अंपायर ब्रूस ऑक्सनफोर्ड (Bruce Oxenford) ने 15 साल के करियर के बाद अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने का फैसला किया है, जहां उन्होंने 179 अंतरराष्ट्रीय मैचों में भाग लिया था। भारत के खिलाफ ब्रिस्बेन टेस्ट मैच उनका अंतिम मुकाबला था और वह अप्रैल के बादआगे मैचों में अम्पायरिंग करते हुए नजर नहीं आएँगे। ऑक्सनफोर्ड ने अपने करियर की शुरुआत ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के बीच टी20 मैच से ब्रिस्बेन में की थी, वह अप्रैल में अपने पद से हट जाएंगे।
यह अम्पायर तीन टी20 वर्ल्ड कप और तीन वनडे वर्ल्ड कप का हिस्सा रहे। इसके अलावा दो बार महिला वर्ल्ड कप का हिस्सा भी रहे। ऑक्शनफोर्ड का कहना है कि मैं अंपायर के रूप में अपने अंतरराष्ट्रीय करियर पर गर्व के साथ पीछे देखता हूं। यह विश्वास करना अभी भी मुश्किल है कि मैंने करीब 200 अंतरराष्ट्रीय मैचों में अंपायरिंग की। इतना लंबा करियर वास्तव में ऐसा कुछ नहीं था जिसकी मुझे पहले से उम्मीद थी।
ब्रूस ऑक्सनफोर्ड का बयान
ऑक्सनफोर्ड ने कहा कि मैं अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद, क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया और आईसीसी एलीट और अंतर्राष्ट्रीय पैनल के सभी सहयोगियों को उनके समर्थन और प्रोत्साहन के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं। मेरे पास एक मैच अधिकारी के रूप में एक अद्भुत समय था। मुझे विशेष रूप से उन शानदार लोगों के साथ हुई बातचीत याद आएगी जो दुनिया भर में हमारे खेल के समर्थन ढांचे का हिस्सा हैं।
ऑक्सनफोर्ड क्वींसलैंड में पैदा हुए थे। उन्होंने आठ प्रथम श्रेणी मैच खेले, जहां 18 विकेट लिए। उनका टेस्ट अंपायरिंग डेब्यू पल्लेकेले में 2010 में श्रीलंका और वेस्टइंडीज के बीच हुई सीरीज में हुआ था। इससे पहले उन्होंने 2008 में कैनबरा में अपना एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय डेब्यू किया था, जब भारत और श्रीलंका के बीच मुकाबला हुआ था। ऑक्सनफोर्ड घरेलू क्रिकेट में अपना कार्य जारी रखेंगे। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में इस दिग्गज अम्पायर की अलग छवि थी।