जब भी भारत में विस्फोटक बल्लेबाज का नाम आता है, हमारे दिमाग में सहवाग, सचिन जैसे नाम आते हैं लेकिन आज हम आपको बताएंगे भारत के उस पहले बल्लेबाज के बारे में जिसने दुनिया में अपनी बल्लेबाजी की बदौलत अपनी पहचान बनाई और जिसके सामने बड़े बड़े दिग्गज गेंदबाजो के पसीने छुट जाया करते थे हैं।
हम बात कर रहे हैं भारत के सबसे पहले विस्फोटक बल्लेबाज कहे जाने वाले विजय मर्चेंट की -
सचिन भी चले विजय मर्चेंट के पदचिन्हों पर
कहा जाता है कि इतिहास के पन्नों को कोई बदल नहीं सकता, ऐसे ही हम आपको विजय मर्चेंट के सुनहरे इतिहास के बारे में बताते हैं। विजय मर्चेंट का जन्म 12 अक्टूबर 1911 को मुंबई में हुआ था। विजय दाएं हाथ के बल्लेबाज थे और इनकी बल्लेबाजी शैली ऐसी थी कि उस जमाने के बड़े-बड़े गेंदबाज उनके सामने गेंदबाजी करने से डरते थे। विजय मर्चेंट भारत के एक बेहतरीन क्रिकेटर रहे हैं। भारत के महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर और यहां तक कि क्रिकेट जगत के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर जैसे दिग्गज बल्लेबाज विजय मर्चेंट के पदचिन्हों पर ही चले हैं।
विजय मुंबई के लिए खेला करते थे जहां से आज भारत को कई बेहतरीन क्रिकेटर मिले हैं। अगर बात करें अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की तो विजय ने अपना पहला टेस्ट मैच 1933 में इंगलैंड के खिलाफ खेला था। वैसे तो विजय का अंतरराष्ट्रीय करियर काफी लंबा रहा है लेकिन विजय ने सिर्फ 10 मैच ही खेले हैं और उसमें अपनी धाक जमाई है, जिसमें उन्होंने 47.72 की औसत से कुल 800 रन अपने नाम किए। दुनिया इनकी तकनीक की दिवानी थी और टेस्ट में उनके नाम तीन शतक और तीन अर्धशतक भी शामिल हैं। बल्लेबाजी में विजय भले ही सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज गिने जाते थे मगर दुर्भाग्यपूर्ण बात ये रही कि विजय ने पूरे करियर में एक मैच भी नहीं जीता। उन्होंने 10 टेस्ट खेले और सभी में भारतीय टीम को हार मिली, लेकिन प्रथम श्रेणी मैच में विजय ने इतिहास रचा और 150 मैच खेले जिसमें उनके नाम 71.64 की औसत से 13,470 रन दर्ज हैं। इसमें 45 शतक और 52 अर्धशतक शामिल हैं। यही नहीं उनका सर्वाधिक स्कोर नाबाद 359 रन है। प्रथम श्रेणी में औसत के मामले में विजय दूसरे स्थान पर आते हैं और पहले स्थान पर डॉन ब्रैडमैन मौजूद हैं।
भले ही विजय मर्चेंट को टेस्ट क्रिकेट में ज्यादा हुनर दिखाने का मौका नहीं मिला लेकिन प्रथम श्रेणी क्रिकेट में उन्होंने ऐसी बल्लेबाजी की गेंदबाजो के पसीने छूट जाते थे और गेंदबाज उनके प्रदर्शन से खौफ खाया करते थे। आपको एक बात जानकर बड़ी हैरानी होगी कि विजय के इंटरनेशनल क्रिकेट की खासियत है कि उन्होंने सभी मैच इंग्लैंड के खिलाफ ही खेले हैं।