कौवा और उल्लू एक दूसरे के पारम्परिक दुश्मन हैं। कौवा का ग्रुप उल्लू को उजाड़ देना चाहता है और उल्लू उन्हें अपने अधिकार क्षेत्र में प्रवेश नहीं करने देता है। ये दोनों एक दूसरे के सीक्रेट को बखूबी जानते हैं। कौवे अक्सर उल्लू के अधिकार क्षेत्र में घुस जाते हैं और उनके घोसले को उजाड़ देता हैं। जिससे उनकी मौत हो जाती है। “ आप गंभीर नहीं हो सकते हैं , बिलकुल नहीं हो सकते! गेंद अगर लाइन पर है तो उसे उड़ा दो! ये पूरी तरह से अंदर थी! आप लोगों ने ये शब्द जरूर सुने होंगे।” जॉन मैकेनरो जब ये रोल अदा करते थे, तो उनकी बांह, दिमाग, जीभ प्राय: सही और गलत को बयां कर देते थे। आप ऐसे खेल पर सवाल उठा सकते हैं, लेकिन आप जीतने के लिए तेज खेलते हैं। तो इसमें कोई बुरे नहीं है। अगर आपको दुनिया को दिखाना है कि आप हर उस मौके में गर्मजोशी ला सकते हैं। तो आपको एक निडर योद्धा की तरह खेलना होगा। हमने धोनी का शांत स्वभाव, द्रविड़ ठोस दीवार की तरह तीव्रता और स्टीव को बतौर कप्तान जनस समझा और देखा है। साथ ही अजहर को भी देखा है जिनके अंडर में खिलाड़ी काफी खुले से महसूस करते थे। लेकिन इन सबों में दर्शकों के नजरिये एक कमी रही थी। जो विराट ने बिलकुल ही नहीं छोड़ा है। वह मैदान पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की तरह जवाबी हमले के लिए तैयार रहते हैं। विराट स्कोर का पीछा करने में काफी माहिर खिलाड़ी हैं। वह एक शिकारी की तरह सांड के सींग पर नियंत्रण रखना जानते हैं। उनका हर शतक और छक्का पहले से अच्छा होता है। जहाँ हर कोई उनकी क्षमता पर काफी यकीन करता है। विराट की तरह ही हमने नोवाक की आँखों में गेंद का पीछा करने की भूख देखी है। “कोहली में वह सबकुछ है। वह द्रविड़ जैसी तीव्रता, सहवाग जैसा साहस और तेंदुलकर जैसे शॉट की विविधता रखते हैं। ये उन्हें अच्छा नहीं बनाते हैं बल्कि उन्हें सबसे अलग लाकर खड़ा करते हैं।” -न्यूज़ीलैंड के भूतपूर्व कप्तान मार्टिन क्रो जैसे-जैसे समय बीतता जा रहा है कोहली वैसे-2 कोहली निरंतर परिपक्व आक्रामक खिलाड़ी होते जा रहे हैं। उनके दिमाग में क्या चल रहा है ये उनकी आंखे बताती हैं। ऐसी निष्ठुरता किसी दुसरे खिलाड़ी में देखने को नहीं मिल रही है। उनकी चमक इतनी तेज है जो विपक्षी खिलाड़ियों की नजरों में देखते ही बनती है। विराट क्रिकेट के नोवाक हैं। वह अपने खाने पीने और वर्कआउट पर भी काफी ध्यान देते हैं। वह ऐसी तैयारी करते हैं मानो वह किसी बॉक्सिंग रिंग में सांड से लड़ने जा रहे हों। वह जिस अंदाज में खेलते हैं उसके पीछे उनकी मेहनत का कमाल है। वह परिणाम में अहम किरदार की तरह हैं। वह इंच-इंच के लिए फाइट करते हैं और अंत फिनिश लाइन को पार करते हैं।