चोटिल खिलाड़ियों के सम्बन्ध में सपोर्ट स्टाफ के कार्य को लेकर बीसीसीआई नाखुश

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एशिया कप में भारतीय टीम ने बांग्लादेश को हराकर ख़िताब जीत लिया हो मगर खिलाड़ियों की चोट अभी भी एक मुख्य समस्या है। फाइनल मुकाबले में भी केदार जाधव को रिटायर होकर बाहर जाना पड़ा था। इसके बाद बीसीसीआई ने टीम के सपोर्ट स्टाफ के कार्य के प्रति असंतुष्टि जताई है। उनके अनुसार पूरीसपोर्ट स्टाफ में समन्वय जरुरी है।

हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक़ बीसीसीआई के एक अधिकारी ने कहा कि इस मुद्दे को उठाया गया था क्योंकि हर बार खिलाड़ियों का चोटिल होना संयोग नहीं हो सकता। खिलाड़ी अक्सर चोटिल हो रहे हैं। टीम के फिजियो पैट्रिक और राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी के फिजियो आशीष कौशिक के बीच समन्वय की कमी है। आगे इस अधिकारी ने कहा कि ट्रेजरर ने इससे सम्बंधित एक ई-मेल भी किया है और चीजें जल्दी ठीक होने की उम्मीद है।

टीम में एक समय यह भी आया था जब सभी खिलाड़ियों के लिए यो-यो टेस्ट पास करना अनिवार्य किया गया लेकिन अब टूर्नामेंट के दौरान चोट एक समस्या के रूप में उभर रही है। बीसीसीआई के इस बयान के बाद टीम फिजियो पैट्रिक फरहत और ट्रेनर शंकर बासु पर सवाल खड़े होते हैं। फिजियो और सपोर्ट स्टाफ के कार्यों को रिव्यू भी किया जा सकता है।

एशिया कप फाइनल के दौरान केदार जाधव को बल्लेबाजी के दौरान हेमस्ट्रिंग की चोट के बाद रिटायर होकर मैदान से बाहर जाना पड़ा था। हालांकि 7 विकेट गिरने के बाद वे फिर से मैदान पर आए लेकिन दौड़ने में असमर्थ नजर आए।

पिछले कुछ समय से भारतीय टीम में चोटिल खिलाड़ियों की संख्या बढ़ी है। भुवनेश्वर कुमार, जसप्रीत बुमराह जैसे खिलाड़ी भी चोट के बाद आए हैं। केदार जाधव आईपीएल के दौरान चोटिल थे। पूरी तरह से फिट नहीं होने के बाद भी खिलाड़ियों को टीम का हिस्सा बनाना सपोर्ट स्टाफ की जवाबदेही पर सवाल तो खड़े करता है।