विराट कोहली को कोच चुनने की प्रक्रिया में शामिल नहीं होना चाहिए था: पूर्व चयनकर्ता राजा वेंकट

भारत के पूर्व चयनकर्ता राजा वेंकट ने स्पोर्ट्सकीड़ा को दिए गए इंटरव्यू में बीसीसीआई और कप्तान विराट कोहली को आड़े हाथों लिया है। राजा वेंकट 2008 से 2012 तक चयनकर्ता रहे वेंकट ने इससे पहले भी ये बताया था कि कैसे उनके कार्यकाल में बीसीसीआई के अध्यक्ष एन.श्रीनिवासन ने एमएस धोनी की कप्तानी का बचाव किया था, जब चयनकर्ताओं ने उन्हें एकदिवसीय की कप्तानी से हटाने का फैसला कर लिया था। बंगाल के लिये रणजी खेलने वाले राजा वेंकट को ईस्ट ज़ोन से चयनकर्ता नियुक्त किया गया था। राजा वेंकट ने सबसे पहले रवि शास्त्री के भारतीय टीम के कोच नियुक्त जाने पर कहा कि पिछले साल उन्हें हटाया ही नहीं जाना चाहिए था, क्योंकि टीम उनके साथ काफी अच्छा प्रदर्शन कर रही थी। दूसरी बात कि जिस तरह अनिल कुंबले को अपना पद छोड़ना पड़ा, वो काफी दुखद था, क्योंकि कुंबले भारत के महानतम खिलाड़ियों में शुमार हैं। राजा वेंकट ने ये भी कहा कि सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण ने जो फैसला लिया है, उसका हमें सम्मान करना चाहिए क्योंकि तीनों भारतीय क्रिकेट के दिग्गज हैं। इसके अलावा राजा वेंकट ने कहा कि बीसीसीआई ने जिस तरह का व्यव्हार राहुल द्रविड़ और ज़हीर खान के साथ किया है, वो काफी गलत है। दोनों ने भारतीय क्रिकेट को काफी कुछ दिया है और ऐसे व्यव्हार की उम्मीद किसी को नहीं थी। वेंकट ने कहा कि भारतीय क्रिकेट अभी काफी मुश्किल में है। वेंकट ने विराट कोहली के बारे में कहा कि उन्हें कोच चयन प्रक्रिया में हिस्सा नहीं लेना चाहिए था, क्योंकि ये गलत है। गौरतलब है कि कोहली के कुंबले के साथ रिश्ते अच्छे नहीं थे, इसी वजह से कुंबले को इस्तीफा देना पड़ा था। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि रवि शास्त्री को एक कोच के तौर पर सुझाव देना चाहिए, न कि क्रिकेट के दिग्गजों के फैसले का अपमान करना चाहिए। राजा वेंकट ने ये भी कहा कि कोच चयन प्रक्रिया में चयनकर्ताओं का कुछ लेना देना नहीं होता। वेंकट ने ये भी कहा कि जब बीसीसीआई को पता था कि कुंबले और कोहली के बीच काफी समय से बातचीत बंद थी, तब उसी समय उन्हें फैसला लेना चाहिए था और चीज़ें इतनी ज्यादा न बिगड़ती।