विराट कोहली के लिए साल 2016 बेहतरीन जाता दिखाई दे रहा है। क्रिकेट का कोई भी फ़ॉर्मेट हो, और किसी भी तरह का टूर्नामेंट या सीरीज़। कोहली का कमाल हर जगह देखने को मिल रहा है, ऑस्ट्रेलिया से विराट का वर्ज़न-2 लगातार बढ़ता जा रहा है। ऑस्ट्रेलिया में वनडे सीरीज़ के दौरान रनों की बारिश हो या टी20 सीरीज़ में कंगारुओं का सूपड़ा साफ़ करने में योगदान देना, कोहली हर जगह टीम इंडिया की जीत के हीरो रहे। एशिया कप में भी उनके बल्ले से रनों की बारिश हुई और उन्होंने भारत को चैंपियन बनाने में अहम रोल निभाया। एशिया कप में उन्होंने जहां छोड़ा था वहीं से आगे बढ़ाते हुए कोहली ने वर्ल्ड टी20 में भी रनों की भूख जारी रखी और भारत को सेमीफ़ाइनल में अकेले दम पर पहुंचाया। सेमीफ़ाइनल में भी कोहली ने 91 नाबाद रनों की पारी खेलते हुए टीम इंडिया को क़रीब क़रीब फ़ाइनल में भी पहुंचा ही दिया था, लेकिन भारत की जीत के सामने लेंडल सिमंस और उनकी क़िस्मत खड़ी हो गई। वर्ल्ड टी-20 के बाद बारी थी आईपीएल की, वहां तो कोहली ने ऐसा कर दिया जैसे मानो वह इंसान नहीं बल्कि कोई सुपरमैन हों। 1000 के क़रीब रन, 4 शतक, हाथ में 7 टांको के बाद खेलना और फिर शतक लगाना, ये किसी आम इंसान के बूते की बात तो कतई नहीं और इसलिए कोहली का नाम हर एक फ़हरीस्त में 'विराट' होता जा रहा है। आईपीएल के बाद कोहली पर थी क्रिकेट के सबसे बड़े फ़ॉर्मेट की ज़िम्मेदारी, जहां उन्होंने उसी टेम्पो को बरक़रार रखा और पहले टेस्ट के पहले दिन ही शतक के साथ शुरुआत की। कोहली यहीं नहीं रुके पहले उन्होंने कैरेबियाई सरज़मीं पर राहुल द्रविड़ के 146 रनो को पीछे छोड़ते हुए किसी भी भारतीय कप्तान की सबसे बड़ी पारी अपने नाम की, और फिर दोहरा शतक लगाते हुए दिग्गजों की फ़हरीस्त में ख़ुद को शुमार कर गए। विराट कोहली के करियर का ये पहला दोहरा शतक है, इससे पहले टेस्ट में उनका बेस्ट स्कोर 169 रन था जो उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ मेलबर्न में बनाया था। भारत से बाहर दोहरा शतक लगाने वाले धोनी पहले भारतीय कप्तान भी बन गए, इससे पहले सबसे बड़ी पारी का रिकॉर्ड पूर्व भारतीय कप्तान मुहम्मद अज़हरूद्दीन के नाम था, जो उन्होंने न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ ऑकलैंड में 1989-90 में बनाया था। पांच भारतीय कप्तान जिनके नाम है टेस्ट में दोहरे शतक का कीर्तिमान महेंद्र सिंह धोनी, 224, 2013 टीम इंडिया के सीमित ओवर के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी भी टेस्ट क्रिकेट में बतौर कप्तान दोहरा शतक बना चुके हैं। धोनी ने ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ फ़रवरी 2013 में चेन्नई के चेपॉक स्टेडियम में 224 रनों की पारी खेली थी। धोनी की इस पारी के दम पर भारत ने मुक़ाबला 8 विकेट से जीता था और 4 टेस्ट मैचों की सीरीज़ में भारत को 1-0 की बढ़त दिला दी थी। संयोग ये भी था कि उस मैच में धोनी के बाद सबसे ज़्यादा रन टीम इंडिया के मौजूदा टेस्ट कप्तान विराट कोहली के नाम था, कोहली ने उस मैच में 107 रन बनाए थे। सचिन तेंदुलकर, 217, 1999 क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर ने टेस्ट