विराट कोहली जन्मदिन स्पेशल- घरेलू सरजमीं पर कोहली की 5 सर्वश्रेष्ठ टेस्ट पारियां

CRICKET-IND-NZL

विराट कोहली आज के समय में विश्व के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज माने जाते हैं। वह जब भी बल्लेबाजी करने मैदान पर उतरते हैं तो मैदान पर एक अलग माहौल बन जाता है, टीम को वह हमेशा मजबूती प्रदान करने का काम करते हैं। वो जितनी बार भी मैदान पर होते हैं तो लगता है कि उन्होंने अपने स्तर को और ऊँचा उठा लिया है। सीमित ओवरों के खेल में उनके आंकड़े काफी लाजवाब हैं। जहाँ एकदिवसीय मैचों में उनका औसत 55.74 है वहीं टी20 में 53.66, लेकिन टेस्ट मैचों में 2014/15 के ऑस्ट्रेलिया दौरे से पहले तक उनका औसत 40 के आसपास ही था। लेकिन पिछले तीन वर्षों में कोहली ने टेस्ट बल्लेबाज की रूप में भी अपनी छाप छोड़ी है। पहले घर पर भी उनका खेल उतना बेहतर नहीं था लेकिन समय के साथ आज कोहली खेल के तीनों ही प्रारूपों में भारत के ही नहीं बल्कि विश्व के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में गिने जा रहे हैं। आज कोहली 29 वर्ष के हो गए हैं, इसी मौके पर हम आपको कोहली की भारतीय सरजमीं पर खेली 5 सर्वश्रेष्ठ टेस्ट पारियों के बारे में बताने जा रहे हैं: 5. 107 बनाम ऑस्ट्रेलिया- चेन्नई (2013) ऑस्ट्रेलिया के भारत दौरे के चार टेस्ट मैचों की सीरीज के पहले टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया ने चेपक की घूमती पिच पर पहली पारी में 380 रन बनाये। जवाब में एक समय भारतीय टीम का स्कोर 105/3 था। उसकी समय कोहली क्रीज पर आये और मैच पर भारत की पकड़ मजबूत कर दी। कोहली ने 107 रनों की काफी सम्भली हुई पारी खेली और टेस्ट मैचों में यह उनका चौथा शतक था जबकि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरा। उन्होंने ना सिर्फ भारत को दबाव से निकला बल्कि कप्तान धोनी के लिए खुल कर खेलने का प्लेटफार्म भी तैयार कर दिया। जब कोहली 107 के निजी स्कोर पर आउट हुए उससे पहले वो टीम को 105/3 से 324/5 तक पहुंचा चुके थे। इस पारी के दौरान उन्होंने सचिन तेंदुलकर और धोनी के साथ महत्वपूर्ण साझेदारियां भी निभाई। ज्यातर लोगों को कोहली की यह पारी याद नहीं है क्योंकि कप्तान धोनी ने इसी मैच में 224 की पारी खेली थी, जिसके पीछे कोहली की पारी कहीं गुम हो गयी। कम ही ऐसा मौका होता है जब कोहली की पारी ऐसे छुप जाती है लेकिन कोहली ने अपने इस शतक से मैच और सीरीज दोनों पर भारत की पकड़ मजबूत बना दी। 4. 204 बनाम बांग्लादेश- हैदराबाद (2017) c7729-1509709177-800 बांग्लादेश की टीम पहली बार भारतीय सरजमीं पर कोई टेस्ट मैच खेल रही थी। बल्लेबाजी के लिए अनुकूल दिख रहे पिच पर भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया लेकिन, मेहमान टीम में पहले ही ओवर में केएल राहुल का विकेट झटक भारतीय टीम की शुरुआत खराब कर दी। उसके बाद विजय और पुजारा पारी सम्भालने में सफल रहे और दोनों ने दूसरे विकेट के लिए 178 रन जोड़े। 