भारत-इंग्लैंड के बीच चल रही पांच टेस्ट मैचों की सीरीज में भारत में पहली बार डिसिशन रिव्यु सिस्टम (डीआरएस) का इस्तेमाल किया जा रहा है। अब ये तो सीरीज के बाद ही पता चलेगा कि इसका क्या परिणाम रहा लेकिन फिलहाल राजकोट में खेले जा रहे पहले टेस्ट के तीसरे दिन आज भारत के चेतेश्वर पुजारा को इसी डीआरएस के कारण जीवनदान मिला और उन्होंने उसके बाद अपना शतक पूरा किया। भारत ने हालांकि शुरू से ही डीआरएस का विरोध किया है और जब तक महेंद्र सिंह धोनी कप्तान थे, तब तक भारत ने अपनी टेस्ट सीरीजों में इसे लागु नहीं होने दिया। लेकिन इंग्लैंड के विरुद्ध इस महत्वपूर्ण सीरीज से पहले ये फैसला लिया गया कि इस सीरीज में डीआरएस को ट्रायल के तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा। पहले टेस्ट में इंग्लैंड ने बढ़िया बल्लेबाजी का प्रदर्शन करके 537 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया और भारत के सामने एक मुश्किल चुनौती रखी। तीसरे दिन गंभीर के जल्दी आउट होने के बाद मुरली विजय ने चेतेश्वर पुजारा के साथ मिलकर टीम को संभाला और एक बेहतरीन साझेदारी निभाई। लेकिन जब लंच के बाद पुजारा 86 रन बनाकर खेल रहे थे, तब डीआरएस ने भारत को ख़ुश होने का मौका दिया। ज़फर अंसारी की गेंद पर पुजारा पूरी तरह चूके और गेंद सीधे उनके पैड्स पर जा लगी। पहली बार में लगा कि पुजारा एलबीडबल्यू आउट हैं और अंपायर क्रिस गैफैनी ने अपनी ऊँगली उठा दी। लेकिन पुजारा को ये निर्णय सही नहीं लगा और उन्होंने डीआरएस की मांग की। जब तीसरे अंपायर को रीप्ले दिखाया गया तो गेंद सही दिशा में जा रही थी, टप्पा भी सही जगह पड़ा था और इम्पैक्ट भी बिलकुल सही था लेकिन राजकोट की विकेट में बाउंस को नज़रंदाज़ नहीं किया गया और गेंद इसी वजह से स्टंप्स के ऊपर से जा रही थी। जैसे ही ये पूरा रीप्ले दिखा, दर्शकों में ख़ुशी की लहर दौड़ गई। पुजारा की पत्नी भी काफी खुश दिखीं। इसके बाद पुजारा ने अपना नौवां शतक लगाया और विजय के साथ 209 रनों की साझेदारी निभाई। भारत ने तीसरे दिन की समाप्ति तक 319/4 का स्कोर बना लिया है और अभी इंग्लैंड के स्कोर से 218 रन पीछे हैं।