4 क्षेत्रों में विराट कोहली को है सुधार की जरूरत

England v India: Specsavers 5th Test - Day Five

दुनिया में इस समय अगर किसी क्रिकेटर का बोलबाला है तो वह है विराट कोहली। भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली क्रिकेट के हर फॉर्मेट में शानदार प्रदर्शन करते आ रहे हैं। वहीं विराट कोहली को टीम इंडिया के अकेले योद्धा के तौर पर भी देखा जाता है, जो कि पूरी टीम के धराशायी होने के बाद भी क्रीज पर अपने पांव जमाए रखते हैं।

विराट कोहली दुनिया में अब रन मशीन के तौर पर देखे जाते हैं। मैच दर मैच कोहली रन बना रहे हैं और नए कीर्तिमान भी स्थापित कर रहे हैं। हालांकि कुछ ऐसी भी चीजें हैं जिनपर विराट कोहली को सुधार करने की जरूरत है। आइए जानते हैं इनके बारे में...

#1 प्रेस वार्ता

कई बार प्रेस वार्ता के दौरान देखा गया है कि भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली रिपोर्टर के सवालों पर गुस्सा जाते हैं। जिसके बाद वो रिपोर्टर्स को नकारात्मक जवाब भी दे देते हैं। ऐसे में विराट कोहली को प्रेस वार्ता के दौरान सवालों के जवाब देने के रवैये में सुधार लाने की जरूरत है।

#2 टीम चयन

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भारतीय क्रिकेट टीम ने हाल ही इंग्लैंड का दौरा किया। इस दौरे में भारत ने पांच मैचों की टेस्ट सीरीज खेली, जिसमें टीम इंडिया को शिकस्त का सामना करना पड़ा। पांच मैचों की सीरीज में भारत सिर्फ एक टेस्ट मैच ही जीतने में कामयाब हो सका। वहीं तीन मैचों में टीम इंडिया को हार झेलनी पड़ी। इस टेस्ट सीरीज में विराट कोहली को छोड़कर टीम इंडिया का कोई भी खिलाड़ी बेहतर प्रदर्शन नहीं कर सका। ऐसे में न तो गेंदबाज अपनी गेंदों से कमाल दिखा सका तो न ही बल्लेबाज अपने बल्ले से रन स्कोर कर सका। शिखर धवन इस टेस्ट सीरीज में हर बार नाकाम साबित हुए, लेकिन उन्हें बार-बार खेलने का मौका दिया गया। हार्दिक पांड्या भी टेस्ट में बेस्ट साबित नहीं हो सके। इससे सीख लेकर विराट कोहली को भी अब अपने टीम चयन में सुधार लाना चाहिए।

#3 खिलाड़ियों में विश्वास स्थापित करना

Rahane and Pujara need to be backed to perform

बेशक विराट कोहली एक शानदार खिलाड़ी के साथ एक बेहतर कप्तान भी हैं। उन्हें पूरी भारतीय क्रिकेट टीम को साथ लेकर आगे बढ़ना है। ऐसे में टीम इंडिया के खिलाड़ियों में विश्वास पैदान करना काफी अहम काम होता है। विराट कोहली को अपने टीम के खिलाड़ियों में विश्वास स्थापित करने का काम करना आना चाहिए। इन खिलाड़ियों में विशेषकर अजिंक्य रहाणे और चेतेश्वर पुजारा का नाम काफी अहम है, ताकि कभी भी उनका आत्मविश्वास कम न हो और हर मोर्चे पर विरोधियों का डटकर सामना कर सके।

#4 डीआरएस

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वर्तमान में डीआरएस (डिसीजन रिव्यू सिस्टम) क्रिकेट टीमों के लिए एक वरदान के तौर पर सामने आया है। डीआरएस के जरिए किसी डाउटफुल हालात में अंपायर के निर्णय को बदला जा सकता है। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को डीआरएस लेने में महारत हासिल है। धोनी के जरिए सुझाए गए मौकों पर डीआरएस लेने से टीम को जरूर फायदा होता है।हालांकि विराट कोहली डीआरएस लेने के मामले में नाकाम देखे गए हैं। आंकड़े भी इस बात की गवाही देते हैं। 2016/17 में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज के बाद से कोहली ने 93 मौकों पर डीआरएस लेते हुए अंपायर के फैसले को चुनौती देने का फैसला किया। इन 93 डीआरएस में से केवल 15 बार ही विराट को सफलता हासिल हुई. जबकि दस को अंपयार के फैसले पर ही बरकरार रखा गया और बाकि 68 बेकार गए। ऐसे में विराट कोहली को डीआरएस कॉल को लेकर सुधार करना चाहिए।

लेखक: वैभव जोशी

अनुवादक: हिमांशु कोठारी

Edited by निशांत द्रविड़
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