आईसीसी द्वारा कई सारे सख्त कदम उठाने के बावजूद मैच फिक्सिंग की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। हाल ही में यूके के क्लब क्रिकेटर रिजवान जावेद को मैच फिक्सिंग का आरोपी पाया गया है और इसी वजह से उनके खिलाफ बेहद कड़ी कार्रवाई करते हुए साढ़े 17 साल का बैन लगा दिया गया है। इसका मतलब ये है कि रिजवान का अब पूरा करियर ही खत्म हो गया है।
रिजवान पर आरोप है कि उन्होंने अबुधाबी टी10 लीग 2021 के दौरान कई सारे मैचों को फिक्स करने की कोशिश की थी। रिजवान पर जो आरोप लगाए गए वो उसका जवाब नहीं दे पाए और इसी वजह से आईसीसी ने उनके खिलाफ कार्रवाई करते हुए लंबा बैन लगा दिया है। उनका ये बैन 19 सितंबर 2023 से माना जाएगा।
क्रिकेट में करप्शन को नहीं किया जाएगा बर्दाश्त - आईसीसी
आईसीसी ने इसको लेकर एक बयान भी जारी किया है, जिसमें बताया गया कि क्रिकेटर्स को करप्ट करने के लिए रिजवान पर लंबा बैन लगाया गया है। आईसीसी ने अपने बयान में कहा,
रिजवान जावेद के ऊपर लंबा बैन लगाया गया है। वो प्रोफेशनल क्रिकेटर्स को लगातार करप्ट करने की कोशिश कर रहे थे। रिजवान पर लगे बैन से उन लोगों को भी एक कड़ा संदेश जाएगा जो किसी भी लेवल पर क्रिकेट को करप्ट करने की कोशिश कर रहे हैं। ये एक उदाहरण है कि क्रिकेट में इस तरह की चीजें बर्दाश्त नहीं की जाएंगी और कड़ा एक्शन लिया जाएगा।
आपको बता दें कि एमिरेट्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) द्वारा स्वीकृत अबुधाबी टी10 लीग 2017 में शुरू की गई थी। रिजवान उन आठ खिलाड़ियों और अधिकारियों में से एक हैं जिन्हें आईसीसी ने पिछले साल सितंबर में ईसीबी की तरफ से आरोपित किया था। बांग्लादेश के ऑलराउंडर नासिर हुसैन भी इन आरोपों में शामिल थे और इस समय वो दो साल का बैन झेल रहे हैं।