भारत के जुलाई-अगस्त में होने वाले वेस्टइंडीज के दौरे के लिए मध्यक्रम के बल्लेबाज अजिंक्य रहाणे को टीम का उप-कप्तान बनाया गया है। उन्होंने अपने इस नए जिम्मेदारी को लेकर कहा है कि इससे उनके बल्लेबाजी पर असर नही पड़ेगा। उन्होंने कहा है कि मुझे अपनी जिम्मेदारियों के बारे में पता है और मैं उन्हें पूरा भी करूँगा। "जब मैं पिछले साल ज़िम्बाब्वे के दौरे पर कप्तान बनकर गया था, तब मैंने बहुत कुछ सीखा था। अपने साथी खिलाड़ियों से सीखने का मुझे काफी फायदा हुआ और हम वहां जीते भी थे। मैं वेस्टइंडीज के दौरे पर भी काफी कुछ सीख कर आऊंगा। कप्तानी और उप-कप्तानी से मुझे नही लगता कि बल्लेबाजी पर कोई असर आता है।" रहाणे ने कहा कि वो 3-4 साल पहले भारत 'A' के साथ वेस्टइंडीज के दौरे पर गए थे और उस समय विकटें काफी स्लो थी। लेकिन अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में अलग पिच होंगी और बारबाडोस, जमैका के पिच में उछाल देखने को मिल सकता है। हालाँकि रहाणे ने कहा कि उन्हें लगता है कि दूसरी ओर पिच स्पिनरों की मददगार भी होंगी। हम जब वहां पहुंचेंगे तब पिच के मिजाज़ के बारे में ज्यादा जानकारी मिल सकती है। भारत की एक युवा टीम वेस्टइंडीज के दौरे पर जा रही है। हमने हाल में टेस्ट मैचों में काफी बढ़िया प्रदर्शन किया है और उसे ही आगे ज़ारी रखना चाहेंगे। इसके अलावा रहाणे ने ये भी कहा कि वेस्टइंडीज के मुश्किल दौरे से पहले वो सचिन तेंदुलकर और सुनील गावस्कर से जरुर मिलना चाहेंगे और उनसे वहां की परिस्थितियों के बारे में ज्यादा जानकारी हासिल करने की कोशिश करेंगे। रहाणे ने ये भी बताया कि जब भी दोनों महान बल्लेबाज उपलब्ध होते हैं, रहाणे उनसे सीखने और बात करने में पीछे नही रहते। भारतीय टीम जून में ज़िम्बाब्वे के दौरे के बाद चार टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए वेस्टइंडीज जाने वाली है और इस टीम की कप्तानी विराट कोहली के जिम्मे है।