मौजूदा दौर में विश्व क्रिकेट में जिन दो बल्लेबाज़ों के बीच सर्वश्रेष्ठ कहलाने या होने की होड़ है, वह हैं टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली और ऑस्ट्रेलिया के कप्तान स्टीव स्मिथ। हालांकि इस फ़ेहरीस्त में इंग्लैंड के जो रूट और न्यूज़ीलैंड के केन विलियमसन का नाम न लेना भी ग़लत होगा। रूट और विलियमसन की प्रतिभा पर तो किसी को शक नहीं है पर इन दोनों ही बल्लेबाजों में निरंतरता की कमी ज़रूर है। यही वजह है कि कोहली और स्मिथ ने दुनिया के बेहतरीन बल्लेबाज़ों की इस लड़ाई को एक दूसरे के ख़िलाफ़ ही सीमित कर लिया है। इन दोनों ही बल्लेबाज़ों ने बेहतरीन कहलाने का पैमाना कुछ ऐसा तय कर दिया है जिसके आस पास पहुंचना भी दूसरे बल्लेबाज़ों के लिए किसी चमत्कार से कम नहीं। वनडे क्रिकेट में 32 शतक और 9 हज़ार रन बनाने वाले कोहली मौजूदा दौर में सीमित ओवर क्रिकेट में इतनी तेज़ी से आगे बढ़ रहे हैं कि दूसरे सभी बल्लेबाज़ और रिकॉर्ड पीछे छूटते जा रहे हैं। अगर ये कहा जाए कि सीमित ओवर क्रिकेट की रेस में उनकी रफ़्तार उसैन बोल्ट से भी तेज़ है तो ग़लत नहीं होगा। सीमित ओवर के साथ साथ टेस्ट क्रिकेट में भी विराट कोहली बेस्ट कहलाने के लिए पूरी कोशिश कर रहे हैं, पिछले डेढ़ सालों में 6 दोहरे शतक लगाते हुए उन्होंने क्रिकेट के सर्वश्रेष्ठ प्रारूप में भी ख़ुद को सर्वश्रेष्ठ बनाने की ओर कदम ज़रूर बढ़ा दिए हैं। लेकिन सफ़ेद लिवास में टेस्ट के बेस्ट बल्लेबाज़ की रेस में वह अकेले नहीं हैं, यहां कोहली की प्रतिस्पर्धा है स्टीव स्मिथ के साथ। जैसे सीमित ओवर में कोहली काफ़ी आगे हैं, तो टेस्ट में स्मिथ भी हैं काफ़ी ऊपर। इसका सबूत है उनके आंकड़े, कोहली से 4 मैच और 2 पारियां कम खेलने वाले स्मिथ के नाम हैं कोहली से 2 ज़्यादा शतक यानी 22 शतक और क़रीब 500 अधिक रन। हालांकि इसमें कुछ ख़ास अंतर नहीं है, और आप सोच रहे होंगे कि तो फिर स्मिथ कैसे हैं बहुत ऊपर। इसे भी पढ़ें: विश्व के नंबर एक बल्लेबाज विराट कोहली के साथ मेरी तुलना करना सही नहीं है दरअसल, जो चीज़ इन दोनों शानदार खिलाड़ियों के बीच अंतर पैदा करती है वह है टेस्ट की बल्लेबाज़ी औसत। विराट कोहली के नाम 53.75 की शानदार औसत है तो स्मिथ ने टेस्ट क्रिकेट में अब तक 59 मैचों में 62.32 की बेमिसाल औसत से रन बनाए हैं। इतना ही नहीं टेस्ट क्रिकेट इतिहास में औसत के मामले में अब स्मिथ सिर्फ़ और सिर्फ़ महानतम बल्लेबाज़ सर डॉन ब्रैडमैन से ही पीछे हैं जिनकी औसत 99.94 की थी। तस्वीर अभी भी अधूरी है, एक और चीज़ है जो स्मिथ को कोहली से कम से कम अभी तो आगे रखे हुए है। किसी भी बल्लेबाज़ के लिए ज़रूरी होता है कि वह हर परिस्थिति में और हर पिच