'मैं जीवन में भारत के लिए नहीं खेल पाऊंगा यह सोचकर भावुक हो जाता हूँ'

भारतीय क्रिकेटर उन्मुक्त चंद (Unmukt Chand) ने अचानक संन्यास लेकर अब अमेरिका में जाकर लीग क्रिकेट खेलने का निर्णय लिया है। उन्होंने ट्विटर पर अपने निर्णय के बारे में बताते हुए एक नोट लिखा था। इसके बाद भी उन्होंने कई बातें बताई। उनका कहना है कि भारत के लिए नहीं खेलूँगा, यह सोचकर अब भी मैं भावुक हो जाता हूँ।

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ESPN को दिए इंटरव्यू में उन्मुक्त चंद ने कहा कि पिछले कुछ साल कठिन रहे हैं। मैं पूरी तरह से क्रिकेट को छोड़ने वाला नहीं था। अगर मुझे भारत में खेलने के पर्याप्त अवसर नहीं मिल रहे थे, तो मेरे करियर के अगले चार या पांच महत्वपूर्ण वर्ष कहाँ जाने वाले थे? मैं अभी भी यह सोचकर भावुक हो जाता हूं कि मुझे फिर कभी भारत के लिए खेलने का मौका नहीं मिलेगा। लेकिन मैंने भारत में खेलते हुए कुछ खास यादें बनाई हैं।

उन्मुक्त चंद ने कहा कि मैंने भी भारत के लिए खेलने के सपने देखे थे। अंडर 19 के दिनों में मैंने ये सपने देखे थे। मैं पिछले दो महीनों से विदेश में हूं, लेकिन यह घर से बहुत अलग नहीं लगता। मैं नए लोगों के साथ और उनके खिलाफ खेल रहा हूं। यहां (अमेरिका) क्रिकेट व्यवस्था में काफी भारतीय हैं और खेल को काफी गंभीरता से लिया जा रहा है। बस नीले रंग की जर्सी नहीं है जिसका मैंने शुरू में सपना देखा था।

गौरतलब है कि दिल्ली के लिए खेलने वाले उन्मुक्त चंद को काफी समय से टीम में शामिल नहीं किया गया है। इसके अलावा आईपीएल से भी उनके पास कोई अनुबंध नहीं है। उन्होंने कुछ अन्य इंटरव्यू में भी इन मामलों पर बयान दिया और कहा कि दिल्ली क्रिकेट एसोसिएशन से समर्थन नहीं मिला और वहां मैं राजनीति का शिकार होता रहा। भारत से खेलने का सपना छोड़ना दर्दनाक है लेकिन इसे लेना पड़ा।

उल्लेखनीय है कि चंद ने अपनी कप्तानी में भारत को 2012 अंडर 19 वर्ल्ड कप में जीत दिलाई थी। फाइनल में उन्होंने 111 रन की नाबाद पारी खेली थी। उस समय ऐसा लग रहा था कि एक दिन वह भारतीय टीम के लिए खेलेंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ और उन्होंने संन्यास ले लिया।

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Edited by निरंजन
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