा का शिकार हुए। डी सिल्वा और के मेंडिस ने मिलकर टीम को 8 विकेट की शानदार जीत दिला दी। इस दौरान डी सिल्वा ने नाबाद 78 रन बनाये और मेंडिस 12 रन पर नाबाद वापस लौटे। डी सिल्वा ने इस मैच में अपना सर्वाधिक स्कोर भी बनाया।