क्रिकेट में 6 बार और वनडे क्रिकेट में एक बार दोहरा शतक लगाया है। जिसमें से एक दोहरा शतक सचिन ने बौतार कप्तान बनाया था। मास्टर ब्लास्टर ने ये कारनामा न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ नवंबर 1999 में अहमदाबाद के सरदार पटेल मोटेरा स्टेडियम में अंजाम दिया था। भारत ने उस मैच में पहले बल्लेबाज़ी करते हुए सचिन के 217 और सौरव गांगुली के 125 रनों की बदौलत 583 रन बनाए थे। हालांकि भारत ये मुक़ाबला जीत नहीं पाया था और बिना नतीजे के मैच ख़त्म हो गया था। सचिन तेंदुलकर की वह पारी आज भी सभी के ज़ेहन में ज़िंदा है। भारत ने 3 मैचों की सीरीज़ 1-0 से अपने नाम की थी। सुनील गावस्कर, 205, 1978 भारतीय दिग्गजों की बात हो और लिटिल मास्टर का नाम न आए, ये कैसे संभव है। सुनील गावस्कर ने 4 बार दोहरा शतक लगाया, जिसमें से एक वेस्टइंडीज़ की सरज़मीं पर भी था जो उनकी डेब्यू सीरीज़ थी। बतौर कप्तान भी सुनील गावस्कर ने टेस्ट क्रिकेट में दोहरा शतक वेस्टइंडीज़ के ही ख़िलाफ़ दिसंबर 1978 में मुंबई के वानखेड़े मैदान में जड़ा था। 6 मैचों की टेस्ट सीरीज़ का ये आख़िरी और निर्णायक मुक़ाबला था। अब तक खेले गए सारे मुक़ाबले ड्रॉ रहे थे, लिहाज़ा टीम इंडिया इस मैच को भी हाथ से नहीं जाने देना चाहती थी। गावस्कर ने इसके लिए कप्तानी पारी खेली और दोहरा शतक लगाते हुए मोमेंटम सेट कर दिया था। गावस्कर ने 205 रनों की पारी खेलते हुए भारत को 400 के स्कोर को पार कराने में अहम भूमिका अदा की थी। भारत ने 424 रन बनाए थे। गावस्कर ने दूसरी पारी में भी 73 रन बनाए थे, जिसकी बदौलत भारत मैच और सीरीज़ ड्रॉ करा पाने में क़ामयाब रहा था। मंसूर अली ख़ान पटौदी, 1964 अपने ज़माने के बेहतरीन क्रिकेटर और एक सफल कप्तान मंसूर अली ख़ान पटौदी ने भारत को कई यादगार जीत दिलाईं थी। जिसमें न्यूज़ीलैंड को उन्हीं के घर में हराने का रिकॉर्ड भी मंसूर पटौदी के नाम दर्ज है। मंसूर अली ख़ान पटौदी ने भारत के लिए एक दोहरा शतक भी लगाया था, जो इंग्लैंड के ख़िलाफ़ फ़रवरी 1964 में दिल्ली के फ़िरोज़शाह कोटला मैदान पर आया था। पटौदी का ये दोहरा शतक बेहद अहम था, भारत की पहली पारी के 344 रनों के जवाब में अंग्रेज़ों ने 451 रन बना दिए थे और दबाव वापस भारत पर था। पटौदी ने दबाव में शानदार पारी खेली और नंबर-4 पर आकर 203 नाबाद रन बनाए, नवाब पटौदी की इस पारी की बदौलत भारतीय टीम मज़बूत इंग्लिश क्रिकेट टीम के ख़िलाफ़ मैच और सीरीज़ ड्रॉ करा पाने में कामयाब रही थी। विराट कोहली, 2016 दिग्गजों की इस फ़हरीस्त में आख़िरी और सबसे ताज़ा नाम है भारतीय टेस्ट कप्तान और मौजूदा वक़्त के बेहतरीन बल्लेबाज़ों में शुमार विराट कोहली का। वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ उन्हीं के घर में सीरीज़ की शुरुआत कोहली ने दोहरे शतक के साथ की। विराट कोहली ने इस पारी दौरान 283 गेंदो का सामना किया और 24 चौके के साथ 200 रन बनाए, और अपनी टीम को एक विशाल स्कोर की तरफ़ ले जाते हुए जीत की नींव तैयार कर दी। कोहली के टेस्ट करियर का ये पहला दोहरा शतक है, लेकिन जिस अंदाज़ में ये खिलाड़ी खेल रहा है आने वाले वक़्त और भी कई कीर्तिमान बना और तोड़ सकता है।