51वें ओवर में पुजारा के विकेट गिरने के बाद बल्लेबाजी करने आये कोहली ने पहली ही गेंद पर कवर की दिशा में चौका जड़कर अपने मंसूबे साफ कर दिए। उनकी अगली बाउंड्री और भी खूबसूरत जब उन्होंने आगे की गेंद पर सामने चौका मारा। उसके बाद कोहली ने लगातार आकर्षक शॉट खेले और अपना 16वां शतक पूरा किया। कोहली यहीं नहीं रुके और जल्द ही अपना चौथा दोहरा शतक भी बना डाला। इसके साथ ही कोहली 4 टेस्ट सीरीज में 4 दोहरा शतक बनाने वाले पहले बल्लेबाज भी बन गये। इसके अलावा एक सत्र में सर्वाधिक रन बनाने के वीरेंदर सहवाग के रिकॉर्ड को भी कोहली ने अपने नाम कर लिया। कोहली के 204 रनों की मदद से भारतीय टीम ने 687/6 का पहाड़ जैसा स्कोर बना दिया और बाद में टेस्ट को भी अपने नाम कर लिया। कोहली को उनकी इस पारी के लिए मैन ऑफ़ द मैच का पुरस्कार भी मिला। 3. 211 बनाम न्यूज़ीलैंड- इंदौर (2016) bbb90-1509709259-800 वेस्टइंडीज के खिलाफ पहला दोहरा शतक बनाने के बाद कोहली का फॉर्म थोड़ा नीचे गया और वो लगातार 7 पारियों में 50 का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाये। न्यूज़ीलैंड के खिलाफ इंदौर में होने वाले तीसरे टेस्ट मैच से पहले कोहली ने फॉर्म में आने की झलक दिखा दी थी। दूसरे टेस्ट मैच में कोहली ने 45 और 72 रनों की पारी खेली थी। 45 रनों की उस पारी ने कोहली के आत्मविश्वास को काफी बढ़ाया होगा क्योंकि एक समय भारत का स्कोर 43/4 था। तीसरे टेस्ट में जब कोहली बल्लेबाजी करने उतरे तो भारत का स्कोर 60/2 था। शुरूआती दबाव से निकलने के बाद कोहली ने मनचाहा शॉट खेलना शुरू कर दिया। खराब फॉर्म से उभरते हुए कोहली ने अपनी दूसरी दोहरा शतकीय पारी खेल दी और टेस्ट मैचों में कप्तान के रूप में 2 दोहरा शतक बनाने वाले पहले बल्लेबाज बन गये। अपनी इस पारी की मदद से उन्होंने पहली पारी में भारत के स्कोर को 557 तक पहुँचने में काफी मदद की। इस पारी में कोहली ने सिर्फ बेबाक शॉट ही नहीं खेले बल्कि रहाणे के साथ जिम्मेदारी भारी साझेदारी भी निभाई। पारी में कई बार रहाणे छोटी गेंदों पर लचर दिख रहे थे उस दौरान कोहली ने रन बनाने की जिम्मेदारी अपने ऊपर ली और इसलिए यह घरेलू सरजमीं पर उनकी सर्वश्रेष्ठ पारियों में एक है। 2. 167 और 81 बनाम इंग्लैंड- विशाखापट्टनम (2016) bcbeb-1509709393-800 इंग्लैंड की टीम ने भारत का दौरे की शुरुआत काफी अच्छी की थी। पहले टेस्ट की पहली पारी में बड़ा स्कोर बनाने और दूसरी पारी में सधा खेल दिखने के बाद इंग्लैंड की टीम जीत दर्ज करने ही वाली थी लेकिन कोहली के नाबाद 49 रनों की पारी की वजह से भारत मैच ड्रॉ करवाने में सफल हो गया। विशाखापट्टनम में हुए दूसरे टेस्ट मैच में भी इंग्लैंड ने पहले बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम को शुरूआती झटके दिए और टीम का स्कोर 22/2 हो गया और 5वें ओवर में ही कोहली को बल्लेबाजी करने आना पड़ा। कोहली ने अपना अच्छा फॉर्म बरकरार रखा और पुजारा के साथ 226 रनों की साझेदारी बनाकर भारत को शुरूआती झटकों से उभार दिया। कोहली के 167 रनों की मदद से भारत पहली पारी में बड़ा स्कोर बनाने में सफल हो गया। कोहली की इस पारी की सबसे खास बात रही की पहले उन्होंने दवाब को कम किया और फिर गेंदबाजों पर टूट पड़े। वह यहीं नहीं रुकी बल्कि खराब हो चुकी पिच पर बल्लेबाजी करते हुए उन्होंने दूसरी पारी में 81 रनों का योगदान दिया। उस 81 रनों की पारी की अहमियत इससे साफ हो जाती है कि उस पारी में कोई भी अन्य भारतीय बल्लेबाज 30 रनों का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाया और पूरी भारतीय टीम 204 ही बना पाई। कोहली में इस मैच में अच्छी गेंदबाजी कर रहे ब्रॉड और रसीद का सामना काफी खूबसूरती से किया और भारत को सीरीज में 1-0 की बढ़त बनाने में मदद की। 1. 235 बनाम इंग्लैंड- मुंबई (2016) viratkohli-200-eng-600-12-1481525385 जब भारतीय टीम चौथा टेस्ट मैच खेलने मुंबई पहुंची तो टीम का पूरा ध्यान सीरीज जीत पर था क्योंकि भारत 5 टेस्ट मैचों की सीरीज में 2-0 की बढ़त बना चुका था। कोहली ने उस सीरीज की 6 पारियों में 40,49*,167,81,62 और 6* रन बनाये थे। इससे साफ था कि वह अच्छे फॉर्म में चल रहे थे और इस मैच में 235 रनों की पारी खेल कोहली ने तहलका मचा दिया। पहली पारी में इंग्लैंड की टीम ने 400 रन बनाये और कोहली जब तीसरे दिन बल्लेबाजी करने उतरे तो भारत उस समय 254 रनों से पिछड़ रही थी। कोहली ने अपनी पारी की शुरुआत धीमी की और खाता खोलने में 9 गेंद लगा दिए। इंग्लैंड की टीम ने शुरुआत में उनकी कमजोरी ऑफ स्टंप से बाहर जाती गेंदों से काफी वार किया और विकेट झटकने की कोशिश की लेकिन कोहली सम्भल कर बल्लेबाजी करते रहे। जब कोहली ने पिच पर नजरें जमा ली उसके बाद खुल कर खेलने लगे। मुरली विजय जब 136 रन बनाकर आउट हुए उसके बाद भारतीय विकेट लगातार गिरने लगे। कोहली ने जब अपना 15वां सैकड़ा पूरा किया उस समय तक भारत के 7 बल्लेबाज पवेलियन लौट चुके थे। लेकिन, दूसरे छोड़ पर जयंत यादव जम गये और कोहली को 200 बनाने का मौका मिल गया जिसे उन्होंने हाथ से जाने नहीं दिया। अपने आकर्षक शॉट की मदद से कोहली ने लगातार 3 टेस्ट सीरीज में अपना तीसरा दोहरा शतक पूरा कर लिया। रन गति को तेज करने के चक्कर में कोहली 235 रनों पर आउट हो गये और यह किसी भी भारतीय कप्तान का सर्वाधिक व्यक्तिगत स्कोर था। कोहली की इस पारी से इंग्लैंड टीम उबर नहीं पाई और भारत ने टेस्ट के साथ-साथ सीरीज भी अपने नाम कर लिया। कोहली की 235 रनों की यह पारी उनके टेस्ट करियर से सबसे अच्छी पारियों में गिना जाता है। लेखक- साहिल जैन अनुवादक- ऋषिकेश सिंह