SAvIND: डरबन और सेंचुरियन के बाद अब कोहली एंड कंपनी की नज़र केपटाउन जीतने के साथ 3-0 पर

दक्षिण अफ़्रीका दौरे पर गई टीम इंडिया ने जिस तरह से लगातार दो मैचों में हार के साथ आग़ाज़ किया था, तब शायद ही किसी ने सोचा होगा कि भारत इस तरह पलटवार करेगा। जोहांसबर्ग में खेले गए तीसरे टेस्ट में मिली शानदार जीत ने भारतीय क्रिकेट टीम में आत्मविश्वास भर दिया। जिसका नतीजा है कि 6 मैचों की वनडे सीरीज़ के पहले दो मुक़ाबलों में विराट कोहली की इस टीम ने खेल के हर विभाग में मेज़बान को चारों खाने चित कर दिया।

कोहली का कारवां पहुंचा केपटाउन जहां से हुआ था दौरे का आग़ाज़

डरबन और सेंचुरियन में जीत के बाद टीम इंडिया केपटाउन के उसी मैदान पर आज तीसरा वनडे खेलेगी, जहां से भारत ने दौरे की शुरुआत की थी। केपटाउन में खेले गए पहले टेस्ट में मेज़बान टीम को जीत हासिल हुई थी, लेकिन अब कहानी बदल चुकी है। सेंचुरियन और डरबन में लगातार दो जीतों से 6 मैचों की वनडे सीरीज़ में भारत को 2-0 की बढ़त हासिल है और केपटाउन की जीत का मतलब होगा सीरीज़ में अजेय हो जाना। लिहाज़ा केपटाउन में दबाव मेहमानों पर नहीं बल्कि मेज़बानों पर होगा।

मेज़बानों के लिए बेहद भाग्यशाली रहा है केपटाउन

सीरीज़ में अब तक भारत ने शानदार प्रदर्शन किया है और उम्मीद रहेगी कि केपटाउन में भी टीम इंडिया इसी लय को बरक़रार रखे। मेज़बानों की चोट और स्पिनर्स के ख़िलाफ़ उनकी परेशानी मैच से पहले ही भारत को मज़बूत बता रही है, लेकिन एक चीज़ ऐसी भी है जिससे भारत को होशियार रहना होगा। और वह है प्रोटियाज़ का इस मैदान पर शानदार आंकड़ा, दक्षिण अफ़्रीका को केपटाउन में खेले गए 33 वनडे मैचों में 28 जीत हासिल हुई है। जो ये बताता है कि इस मैदान पर भाग्य हमेशा मेज़बानों के साथ रहता है, हालांकि जिन 5 मुक़ाबलों में उन्हें हार मिली है उसमें एक भारत के ख़िलाफ़ भी आई है। टीम इंडिया ने इस मैदान पर आख़िरी बार 2011 में जीत दर्ज की थी, जब 2 विकेट से मेज़बानों को हराया था।

