वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ अपने करियर का पहला दोहरा शतक लगाने के साथ ही विराट कोहली ने कई रिकॉर्ड्स को अपने नाम किया और भारत से बाहर डबल सेंचुरी लगाने वाले पहले भारतीय कप्तान भी बन गए। कोहली भी इस दोहरे शतक से बेहद संतुष्ट नज़र आए, इस रिकॉर्ड पारी के बाद कोहली ने वेस्टइंडीज़ में 2011 में खेली गई अपनी पहली सीरीज़ को भी याद किया और कहा कि अब उन दाग़ों को भी इस पारी ने धो दिया है। "हां मुझे इस पारी से बेहद संतुष्टी मिल रही है, मैंने अपना टेस्ट डेब्यू कैरेबियन सरज़मीं पर ही किया था। जो मेरे लिए अच्छी नहीं गई थी। दोबारा यहां आते हुए और पहली ही पारी में दोहरा शतक लगाकर बहुत अच्छा लगा। ऐसा लगा मानो इस पारी ने पिछले दाग़ों को धो दिया।" :विराट कोहली 2011 में जब विराट कोहली ने वेस्टइंडीज़ में अपने टेस्ट करियर की शुरुआत कोहली ने की थी, तब उन्होंने महज़ 15 की औसत से रन बनाए थे। 27 वर्षीय इस भारतीय कप्तान ने दोहरा शतक लगाते हुए पुरानी और निराशाजनक यादों को कम कर दिया। कोहली ने इस पारी के बाद अपनी सेल्फ़ी से क्रिकेट फ़ैंस को एक मैसेज भी दिया है।
टेस्ट मैच के साथ साथ विराट कोहली का ये प्रथम श्रेणी में भी पहला दोहरा शतक है, जिसको लेकर कोहली काफ़ी ख़ुश हैं। "मैं जानता हूं कि मैं बड़े शतक बना सकता हूं, लेकिन इसमें थोड़ा वक़्त लगा, प्रथम श्रेणी में भी ये मेरा पहला दोहरा शतक है। इसलिए मुझे बहुत अच्छा अहसास हो रहा कि आख़िरकार मैंने इस कीर्तिमान को पार किया।" :विराट कोहली विराट कोहली पांचवें भारतीय कप्तान भी बन गए हैं, जिन्होंने टेस्ट में दोहरा शतक लगाया हो।