वेस्टइंडीज दौरे पर जाने वाली भारतीय टीम के चयन को लेकर काफी चर्चाएं हो रही हैं। अच्छे प्रदर्शन के बावजूद कुछ युवा खिलाड़ियों को मौका न देने और वरिष्ठ खिलाड़ियों को लेकर स्थिति साफ न करने पर चयनकर्ताओं की आलोचना हो रही है। भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने भी युवा खिलाड़ी शुभमन गिल को जगह ना दिए जाने पर नाराजगी जाहिर की थी। अब इस पर पूर्व खिलाड़ी विनोद कांबली ने अपनी असहमति जताई है।
सौरव गांगुली ने वेस्टइंडीज दौरे के लिए टीम चयन के बाद ट्विटर पर शुभमन गिल और अनुभवी अजिंक्य रहाणे को एकदिवसीय टीम में जगह नहीं दिए जाने पर नाराजगी जाहिर की थी। दादा ने लिखा था कि लय और आत्मविश्वास बनाए रखने के लिए समय आ गया है कि चयनकर्ता सभी प्रारूपों में बराबर से खिलाड़ियों का चयन करें। केवल चुनिंदा खिलाड़ी हैं, जो क्रिकेट के सभी प्रारूपों में खेलते हैं। मजबूत टीमों में लगातार अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी होते हैं। सभी को खुश करना बिल्कुल भी जरूरी नहीं है। देश के लिये सर्वश्रेष्ठ टीम का चयन करना और चयन में निरंतरता बनाए रखना बहुत जरूरी है।
इस पर कांबली ने कहा कि मेरे हिसाब से जो जिस फॉर्मेट के लिए फिट हो उसे ही मौका मिलना चाहिए। जरूरत है कि हम क्रिकेट के हर फॉर्मेट के बेहतरीन खिलाड़ी का चयन करें और उनको ही टीम में जगह दें। इससे अच्छे खिलाड़ियों को बचाकर रखने में मदद मिलेगी, साथ ही खिलाड़ियों का एक बड़ा पूल तैयार होगा। बड़ी शृंखलाओं के लिए मैनेजमेंट इन खिलाड़ियों का उपयोग कर पाएगी, जैसा कि इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया करते हैं। विनोद कांबली ने इसके पीछे तर्क दिया है कि भारत में आमतौर पर खिलाड़ियों पर किसी एक फॉर्मेट का ठप्पा लग जाता है। जहां चेतेश्वर पुजारा ने टेस्ट क्रिकेट में पहचान बनाई है, वहीं रोहित शर्मा को अब भी टेस्ट के लिए मुफीद नहीं माना जाता है।
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