14 दिसंबर को खेले गए विजय हज़ारे ट्रॉफी (Vijay Hazare Trophy) के मौजूदा संस्करण के दूसरे सेमीफाइनल में कर्नाटक के खिलाफ राजस्थान ने 6 विकेट से जीत दर्ज की और फाइनल में प्रवेश किया। पहले खेलते हुए कर्नाटक की टीम ने 50 ओवर में 282/8 का स्कोर बनाया, जवाब में राजस्थान ने 43.4 ओवर में 283/4 का स्कोर बनाया। राजस्थान के कप्तान दीपक हूडा (128 गेंद 180) को प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया।
कर्नाटक ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया लेकिन छठे ओवर में ही कप्तान मयंक अग्रवाल का विकेट गंवाया, जो 6 रन बनाकर 23 के स्कोर पर आउट हुए। आर समर्थ भी 8 रन बनाकर 27 के स्कोर पर चलते बने। निकिन जोस और कृष्णन श्रीजीत की जोड़ी ने स्कोर को 70 के पार पहुँचाया लेकिन निकिन 21 रन बनाकर 73 के स्कोर पर पवेलियन लौट गए। श्रीजीत भी ज्यादा देर नहीं टिके और 45 गेंदों में 37 रन बनाकर आउट हो गए।
यहाँ से मनीष पांडे (28) के साथ मिलकर अभिनव मनोहर ने स्कोर को 170 के पार और फिर मनोज भंडागे (39 गेंद 63) के साथ मिलकर 271 तक ले गए। पारी की आखिरी गेंद पर आउट होने से पहले मनोहर ने 80 गेंदों में 10 चौके और तीन छक्के की मदद से 91 रन बनाये। इस तरह टीम ने 280 पार का स्कोर बनाया। राजस्थान की तरफ से अनिकेत चौधरी और अजय सिंह ने दो-दो विकेट लिए।
दीपक हूडा ने खेली अपने लिस्ट ए करियर की सबसे बड़ी पारी
लक्ष्य का पीछा करते हुए राजस्थान की शुरुआत बेहद खराब रही और टीम ने सिर्फ 1 के स्कोर पर 2 विकेट गंवा दिए। 23 के स्कोर पर महिपाल लोमरोर भी 14 रन बनाकर चलते बने। यहाँ से दीपक हूडा ने करन लाम्बा के साथ मोर्चा संभाला और कर्नाटक के गेंदबाजों की जमकर धुनाई की। हूडा ने 85 गेंदों में शतक और लाम्बा ने 77 गेंदों में अर्धशतक पूरा किया। इन दोनों ने चौथे विकेट के लिए 250 रनों से ज्यादा की साझेदारी की और टीम को जीत की स्थिति में पहुंचा दिया। 44वें ओवर में 278 के स्कोर पर आउट होने से पहले हूडा ने 128 गेंदों में 19 चौके और पांच छक्के की मदद से 180 रनों की पारी खेली, वहीं लाम्बा 112 गेंदों में 73 रन बनाकर नाबाद रहे।
16 दिसंबर को राजकोट में खेले जाने वाले फाइनल में राजस्थान का सामना हरियाणा से होगा, जिसने पहले सेमीफाइनल में तमिलनाडु को हराया था।