रनों का पीछा करने वाला सबसे बड़ा खिलाड़ी
किसी भी क्रिकेटर की असली ताकत का अंदाजा तभी लगाया जा सकता है जब दबाव और मुश्किल परिस्थितियों में होता है। लक्ष्य का पीछा करते हुए एक खिलाड़ी को अपनी भावनाओं और तंत्रिकाओं को संभालते हुए, बढ़ते हुए रनरेट का पीछा करने की क्षमता और टीम को जीत के अंत तक पहुंचने में तालमेल बैठाना और उन्हें गाइड करते रहना, यह चैपिंयन का गुण होता है और फिर यहां से कोहली बनता है।
कोहली को चेज़ मास्टर के नाम से जाना जाता है। 109 वनडे मैचों में लक्ष्य का पीछा करते हुए कोहली ने सिर्फ 102 पारी में 18 शतक लगाए हैं। कोहली ने सचिन तेंदुलकर द्वारा लक्ष्य का पीछा करते हुए बनाए गए 17 शतकों के रिकॉर्ड को तोड़ दिया है।
उससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण यह है कि लक्ष्य का पीछा करते हुए लगाये गये 18 में से 16 शतकों के कारण टीम इंडिया को जीत मिली है। एक बार फिर से इस मामले में भी विराट ने तेंदुलकर को पीछे छोड़ दिया है। सचिन ने लक्ष्य का पीछा करते हुए लगाए गये 15 शतकों से टीम को जीत दिलायी थी।
लक्ष्य का पीछा करते हुए वनडे में कोहली की औसत 66.26 है जोकि कम से कम 17 अंतर्राष्ट्रीय मैच खेल चुके किसी भी बल्लेबाज में सबसे अधिक है। ये सभी आंकड़े एक ऐसे व्यक्ति की ओर इशारा करते हैं जो उनके बेहतरीन कौशल को प्रदर्शन करने में कभी भी दबाव को आगे आने नहीं देता है और विरोधियों की चाल में ना फंसते हुए टीम को जीत की मंजिल तक पहुंचाता है।