पर शानदार प्रदर्शन करे और यही उन्हें बेहतर से सर्वश्रेष्ठ की श्रेणी में ले जाता है। वैसे तो विराट कोहली की बल्लेबाज़ी में पिछले कुछ सालों से परिपक्वता नज़र आई है लेकिन एक जगह है जहां उन्हें मेहनत करने की ज़रूरत है और अगर उन्होंने उस कमी को भी पूरा कर लिया तो आने वाले वक़्त में वह स्मिथ को भी पीछे छोड़ सकते हैं। और ये है सीमींग कंडीशन और ख़ास तौर से इंग्लैंड में उनका फ़्लॉप रहना। विराट कोहली ने अब तक अपने करियर में सिर्फ़ एक बार इंग्लैंड का दौरा किया है, जो उनके लिए बेहद निराशाजनक रहा था। कोहली ने 5 मैचों की 10 पारियों में महज़ 13.40 की औसत से 134 रन बनाए थे जिसमें उनका उच्चतम स्कोर 39 रन रहा था। ऐसा माना जाता है कि एशियाई बल्लेबाज़ तेज़ और सीमींग कंडीशन में अच्छा नहीं खेल पाते और विदेशी बल्लेबाज़ भारतीय उपमहाद्वीप में स्पिन गेंदबाज़ों के ख़िलाफ़ परेशान होते हैं। कोहली के ये आंकड़े इसकी गवाही भी दे रहे हैं, और यही होता है बेहतर और सर्वश्रेष्ठ का फ़र्क़। अब देखिए दूसरी तस्वीर जहां स्मिथ का भारतीय पिचों पर प्रदर्शन शानदार रहा है, वह भी तब जब रविंद्र जडेजा और आर अश्विन की जोड़ी के सामने दूसरे विपक्षी बल्लेबाज़ पनाह मांग रहे थे। स्टीव स्मिथ भारत के दौरे पर दो बार आए हैं, पहली बार वह 2012-13 में आए थे जब उन्होंने 2 टेस्ट की 4 पारियों में 40.25 की अच्छी औसत से 161 रन बनाए थे। लेकिन इसके बाद दोबारा जब स्मिथ भारत आए तो उनका प्रदर्शन बेमिसाल रहा। इसी साल की शुरुआत में ऑस्ट्रेलिया 4 टेस्ट मैचों सीरीज़ खेलने के लिए भारत दौरे पर आई थी, जहां 4 मैचों की 8 पारियों में स्मिथ ने 3 शतक और 71.01 की लाजवाब औसत से 499 रन बनाए थे। पुणे टेस्ट की स्पिन के लिए मददगार पिच पर तो उन्होंने शतकीय पारी खेलते हुए ऑस्ट्रेलिया को भारत के ख़िलाफ़ बड़ी जीत भी दिलाई थी। स्मिथ ने अपने इस प्रदर्शन से साबित किया था कि उनके लिए पिच या परिस्थिति मायने नहीं रखती, और इसी वजह से वह दूसरों से कहीं आगे हैं। इन्हीं आंकड़ों और स्मिथ की निरंतरता के आधार पर मैं मौजूदा दौर में स्टीवेन स्मिथ को दुनिया का सर्वश्रेष्ठ टेस्ट बल्लेबाज़ मानता हूं। हालांकि आने वाले समय में जब भारत को विदेशी धरती पर ज़्यादा मैच खेलने हैं और उसमें इंग्लैंड का दौरा भी शामिल है, तो विराट कोहली के पास मौक़ा होगा कि अपने प्रदर्शन से स्मिथ के ख़िलाफ़ लंबे होते फ़ासले को वह कम कर सकें। उम्मीद मुझे भी रहेगी कि कोहली विदेशी सरज़मीं पर भी अपने विराट प्रदर्शन से सीमित ओवर की तरह टेस्ट में भी बेस्ट बनें, लेकिन फ़िलहाल मुझे ये कहने में कोई संकोच नहीं कि सीमित ओवर में कोहली हैं ‘विराट’ तो टेस्ट में स्मिथ हैं ‘सर्वश्रेष्ठ’।