क्रिकेट के सबसे छोटे प्रारूप का वर्ल्ड इवेंट पहली बार भारत में आयोजित हो रहा था। भारतीय टीम की शुरुआत न्यूज़ीलैंड के खिलाफ मिली हार से ख़राब रही, लेकिन विराट कोहली की अद्भुत बल्लेबाजी के कारण टीम ने वापसी करते हुए सेमीफाइनल तक की रहा तय की। पहले पाकिस्तान, फिर बांग्लादेश और अंत में ऑस्ट्रेलिया को हराकर टीम का सेमीफाइनल मुकाबला वेस्टइंडीज से हुआ। कैरीबियन टीम ने भारत को उसी की धरती पर हरा कर टी-20 का बादशाह बनने से रोक दिया। कोहली ने एक बार फिर से अपनी उम्दा और ताबड़तोड़ बल्लेबाजी का प्रदर्शन किया। विराट कोहली ने 5 मैचों में 136.50 के औसत से 273 बनाये जिसमें 3 अर्धशतक भी शामिल थे। सेमीफाइनल मुकाबले में कोहली ने ताबड़तोड़ 89 रनों की नाबाद पारी खेलकर टीम को मजबूत स्कोर तक पहुँचाया, लेकिन वेस्ट इंडीज के बल्लेबाजों ने आसानी के साथ यह स्कोर और अंत में टी-20 वर्ल्ड कप अपने नाम किया। साल 2014 की तरह विराट कोहली को एक बार फिर से 'प्लेयर ऑफ़ द टूर्नामेंट' के ख़िताब से नवाज़ा गया।