पिच का पेंच और मौसम का मिज़ाज

केपटाउन के न्यूलैंड्स की पिच टेस्ट में जो दिख रही थी, वनडे में उससे अलग है। टेस्ट में जहां इस पिच पर घास थी, तो वहीं वनडे के लिए घास हटा दी गई है और एक सपाट बल्लेबाज़ी पिच मानी जा रही है। केपटाउन का इतिहास भी बड़े स्कोर वाले मैचों का रहा है, इत्तेफ़ाक से इस मैदान पर पिछला वनडे भी आज के ही दिन यानी 7 फ़रवरी 2017 को खेला गया था। दक्षिण अफ़्रीका और श्रीलंका के बीच हुए उस मुक़ाबले में कुल 694 रन बने थे, फ़ाफ़ डू प्लेसी ने उसी मैच में अपने करियर की सबसे बड़ी 185 रनों की पारी खेली थी। मेज़बानों ने 367 रन बनाए थे जिसके जवाब में श्रीलंका भी 327 रनों तक पहुंच गया था। मतलब साफ़ है कि पिच एक बार फिर बल्लेबाज़ों के लिए जन्नत साबित हो सकती है, भारत के कलाईयों के दो जादूगरों से बचने के लिए प्रोटियाज़ भी चाहेगा कि पिच बल्लेबाज़ों के लिए ही मूफ़ीद हो। बात मौसम की करें तो क्रिकेट के लिए एक और बेहतरीन मौसम की बात की जा रही है। जहां बारिश की संभावना न के बराबर है, और वैसे भी केपटाउन दुनिया के उन चुनिंदा मैदानों में से एक है जहां आज तक कोई भी वनडे मुक़ाबला बारिश की भेंट नहीं चढ़ा है। इस मैदान पर अब तक खेले गए सभी 39 वनडे मैचों में नतीजे आए हैं, और आज भी उम्मीद यही की जा रही है।

चोट से परेशान मेज़बानों की क्या होगी टीम कॉम्बिनेशन ?

दक्षिण अफ़्रीका के लिए ये सीरीज़ अगर किसी चीज़ के लिए सबसे ज़्यादा याद की जाएगी तो उनके स्टार खिलाड़ियों की चोट की समस्या के लिए। इसी मैदान से चोट की शुरुआत हुई थी, जब पहले टेस्ट के दौरान डेल स्टेन चोटिल हो गए थे। इसके बाद तीसरे टेस्ट में एबी डीविलियर्स को भी चोट लगी और वह वनडे सीरीज़ के पहले 3 मैचों से बाहर हो गए। ये सिलसिला डरबन में भी जारी रहा जब प्रोटियाज़ कप्तान फ़ाफ़ डू प्लेसी विराट कोहली का कैच पकड़ने के प्रयास में अपनी उंगली तोड़वा बैठे और सीमित ओवर सीरीज़ से बाहर हो गए। ये एक बड़ा झटका था, लेकिन ये फ़ेहरिस्त यहीं नहीं थमी, सेंचुरियन वनडे में विकेटकीपर बल्लेबाज़ क्विंटन डी कॉक भी चोटिल हो गए और अब वह भी सीमित ओवर सीरीज़ से बाहर हो गए हैं। डी कॉक की जगह केपटाउन वनडे में हेनरिक क्लासेन डेब्यू करेंगे, हालांकि विकेटकीपर की भूमिका तो क्लासेन निभाएंगे लेकिन हाशिम अमला के साथ सलामी बल्लेबाज़ी करने कप्तान एडेन मार्करम आ सकते हैं। इसके अलावा एक और बदलाव जो मेज़बान कर सकती है वह ये है कि भारतीय स्पिनर्स के सामने एक अतिरिक्त बल्लेबाज़ के साथ जा सकती है, ऐसा हुआ तो तबरेज़ शम्सी की जगह फ़रहान बेहरदीन को प्लेइंग-XI में शामिल किया जा सकता है। दूसरी तरफ़ लगातार दो वनडे में कमाल का प्रदर्शन करने वाली भारतीय टीम केपटाउन में भी विनिंग कॉम्बिनेशन में कोई छेड़छाड़ करने के मूड में नहीं है। भारत संभावित-XI: शिखर धवन, रोहित शर्मा, विराट कोहली, अजिंक्य रहाणे, एम एस धोनी, केदार जाधव, हार्दिक पांड्या, भुवनेश्वर कुमार, कुलदीप यादव, युज़वेंद्र चहल और जसप्रीत बुमराह दक्षिण अफ़्रीका संभावित-XI: हाशिम अमला, एडेन मार्करम, जेपी डुमिनी, डेविड मिलर, खोया ज़ोंडो, हेनरिक क्लासेन, फ़रहान बेहरदीन, क्रिस मॉरिस, कगिसो रबाडा, मोर्न मोर्केल और इमरान ताहिर