जब भारतीय टीम चौथा टेस्ट मैच खेलने मुंबई पहुंची तो टीम का पूरा ध्यान सीरीज जीत पर था क्योंकि भारत 5 टेस्ट मैचों की सीरीज में 2-0 की बढ़त बना चुका था। कोहली ने उस सीरीज की 6 पारियों में 40,49*,167,81,62 और 6* रन बनाये थे। इससे साफ था कि वह अच्छे फॉर्म में चल रहे थे और इस मैच में 235 रनों की पारी खेल कोहली ने तहलका मचा दिया। पहली पारी में इंग्लैंड की टीम ने 400 रन बनाये और कोहली जब तीसरे दिन बल्लेबाजी करने उतरे तो भारत उस समय 254 रनों से पिछड़ रही थी। कोहली ने अपनी पारी की शुरुआत धीमी की और खाता खोलने में 9 गेंद लगा दिए। इंग्लैंड की टीम ने शुरुआत में उनकी कमजोरी ऑफ स्टंप से बाहर जाती गेंदों से काफी वार किया और विकेट झटकने की कोशिश की लेकिन कोहली सम्भल कर बल्लेबाजी करते रहे। जब कोहली ने पिच पर नजरें जमा ली उसके बाद खुल कर खेलने लगे। मुरली विजय जब 136 रन बनाकर आउट हुए उसके बाद भारतीय विकेट लगातार गिरने लगे। कोहली ने जब अपना 15वां सैकड़ा पूरा किया उस समय तक भारत के 7 बल्लेबाज पवेलियन लौट चुके थे। लेकिन, दूसरे छोड़ पर जयंत यादव जम गये और कोहली को 200 बनाने का मौका मिल गया जिसे उन्होंने हाथ से जाने नहीं दिया। अपने आकर्षक शॉट की मदद से कोहली ने लगातार 3 टेस्ट सीरीज में अपना तीसरा दोहरा शतक पूरा कर लिया। रन गति को तेज करने के चक्कर में कोहली 235 रनों पर आउट हो गये और यह किसी भी भारतीय कप्तान का सर्वाधिक व्यक्तिगत स्कोर था। कोहली की इस पारी से इंग्लैंड टीम उबर नहीं पाई और भारत ने टेस्ट के साथ-साथ सीरीज भी अपने नाम कर लिया। कोहली की 235 रनों की यह पारी उनके टेस्ट करियर से सबसे अच्छी पारियों में गिना जाता है। लेखक- साहिल जैन अनुवादक- ऋषिकेश सिंह